Quantcast
Channel: Study Rankers
Viewing all articles
Browse latest Browse all 6119

एक फूल की चाह - पठन सामग्री और सार NCERT Class 9th Hindi

$
0
0

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - एक फूल की चाह स्पर्श भाग - 1

पाठ का सार

प्रस्तुत पाठ ‘एक फूल की चाह’ छुआछूत की समस्या से संबंधित कविता है। महामारी के दौरान एक अछूत बालिका उसकी चपेट में आ जाती है। वह अपने जीवन की अंतिम साँसे ले रही है। वह अपने माता- पिता से कहती है कि वे उसे देवी के प्रसाद का एक फूल लाकर दें । पिता असमंजस में है कि वह मंदिर में कैसे जाए। मंदिर के पुजारी उसे अछूत समझते हैं और मंदिर में प्रवेश के योग्य नहीं समझते। फिर भी बच्ची का पिता अपनी बच्ची की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए मंदिर में जाता है। वह दीप और पुष्प अर्पित करता है और फूल लेकर लौटने लगता है। बच्ची के पास जाने की जल्दी में वह पुजारी से प्रसाद लेना भूल जाता है। इससे लोग उसे पहचान जाते हैं। वे उस पर आरोप लगाते हैं कि उसने वर्षों से बनाई हुई मंदिर की पवित्रता नष्ट कर दी। वह कहता है कि उनकी देवी की महिमा के सामने उनका कलुष कुछ भी नहीं है। परंतु मंदिर के पुजारी तथा अन्य लोग उसे थप्पड़-मुक्कों से पीट-पीटकर बाहर कर देते हैं। इसी मार-पीट में देवी का फूल भी उसके हाथों से छूट जाता है। भक्तजन उसे न्यायालय ले जाते हैं। न्यायालय उसे सात दिन की सज़ा सुनाता है। सात दिन के बाद वह बाहर आता है , तब उसे अपनी बेटी की ज़गह उसकी राख मिलती है।

इस प्रकार वह बेचारा अछूत होने के कारण अपनी मरणासन्न बेटी की अंतिम इच्छा पूरी नहीं कर पाता। इस मार्मिक प्रसंग को उठाकर कवि पाठकों को यह कहना चाहता है कि छुआछूत की कुप्रथा मानव-जाति पर कलंक है। यह मानवता के प्रति अपराध है।

कवि परिचय

सियारामशरण गुप्त

इनका जन्म झांसी के निकट चिरगांव में सन 1895 में हुआ था। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त इनके बड़े भाई थे तथा पिता भी कविताएं लिखते थे।  ये महत्मा गांधी और विनोबा भावे के अनुयायी थे जिसका संकेत इनकी रचनाओं में मिलता है। गुप्त जी की रचनाओं का प्रमुख गुण है कथात्मकता। इन्होंने सामाजिक कुरुतियों पर करारी चोट की है। इनके काव्य की पृष्ठभूमि अतीत हो या वर्तमान , उनमें आधुनिक मानवता की करुणा , यातना और द्‍वंद्‍व समन्वित रूप में उभरा है।

प्रमुख कार्य

प्रमुख कृतियाँ - मौर्य विजय , आर्द्रा , पाथेय , मृण्मयी , उन्मुक्त , आत्मोत्सर्ग , दूर्वादल और नकुल।

कठिन शब्दों के अर्थ

• उद्‍वेलित – भाव–विह्वल
• अश्रु- राशियाँ – आँसुओं की झड़ी 
• प्रचंड – तीव्र 
• क्षीण – दबी आवाज़ 
• मृतवत्सा – जिस माँ की संतान मर गई हो 
• रुदन – रोना 
• दुर्दांत – जिसे दबाना या वश में करना करना हो 
• कॄश – कमज़ोर 
• रव – शोर 
• तनु - शरीर
• शिथिल – कमज़ोर
• अवयव - अंग
• विह्वल – बेचैन
• स्वर्ण घन - सुनहले बादल
• ग्रसना - निगलना
• तिमिर – अंधकार 
• विस्तीर्ण – फैला हुआ 
• रविकर जाल - सूर्य किरणों का समूह
• अमोदित - आनंदपूर्ण
• ढिकला - ठेला गया
• सिंह पौर - मंदिर का मुख्या द्वार
• परिधान - वस्त्र
• शुचिता – पवित्रता
• सरसिज – कमल 
• अविश्रांत – बिना थके हुए 
• कंठ क्षीण होना - रोने के कारण स्वर का क्षीण या कमजोर होना।
• प्रभात सजग - हलचल भरी सुबह।

View NCERT Solutions of एक फूल की चाह

Viewing all articles
Browse latest Browse all 6119

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>