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राजस्थान की रजत बूंदें - पठन सामग्री और सार NCERT Class 11th Hindi

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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 2 - राजस्थान की रजत बूंदें (Rajasthan ki Rajat Bunden) वितान भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes

सारांश

प्रस्तुत पाठ ‘राजस्थान की रजत बूँदें’ प्रसिद्ध पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र द्वारा रचित है, जिसमें राजस्थान की मरुभूमि में पानी के स्रोत कुंई का वर्णन किया गया है| कुंई का निर्माण राजस्थान में जल संरक्षण के लिए किया जाता है|

कुंई की खुदाई और चिनाई करने वाली लोगों को चेलवांजी या चिजारो कहा जाता है और उनका काम चेजा कहलाता है| चेलवांजी या चिजारो कुंई के भीतर लगभग तीस-पैंतीस हाथ तक खुदाई कर चुके हैं| कुंई का व्यास बहुत ही संकरा होता है, जिसके कारण खुदाई का काम बसौली से किया जाता है| कुंई की गहराई में गरमी को कम करने के लिए ऊपर जमीन में खड़े लोग बीच-बीच में मुट्ठी भर रेत बहुत जोर के साथ नीचे फेंकते हैं| इससे ताज़ी हवा नीचे जाती है और गर्म हवा ऊपर लौट जाती है| ऊपर से फेंकी जा रही रेत से बचने के लिए चेलवांजी अपने सिर पर धातु का एक बर्तन टोप की तरह पहनते हैं|

कुंई का अर्थ है छोटा-सा कुआँ| सामान्य कुएँ की तुलना में कुंई का व्यास बहुत कम होता है लेकिन इसकी गहराई लगभग एक समान होती है| कुआँ भूजल को पाने के लिए बनता है पर कुंई में वर्षा जल को संग्रहित किया जाता है| मरुभूमि में रेत का विस्तार और गहराई अथाह है| वर्षा होने पर जल भूमि पर पड़ते ही रेत में समा जाता है| यहाँ कहीं-कहीं रेत के सतह के पचास-साठ हाथ नीचे खड़िया पत्थर की पट्टी चलती है| कुएँ में पाया जाने वाला भूजल पीने लायक नहीं होता क्योंकि वह प्रायः खारा होता है| खड़िया पट्टी वर्षा जल को गहरे खारे भूजल तक जाकर मिलने से रोकती है| ऐसी स्थिति में उस बड़े क्षेत्र में बरसा पानी भूमि की रेतीली सतह और नीचे चल रही पथरीली पट्टी के बीच अटक कर नमी की तरह फ़ैल जाता है| मरुभूमि में रेत के कण समान रूप से बिखरे रहते हैं| पानी गिरने पर ये कण भारी हो जाते हैं पर अपनी जगह नहीं छोड़ते| भीतर समाया वर्षा का जल भीतर ही बना रहता है| इस हिस्से में बरसी बूँद-बूँद रेत में समाकर नमी में बदल जाती है| यहाँ कुंई के निर्माण से रेत में समाई नमी बूँदों में बदलकर धीरे-धीरे रिसती रहती है और कुंई में पानी जमा होने लगता है| यह पानी खारे पानी के सागर में अमृत जैसा मीठा होता है|

यहाँ पानी को तीन रूपों में बाँटा गया है| पहला पालरपानी यानी सीधे बरसात से मिलने वाला पानी| यह धरातल पर बहता है और इसे नदी, तालाब आदि में रोका जाता है| पानी का दूसरा रूप पातालपानी कहलाता है| यह वही भूजल है जो कुओं में से निकाला जाता है| पालरपानी और पातालपानी के बीच पानी का तीसरा रूप रेजाणीपानी कहलाता है| धरातल से नीचे उतरा लेकिन पाताल में न मिल पाया पानी रेजाणी है| रेजाणीपानी खड़िया पट्टी के कारण पातालीपानी से अलग बना रहता है| इस पट्टी के अभाव में ही रेजाणीपानी खारे पातालीपानी से मिलकर खारा हो जाता है| इसी रेजाणीपानी को समेटने के लिए कुंई का निर्माण किया जाता है|

कुंई की खुदाई या चिनाई के काम में जरा-सी चूक से चेजारो या चेलवांजी के प्राण भी जा सकते हैं| बीस-पच्चीस हाथ की गहराई तक जाते-जाते गरमी बढ़ती जाती है और हवा भी कम होने लगती है| ऊपर से फेंकी जा रही रेत कुंई में काम कर रहे चेलवांजी को राहत दे जाती है| कभी-कभी कुंई बनाते समय ईंट की चिनाई से मिट्टी को रोकना संभव नहीं हो पाता| इसके लिए लकड़ी के लट्ठे नीचे से ऊपर की ओर एक दूसरे में फँसा कर सीधे खड़े किए जाते हैं| फिर इन्हें खींप या चग की रस्सी से बाँधा जाता है| यह बँधाई भी कुंडली का आकार ले लेती है, इसलिए इसे साँपणी भी कहते हैं|

खुदाई और चिनाई का काम कर रहे चेलवांजी को मिट्टी की खूब परख रहती है| खड़िया पत्थर की पट्टी आते ही सारा काम रोक दिया जाता है| उसी क्षण नीचे धार लग जाती है और चेजारो ऊपर आ जाते हैं| राजस्थानी परंपरा के अनुसार कुंई का काम पूरा होने के बाद चेलवांजी का विशेष ध्यान रखने के लिए विशेष भोज का आयोजन किया जाता था| उन्हें विदाई के समय तरह-तरह के भेंट दिया जाता था| चेजारो के साथ गाँव का संबंध यहीं नहीं टूट जाता था बल्कि वर्ष-भर के तीज-त्योहारों, विवाह जैसे मंगल अवसरों पर नेग, भेंट दी जाती थी और फसल आने पर खलिहान में उनके नाम से अनाज का एक अलग ढेर भी लगता था| अब सिर्फ मजदूरी देकर भी काम करवाने का रिवाज आ गया है|

कुंई का व्यास कम होने के कारण इसे साफ़ रखने के लिए ढँककर रखना आसान होता है| हरेक कुंई पर लकड़ी के बने ढक्कन ढँके मिलेंगे| कहीं-कहीं खस की टट्टी की तरह घास-फूस या छोटी-छोटी टहनियों से बने ढक्कनों का उपयोग किया जाता है| गहरी कुंई से पानी खींचने की सुविधा के लिए उसके ऊपर घिरनी या चकरी भी लगाई जाती है| गाँव में हरेक की अपनी-अपनी कुंई है तथा उसे बनाने और उससे पानी लेने का हक़ उसका अपना होता है| लेकिन कुंई का निर्माण गाँव- समाज की सार्वजनिक जमीन पर किया जाता है इसलिए निजी होते हुए भी सार्वजनिक क्षेत्र में बनी कुंइयों पर ग्राम समाज का अंकुश लगा रहता है|

राजस्थान में रेत के नीचे सब जगह खड़िया की पट्टी न होने के कारण कुंई हर जगह नहीं मिलेगी| चुरू, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर के कई क्षेत्रों में यह पट्टी चलती है और इस कारण वहाँ गाँव-गाँव में कुंइयाँ ही कुंइयाँ हैं| इस प्रकार राजस्थान में कुंई खड़िया पट्टी के बल पर खारे पानी के बीच मीठा पानी देती है|

कठिन शब्दों के अर्थ-

• उखडूँ - पंजे के बल घुटने मोड़ कर बैठना
• खींप - एक प्रकार की घास जिसके रेशों से रस्सी बनाई जाती है|
• डगालों - मोती टहनियाँ

NCERT Solutions of पाठ 2 - राजस्थान की रजत बूंदें


आलो आँधारि - पठन सामग्री और सार NCERT Class 11th Hindi

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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 3 - आलो आँधारि (Aalo Aandhir) वितान भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes

सारांश

प्रस्तुत रचना लेखिका बेबी हालदार की आत्मकथा है| उन्होंने बहुत कम आयु में ही अपने परिवार की जिम्मेदारी अकेले ही सँभाल लिया था| वह अपने पति से अलग तीन बच्चों के साथ किराए के मकान में अकेले ही रहती थी| वह काम की तलाश में इधर-उधर भटकती रहती थी| किसी के घर में नौकरानी का भी मिलता तो मजदूरी बहुत कम होती थी| इस कारण महीने के अंत में किराए की चिंता लगी रहती थी| आस-पास के लोग भी उससे तरह-तरह के सवाल पूछते थे कि वह अपने पति के साथ क्यों नहीं रहती| काम से देर से लौटने पर मकान-मालिक भी सवाल करता कि वह कौन-सा काम करती है| सुनील नाम के युवक की मदद से उसे एक घर में नौकरी मिल गई| वहाँ के मालिक एक सज्जन व्यक्ति थे| लेखिका को वह अपनी बेटी की तरह मानते थे| प्यार से लेखिका उन्हें तातुश कहती थीं|

तातुश को जब यह पता चला कि लेखिका को पढ़ने-लिखने का शौक है तो वे उसे पढ़ने के लिए उत्साहित करने लगे| उन्होंने लेखिका को कुछ किताबें दीं और समय निकाल कर पढ़ने के लिए कहा| उन्होंने लेखिका को अपनी जीवन-कहानी भी लिखने के लिए प्रेरित किया| लेखिका को किराए के घर में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था| वहाँ पानी और बाथरूम की असुविधा थी| किसी-किसी दिन उसे घर पहुँचने में देर हो जाती तो मकान-मालिक की पत्नी हजारों सवाल करती कि जब उसका पति नहीं है तो किसके साथ घूमती रहती है| आस-पास के लोग भी कानाफूसी करते रहते कि यह औरत अकेली ही अपने बच्चों के साथ क्यों रहती है| इसका पति साथ क्यों नहीं रहता है| लेखिका को अकेली देखकर कुछ लोग छेड़खानी करना चाहते और कुछ तो घर में जबरदस्ती घुस आते| तातुश के घर जाते ही लेखिका इन बातों को भूल जाती थी क्योंकि वे लेखिका से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछते| तातुश अपने मित्रों को लेखिका की पढ़ाई-लिखाई के बारे में बताते रहते थे|

एक दिन लेखिका ने काम से वापस आने पर अपने घर को टूटा हुआ पाया| इस मुसीबत में उनके दोनों भाइयों ने पास रहते हुए भी कोई सहायता नहीं की| तातुश को जब यह बात पता चली तो उन्होंने अपने घर का एक कमरा लेखिका के लिए खाली करवा दिया| तातुश उसका और उसके बच्चों का बहुत ख्याल रखते थे| तातुश ने उसके बेटे का भी पता लगा लिया और उसे बेबी से मिलवाया| लेखिका तातुश को अपने पिता के समान मानती थी| तातुश ने लेखिका के द्वारा लिखे गए लेख अपने मित्रों को भी दिखाया| वे और उनके मित्र हमेशा लेखिका को लिखने के लिए प्रोत्साहित करते थे| तातुश के एक मित्र ने लेखिका से उसकी कहानी को एक मोड़ तक पहुँचाने के लिए चिट्ठी लिखी ताकि उसकी रचना को किसी पत्रिका में छापा जा सके| तातुश के एक मित्र जिसे लेखिका जेठू कहती थी, लेखन के लिए बहुत प्रोत्साहित करते थे| उन्होंने आशापूर्णा देवी का उदाहरण देकर लेखिका का हौसला बढ़ाया| लेखिका चिट्ठियों के माध्यम से तातुश के मित्रों के साथ संपर्क में रहने लगी| उसके लिखे रचनाओं को लोग पसंद करने लगे| तातुश के कारण लेखिका की जीवन दिशा ही बदल गई| आखिरकार वह दिन भी आया जब लेखिका की लिखी रचना पत्रिका में छप गई| पत्रिका में उनकी रचना का शीर्षक था आलो-आँधारि, बेबी हालदार| लेखिका अत्यंत प्रसन्न हुई और तातुश के प्रति उनका मन कृतज्ञता से भर गया| उसने तातुश के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया|

कठिन शब्दों के अर्थ

• आलो आँधारि - अँधेरे का उजाला
• मा - माँ
• दादा - बड़े भाई
• दरकार - जरूरत
• पाड़े - मोहल्ला
• वयस - उम्र
• दीदिमा - नानी
• अभिधान - शब्दकोश
• जेठू - पिता के बड़े भाई

NCERT Solutions of पाठ 3 - आलो आँधारि

NCERT Solutions for Class 9th: Ch 3 परमाणु एवं अणु विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 3 परमाणु एवं अणु विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 36

1. एक अभिक्रिया में 5.3 g सोडियम कार्बोनेट एवं 6.0 g एथेनॉइक अम्ल अभिकृत होते हैं| 2.2 g कार्बन डाइऑक्साइड, 8.2 g सोडियम एथेनॉएट एवं 0.9 g जल उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं| इस अभिक्रिया द्वारा दिखाइए कि यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुरूप हैं|

उत्तर

सोडियम कार्बोनेट + एथेनॉइक अम्ल → सोडियम एथेनॉएट + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
उत्तर- इस अभिक्रिया में, सोडियम कार्बोनेट एथेनॉइक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर सोडियम एथेनॉएट, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल का उत्पादन करते हैं|
सोडियम कार्बोनेट + एथेनॉइक अम्ल → सोडियम एथेनॉएट + कार्बन डाइऑक्साइड + जल

सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान = 5.3 g
एथेनॉइक अम्ल का द्रव्यमान = 6.0 g
कार्बन डाइऑक्साइड = 2.2 g
सोडियम एथेनॉएट = 8.2 g
जल = 0.9 g
अब, अभिक्रिया से पहले कुल द्रव्यमान = 5.3 g +  6.0 g = 11.3 g
अभिक्रिया के बाद कुल द्रव्यमान = 2.2 g + 8.2 g + 0.9 g = 11.3 g

∴ अभिक्रिया से पहले कुल द्रव्यमान = अभिक्रिया के बाद कुल द्रव्यमान
इस प्रकार यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुरूप हैं|

2. हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 1:8 के अनुपात में संयोग करके जल निर्मित करते हैं| 3 g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए कितने ऑक्सीजन गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी?

उत्तर

यह दिया गया है कि हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 1:8 के अनुपात में संयोग करके जल निर्मित करते हैं| 
1 g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए 8 g ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है|
इसलिए 3 g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 3 × 8 = 24 g होगा|

3. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिग्रहित द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है?

उत्तर

डाल्टन के परमाणु सिद्धांत, ‘परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं न ही उनका विनाश होता है’ द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है| 

4. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिग्रहित निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?

उत्तर

डाल्टन के परमाणु सिद्धांत, ‘किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं’ निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है|

पृष्ठ संख्या 40

1. परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए|

उत्तर

कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के 1/12 वें भाग को मानक परमाणु इकाई के रूप में लेते हैं| इसे ‘u’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है|

2. एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है?

उत्तर

एक परमाणु का आकार इतना सूक्ष्म है कि इसे आँखों द्वारा देखना संभव नहीं होता है| साथ ही, किसी तत्व के परमाणु स्वतंत्र रूप से विद्यमान नहीं होते|  

पृष्ठ संख्या 44

1. निम्न के सूत्र लिखिए:

(i) सोडियम ऑक्साइड
Na2

(ii) एलुमिनियम क्लोराइड
AlCl3

(iii) सोडियम सल्फाइड
Na2S

(iv) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
Mg(OH)2

2. निम्नलिखित सूत्रों द्वारा प्रदर्शित यौगिकों के नाम लिखिए:

(i) Al2(SO4)3
एलुमिनियम सल्फेट 

(ii) CaCl2
कैल्शियम क्लोराइड

(iii) K2SO4
पोटैशियम सल्फेट

(iv) KNO3
पोटैशियम नाइट्रेट 

(v) CaCO3
कैल्शियम कार्बोनेट

3. रासायनिक सूत्र का क्या तात्पर्य है?

उत्तर

किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है|

4. निम्न में कितने परमाणु विद्यमान हैं?
(i) H2S अणु एवं
(ii) (PO4)3- आयन?

उत्तर

(i) H2S अणु में, 3 परमाणु विद्यमान है| 2 हाइड्रोजन तथा 1 सल्फर का|
(ii) (PO4)3- आयन में, पाँच परमाणु विद्यमान है| 1 फ़ॉसफोरस तथा 4 ऑक्सीजन का|

पृष्ठ संख्या 45

1. निम्न यौगिकों के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए:
H2, O2, Cl2, CO2, CH4, C2H6, C2H4, NH3, CH3OH.

उत्तर
H2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 × H2 का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 1 = 2 u

O2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 × O2 का परमाणु द्रव्यमान 
=  2 × 16 = 32 u

Cl2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 × Cl का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 35.5 = 71 u

CO2 का आण्विक द्रव्यमान = C का परमाणु द्रव्यमान + 2 × O का परमाणु द्रव्यमान
= 12 + 2 × 16 = 44 u

CH4 का आण्विक द्रव्यमान = C का परमाणु द्रव्यमान + 4 × H का परमाणु द्रव्यमान
= 12 + 4 × 1 = 16 u

C2H6  का आण्विक द्रव्यमान = 2 × C का परमाणु द्रव्यमान + 4 × H का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 12 + 4 × 1 = 28 u

NH3 = 2 × C का परमाणु द्रव्यमान + 3 × H का परमाणु द्रव्यमान
= 14 + 3×1 = 17 u

CH3OH = C का परमाणु द्रव्यमान + 3 × O का परमाणु द्रव्यमान + H का परमाणु द्रव्यमान
= 12 + 3×1 + 8 + 1 = 24 u

2. निम्न यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए:
ZnO, Na2O, K2CO3

दिया गया है:
Zn का परमाणु द्रव्यमान = 65 u
Na का परमाणु द्रव्यमान = 23 u
K का परमाणु द्रव्यमान = 39 u
C का परमाणु द्रव्यमान = 12 u एवं
O का परमाणु द्रव्यमान = 16 u है|

उत्तर

• ZnO का सूत्र इकाई द्रव्यमान = Zn का परमाणु द्रव्यमान + O का परमाणु द्रव्यमान
= 65 + 16 = 81 u

• Na2O का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 2 × Na का परमाणु द्रव्यमान + O का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 23 + 16 = 62 u

• K2CO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 2 × K का परमाणु द्रव्यमान + C का परमाणु द्रव्यमान + 3 × O का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 39 + 12 + 2 × 16
= 78 + 12 + 32 = 122 u

पृष्ठ संख्या 48

1. यदि कार्बन परमाणुओं के एक मोल का द्रव्यमान 12 g है तो कार्बन के एक परमाणु का द्रव्यमान क्या होगा?

उत्तर

कार्बन के एक मोल में परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 
कार्बन के एक मोल का द्रव्यमान = 12 g
तो, कार्बन के एक परमाणु का द्रव्यमान = 12 ÷ (6.022 × 1023) = 1.9926 × 10-23 g

2. किस में अधिक परमाणु होंगे : 100 g सोडियम अथवा 100 g लोहा (Fe)? (Na का परमाणु द्रव्यमान = 23 u, Fe का परमाणु द्रव्यमान = 56 u)

उत्तर

सोडियम (Na) का परमाणु द्रव्यमान = 23 u
तो, सोडियम (Na) का ग्राम परमाणु द्रव्यमान = 23 g
चूँकि 23 g सोडियम (Na) में परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 g
इस प्रकार 100 g सोडियम (Na) में परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023/23×100
=  2.6182 × 1024
लोहे (Fe) का परमाणु द्रव्यमान = 56 u
तो, लोहे (Fe) का ग्राम परमाणु द्रव्यमान = 56 g

चूँकि 56 g लोहे (Fe) में परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 g
इस प्रकार 100 g लोहे (Fe) में परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023/56×100 = 1.0753 × 1024 

इस प्रकार 100 g सोडियम (Na) में लोहे (Fe) की तुलना में अधिक परमाणु होंगे|

पृष्ठ संख्या 50 

1. 0.24 g ऑक्सीजन एवं बोरॉन युक्त यौगिक के नमूने में विश्लेषण द्वारा यह पाया कि उसमें 0.096 g बोरॉन एवं 0.144 g ऑक्सीजन है| उस यौगिक के प्रतिशत संघटन का भारात्मक रूप में परिकलन कीजिए|

उत्तर

यौगिक का द्रव्यमान = 0.24 g
बोरॉन का कुल द्रव्यमान = 0.096 g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 0.144 g 
इस प्रकार यौगिक में बोरॉन का प्रतिशत संघटन भारात्मक रूप में = 0.096 / 0.24 × 100% = 40%

यौगिक में ऑक्सीजन का प्रतिशत संघटन भारात्मक रूप में = 0.144 / 0.24 × 100% = 60%

2. 3.0 g कार्बन 8.00 g ऑक्सीजन में जलकर 11.00 g कार्बन डाइऑक्साइड निर्मित करता है| जब 3.00 g कार्बन को 50.00 g ऑक्सीजन में जलाएँगे तो कितने ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा? आपका उत्तर रासायनिक संयोजन के किस नियम पर आधारित होगा?

उत्तर

3.0 g कार्बन 8.00 g ऑक्सीजन में जलकर 11.00 g कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है| यदि 3 g कार्बन 50 g ऑक्सीजन में जलाया जाता है, तो भी 3 g कार्बन 8 g ऑक्सीजन के साथ ही अभिक्रिया करके 11 g कार्बन डाइऑक्साइड ही बनाएगा| यह उत्तर रासायनिक संयोजन के ‘स्थिर अनुपात के नियम’ पर आधारित है|
3. बहुपरमाणुक आयन क्या होते हैं? उदाहरण दीजिए|

उत्तर

परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान हो उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं| उदाहरण के लिए, नाइट्रेट (NO3-), हाइड्रॉक्साइड आयन (OH-)

4. निम्नलिखित के रासायनिक सूत्र लिखिए :

(a) मैग्नीशियम क्लोराइड
MgCl2

(b) कैल्शियम क्लोराइड
CaO

(c) कॉपर नाइट्रेट
Cu (NO3)2 

(d) एलुमिनियम क्लोराइड
AlCl3

(e) कैल्शियम कार्बोनेट
CaCO3

5. निम्नलिखित यौगिकों में विद्यमान तत्वों के नाम दीजिए :

(a) बुझा हुआ चूना
कैल्शियम तथा ऑक्सीजन

(b) हाइड्रोजन ब्रोमाइड
हाइड्रोजन तथा ब्रोमीन

(c) बेकिंग पाउडर (खाने वाला सोडा)
सोडियम, हाइड्रोजन, कार्बन तथा ऑक्सीजन

(d) पोटैशियम सल्फेट
पोटैशियम, सल्फर तथा ऑक्सीजन

6. निम्नलिखित पदार्थों के मोलर द्रव्यमान का परिकलन कीजिए :

(a) एथाइन, C2H2
एथाइन, C2H2 का मोलर द्रव्यमान = 2 × 12 + 2 × 1 = 26 g

(b) सल्फर अणु, S8 
उत्तर- सल्फर अणु, S8 का मोलर द्रव्यमान = 8 × 32 = 256 g 

(c) फॉस्फोरस अणु, P4 (फॉस्फोरस का परमाणु द्रव्यमान = 31)
फॉस्फोरस अणु, P4 का मोलर द्रव्यमान = 4 × 31 = 124 g 

(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl का मोलर द्रव्यमान = 1 + 35.5 = 36.5 g

(e) नाइट्रिक अम्ल, HNO3
नाइट्रिक अम्ल, HNO3 का मोलर द्रव्यमान = 1 + 14 + 3 × 16 = 63 g

7. निम्न का द्रव्यमान क्या होगा?
(a) 1 मोल नाइट्रोजन परमाणु?
(b) 4 मोल एलुमिनियम परमाणु (एलुमिनियम का परमाणु द्रव्यमान = 27)?
(c) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3)

उत्तर

(a) 1 मोल नाइट्रोजन परमाणु का द्रव्यमान 14 g होता है|

(b) 4 मोल एलुमिनियम परमाणु का द्रव्यमान (4 × 27)g = 108 g होगा|

(c) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3) का द्रव्यमान :
10 × [2 × 23 + 32 + 3 × 16] g = 10 × 126 g = 1260 g होगा|

8. मोल में परिवर्तित कीजिए :
(a) 12 g ऑक्सीजन गैस
(b) 20 g जल
(c) 22 g कार्बन डाइऑक्साइड

उत्तर

(a) 32 g ऑक्सीजन गैस = 1 मोल
तो, 12 g ऑक्सीजन गैस = 12/32 मोल = 0.375 मोल

(b) 18 g जल = 1 मोल
तो, 20 g जल = 20/18 मोल = 1.111 मोल

(c) 44 g कार्बन डाइऑक्साइड = 1 मोल
तो, 22 g कार्बन डाइऑक्साइड = 22/44 मोल = 0.5 मोल

9. निम्न का द्रव्यमान क्या होगा?
(a) 0.2 मोल ऑक्सीजन परमाणु?
(b) 0.5 मोल जल अणु?

उत्तर

(a) 1 मोल ऑक्सीजन परमाणु का द्रव्यमान = 16 g
तो, 0.2 मोल ऑक्सीजन परमाणु का द्रव्यमान = 0.2 × 16g = 3.2 g

(b) 1 मोल जल अणु का द्रव्यमान = 18 g
तो, 0.5 मोल जल अणु का द्रव्यमान = 0.5 × 18 g = 9 g

10. 16 g ठोस सल्फर में सल्फर (S8) के अणुओं की संख्या का परिकलन कीजिए|

उत्तर

1 मोल ठोस सल्फर (S8) = 8 × 32 g = 256 g

जबकि 256 g ठोस सल्फर (S8) में अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 
तो, 16 g ठोस सल्फर में सल्फर (S8) के अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023/256  = 16 = 3.76375 × 1022

11. 0.051 g एलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में एलुमिनियम आयन की संख्या का परिकलन कीजिए|
(संकेत : किसी आयन का द्रव्यमान उतना ही होता है जितना कि उसी तत्व के परमाणु का द्रव्यमान होता है| एलुमिनियम का परमाणु द्रव्यमान = 27 u है|)

उत्तर

एलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) का मोल = = 2 × 27 + 3 × 16 = 102 g
102 g Al2O3 में अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023
तो, 0.051 g एलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023/ 102 × 0.051 = 3.011 × 1020

एलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) के एक अणु में एलुमिनियम आयन की संख्या 2 होती है|
इस प्रकार एलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) के 3.011 × 1020 अणुओं  में उपस्थित एलुमिनियम आयन की संख्या =  2 × 3.011 × 1020 = 6.022 × 1020

NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 1 - ईदगाह

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NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 1 - ईदगाह अंतरा भाग-1 हिंदी (Idgaah)

पृष्ठ संख्या: 20


प्रश्न - अभ्यास

1. ‘ईदगाह’ कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है|

उत्तर

ईद आने से गाँव में हर तरफ उल्लास और चहल-पहल दिखाई दे रहा है| लोग ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे हैं| किसी का कुरते में बटन लगाने के लिए पड़ोस के घर से सुई-तागा माँगना, कड़े जूतों में तेल डालने के लिए तेली के घर जाना, बैलों को सानी-पानी देना जैसे कामों में व्यस्त दिख रहे हैं| सबसे अधिक ख़ुशी बच्चों के चेहरे पर झलक रही है| वे ईदगाह पर लगने वाले ईद के मेले में जाने के लिए उत्सुक हैं| वे मेले में मिठाई तथा खिलौने खरीदने के लिए जमा किए पैसे गिन रहे हैं| इस प्रकार गाँव में सभी ईद के आने की ख़ुशी मना रहे हैं|

2. ‘उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा| विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंश कर देगी|’– इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है|

उत्तर

यदि मनुष्य के अंदर आशा, उत्साह और साहस हो तो वह कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ता रहता है| हामिद के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं| उसकी बूढ़ी दादी को इस बात की चिंता थी कि इतने कम पैसे में ईद का त्यौहार कैसे मनाएगी| लेकिन हामिद इन बातों से अनजान खुश है क्योंकि उसके मन में आशा की एक किरण है कि उसके माता-पिता एक दिन जरूर आएँगे और उसके लिए अच्छी-अच्छी चीजें लाएँगे| उसके पास मेले में जाने के लिए मात्र तीन ही पैसे हैं, फिर भी वह अपने दोस्तों के साथ बहुत प्रसन्न है| इस प्रकार आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है|

3. ‘उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए|’- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

ईद के अवसर पर बच्चों में ईदगाह जाने की ख़ुशी झलक रही है| उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं है कि ईद पर खर्च करने के लिए पैसे कहाँ से आएँगे| त्यौहार पर खर्च करने के लिए उनके अब्बा चौधरी के पास पैसे लेने भागे जा रहे हैं| यदि चौधरी पैसे देने से मना कर दे तो ईद की सारी खुशियाँ मुहर्रम के मातम में बदल जाएगी|

4. ‘मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है|’ इस कथन के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है|’

उत्तर

प्रस्तुत कहानी ‘ईदगाह’ में ईद के अवसर सभी लोग एक साथ मिलकर ईदगाह जा रहे हैं| यहाँ धन और पद कोई नहीं देखता| इस्लाम की निगाह में सभी एक बराबर हैं| रोजेदारों की पंक्तियाँ एक के पीछे एक न जाने तक कहाँ तक चली गई हैं और जो भी नया आता है कतार में आकर खड़ा हो जाता है| सभी एक साथ मिलकर नमाज पढ़ते हैं और आपस में एक दूसरे के गले मिलते हैं| यहाँ गरीबी-अमीरी, ऊँच-नीच का कोई भेद नहीं है| ईद के इस पावन त्यौहार पर लोग एकसाथ मिलकर खुशियाँ मना रहे हैं| ऐसा लग रह है मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है| इस प्रकार धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है|

5. ‘ईदगाह’ कहानी के शीर्षक का औचित्य सिद्ध कीजिए| क्या इस कहानी को कोई अन्य शीर्षक दिया जा सकता है?

उत्तर

‘ईदगाह’ कहानी में ईद के अवसर पर ईदगाह में हो रही चहल-पहल को दर्शाया गया है| इस त्यौहार में बच्चे से लेकर बड़े सभी के मन में उत्साह और उमंग झलक रही है| सभी आपस में मिलजुलकर एक साथ ईद के मेले में घूमते हैं और नई-नई चीजें खरीदते हैं| इस प्रकार ईद पर्व को ध्यान में रखते हुए कहानी का शीर्षक ‘ईदगाह’ दिया गया है|

इस कहानी का मुख्य नायक हामिद है| उसके पास मात्र तीन पैसे हैं और वह उससे खिलौने खरीदने के बजाय अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदता है| वह बड़ी चतुराई से अपने मित्रों को चिमटे के गुणों के बारे में बताकर उन्हें निरूत्तर का देता है| इस प्रकार हामिद को ध्यान रखकर कहानी का शीर्षक ‘हामिद का बड़प्पन’ दिया जा सकता है|

6. निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

(क) कई बार यही क्रिया होती है....................आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है|

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रेमचन्द द्वारा रचित ‘ईदगाह’ कहानी से ली गई हैं, जिसमें ईद पर्व के अवसर पर नमाज पढ़ने वाले सभी रोजेदारों की पंक्तिबद्धता और सामूहिकता का सजीव वर्णन किया गया है|

लोग ईदगाह के मैदान में एक साथ पंक्तिबद्ध होकर नमाज पढ़ने की रस्म अदा कर रहे हैं| उनके चेहरे पर ख़ुशी और मन में श्रद्धा और भक्ति के भाव हैं| नमाज पढ़ते समय जब वे एक साथ झुकते और उठते थे तब ऐसा प्रतीत होता है मानो बिजली की लाखों बत्तियाँ एक साथ जल बुझ रही हों| उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे ये सभी लोग भ्रातृत्व के एक सूत्र में बँधे हुए हैं|

भाषागत विशेषताएँ

• सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है|

• उर्दू शब्दावली का प्रयोग किया गया है|

(ख) बुढ़िया का क्रोध...................स्वाद से भरा हुआ|

उत्तर

प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ईदगाह’ कहानी से ली गई हैं| इन पंक्तियों में हामिद द्वारा खरीदकर लाए गए चिमटे को देखकर उसकी बूढ़ी दादी के भावविह्वल होने का सजीव चित्रण किया गया है|

जब हामिद मेले से तीन पैसे में चिमटा खरीदकर लाया तो उसे देखकर दादी को पहले गुस्सा आ गया| हामिद ने बताया कि रोटी सेंकते पर उसकी उँगलियाँ जल जाती थीं इसलिए उसने मेले से चिमटा खरीदा| यह सुनकर दादी का सारा गुस्सा स्नेह में बदल गया और जिसे केवल अनुभव किया जा सकता है| वह शब्दों के माध्यम से हामिद के लिए अपना स्नेह और प्यार व्यक्त नहीं कर पा रही थीं| उनका यह स्नेह खामोशी, गंभीरता तथा भावनाओं से परिपूर्ण था|

भाषागत विशेषताएँ

• सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है|

• उर्दू शब्दावली का प्रयोग किया गया है|

7. हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए?

उत्तर

हामिद के चिमटा खरीदने पर उसके दोस्तों ने उसकी हँसी उड़ाई, लेकिन उसने तर्क के बल पर चिमटे की उपयोगिता सिद्ध कर अपने दोस्तों को चुप करा दिया| उसका चिमटा इतना मजबूत है कि जमीन पर पटकने पर भी इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा| कंधे पर रखा तो बंदूक हो गई| हाथ में ले लिया तो फकीरों का चिमटा हो गया और चाहे तो मजीरे का भी काम ले सकते हैं| चिमटा चाहे तो खँजरी का पेट फाड़ सकता है| उसका बहादुर चिमटा आग, पानी, आँधी या तूफ़ान में बराबर डटा रहेगा|

8. गाँव से शहर जाने वाले रास्ते के मध्य पड़ने वाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो| अपने घर और विद्यालय के मध्य पड़ने वाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए|

उत्तर

मेरे घर से विद्यालय जाने के रास्ते में पहले एक तालाब आता है जिसमें कमल के फूल खिले हुए हैं| थोड़ा आगे बढ़ने पर शहर का मुख्य बाजार है जहाँ लोगों की भीड़-भाड़ दिखाई देती है| कुछ ही दूरी पर एक पार्क है, जिसमें बच्चे खेलते रहते हैं| मेरे विद्यालय से थोड़ा पीछे एक सार्वजनिक अस्पताल है| मेरे विद्यालय के आस-पास पेड़ लगे हुए हैं, जिसके कारण चारों तरफ हरियाली है|

9. ‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था| बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई|’ इस कथन में ‘बूढ़े हामिद’ और ‘बालिका अमीना’ से लेखक का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

अमीना को पता चलता है कि हामिद ने चिमटा इसलिए खरीदा क्योंकि उसकी उँगलियाँ रोटी पकाते समय जल जाती थीं| वह हामिद के इस त्याग और अपने प्रति प्यार को देखकर भावुक हो उठती है और रोने लगती है| परिस्थितिवश बूढ़ी अमीना बच्ची की तरह फूट-फूट कर रो रही थी और हामिद बूढ़ों की तरह चुपचाप खड़ा देख रहा था| इसलिए लेखक ने ऐसा कहा है|

10. ‘दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी| हामिद इसका रहस्य क्या समझता!’- लेखक के अनुसार हामिद अमीना की दुआओं और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

ईद के मेले में जाने के लिए हामिद की दादी ने उसे तीन पैसे दिए थे जिनसे उसने उनके लिए चिमटा खरीद लिया| उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रोटी बनाते समय उसकी दादी की उँगलियाँ जल जाती थीं| यही देखकर अमीना दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी| हामिद इस रहस्य को इसलिए नहीं समझ पाया क्योंकि वह एक छोटा और नादान बालक था|

11. हामिद के चरित्र की कोई तीन विशेषताएँ बताइए|

उत्तर

हामिद के चरित्र की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

• साहसी- ईद के अवसर पर गाँव के सभी बच्चे अपने पिता के साथ मेला घूमने जा रहे हैं| हामिद अकेले ही मेले में जाने के लिए तैयार हो जाता है| उसकी दादी उसे अकेले जाते देख बहुत चिंतित हो जाती है लेकिन वह अपनी दादी को समझाते हुए कहता है- ‘तुम डरना नहीं अम्मा, मैं सबसे पहले आऊँगा|’ इससे उसकी निडरता का पता चलता है|

• स्वाभिमानी- हामिद एक स्वाभिमानी लड़का है| अपने दोस्तों को मिठाई और खिलौने खरीदते देखकर भी वह उनसे मिठाई या खिलौने नहीं माँगता| उसके दोस्त मिठाई देना भी चाहते हैं तो वह मना कर देता है|

• समझदार- हामिद देखने में तो एक छोटा बच्चा है लेकिन वह बड़ों की तरह समझदार है| मेले में सभी बच्चे खिलौने खरीदते हैं लेकिन वह अपनी दादी के बारे में सोचकर चिमटा खरीदता है ताकि उनकी उँगलियाँ रोटी पकाते समय जलने से बच सके|

12. हामिद के अतिरिक्त इस कहानी के किस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया और क्यों?

उत्तर

इस कहानी का मुख्य पात्र हामिद है जिसने सर्वाधिक प्रभावित किया है| इसके अतिरिक्त कहानी में हामिद की दादी अमीना भी हमें प्रभावित करती है| हामिद के माता-पिता न होते हुए भी उसकी परवरिश में कोई कमी नहीं की| उसे हर समय हामिद की चिंता लगी रहती है| गरीबी होते हुए भी मेले में जाते समय उसने हामिद को तीन पैसे खर्च करने के लिए दिए| जब वह हामिद के हाथ में चिमटा देखती है तो बहुत नाराज हो जाती है क्योंकि उसने मेले में दिन-भर कुछ नहीं खाया-पीया था| चिमटा लाने का कारण जानकर वह हामिद को दुआएँ देने लगती हैं और उस पर न्योछावर हो जाती है| इस प्रकार हामिद की दादी अमीना की भूमिका भी प्रभावशाली है|

13. बच्चों में लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है| कहानी से कोई दो प्रसंग चुनकर इस मत की पुष्टि कीजिए|

उत्तर

बच्चों में लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है| कहानी में ऐसे दो प्रसंग निम्नलिखित हैं-

मेले में हामिद के दोस्त मिठाई खरीदते हैं और हामिद कुछ नहीं खरीदता| मोहसिन हामिद को रेवड़ी देने का दिखावा करके स्वयं खा लेता है और सब हामिद का मजाक उड़ाते हैं| लेकिन अगले ही पल मोहसिन को गलती का एहसास होते ही वह अल्लाह कसम खा कर दोबारा हामिद को रेवड़ी देता है| दूसरे भी अपनी मिठाई हामिद को देना चाहते हैं|

हामिद मेले में चिमटा खरीदता है और अपने दोस्तों के खिलौनों से अच्छा बताते हुए कई तरह के तर्क प्रस्तुत करता है| वह अपने चिमटे को मजबूत, आग, पानी, आँधी, तूफ़ान में खड़ा करने पर आराम से डटा रहने वाला बताता है| कुछ देर बाद जब सभी अपने खिलौने से मायूस हो जाते हैं तब हामिद उन्हें खुश करने के लिए कहता है- मैं तुम्हें चिढ़ा रहा था, सच! यह चिमटा भला इन खिलौनों की क्या बराबरी करेगा| इस प्रकार बच्चों में लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है|

14. ‘प्रेमचंद की भाषा बहुत सजीव, मुहावरेदार और बोलचाल के निकट है|’ कहानी के आधार पर इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

प्रेमचंद की कहानियों में सजीवता, मुहावरों तथा बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है| उनकी भाषा व्यावहारिक तथा प्रवाहमयी है|

‘ईदगाह’ कहानी में सरल एवं सजीव भाषा का प्रयोग किया गया है| कहानी में ‘सभी ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे हैं| ईदगाह से लौटते-लौटते दोपहर हो जाएगी| बार-बार जेब से अपना खजाना निकालकर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं| हामिद कहता है- तुम डरना नहीं अम्मा, मैं सबसे पहले आऊँगा| बिलकुल न डरना|’

कहानी में मुहावरों का भी प्रयोग किया गया है| सारी ईद मुहर्रम होना, कुबेर का धन भरा होना, अरमान निकालना, दिल कचोटना, मुँह चुराना, काम से जी चुराना, तूफ़ान में डटे रहना, ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना, मुँह ताकना, मैदान मारना, रंग जमाना, छाती पीटना जैसे मुहावरों का प्रयोग किया गया है|

प्रेमचंद ने ‘ईदगाह’ में बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है| जैसे- हामिद का मेले में दुकानदार के साथ वार्तालाप| हामिद ने दुकानदार से पूछा- यह चिमटा कितने का है? दुकानदार ने उसकी ओर देखा और कोई आदमी साथ न देखकर कहा- तुम्हारे काम का नहीं है जी! ‘बिकाऊ है कि नहीं?’

‘बिकाऊ क्यों नहीं है| और यहाँ क्यों लाद लाए हैं?

‘तो बताते क्यों नहीं, कै पैसे का है?’

‘छह पैसे लगेंगे|’

हामिद का दिल बैठ गया|

‘ठीक-ठीक बताओ!’

‘ठीक-ठीक पाँच पैसे लगेंगे, लेना हो तो लो, नहीं चलते बनो|’

हामिद ने कलेजा मजबूत करके कहा- ‘तीन पैसे लोगे|’

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NCERT Solutions for Class 9th: Ch 4 परमाणु की संरचना विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 4 परमाणु की संरचना विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 53

1. केनाल किरणें क्या हैं?

उत्तर

केनाल किरणें धनावेशित विकिरण हैं, जो वोल्टेज देने पर एनोड से कैथोड की ओर जाती हैं| इन किरणों में प्रोटॉन नामक धनावेशित कणों का समावेश होता है|

2. यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश होगा या नहीं?

उत्तर

एक इलेक्ट्रॉन ऋणावेशित कण तथा एक प्रोटॉन धनावेशित कण होता है| दोनों कणों का आवेश बराबर होता है| इसलिए किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश नहीं होगा| इस प्रकार यह एक उदासीन परमाणु होगा|

पृष्ठ संख्या 56

1. परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

टॉमसन के मॉडल के आधार पर परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॉन उसमें धंसे होते हैं| ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं| इसलिए परमाणु वैद्युतीय रूप से उदासीन होते हैं|

2. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में कौन सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है?

उत्तर

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन कण विद्यमान है|

3. तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए|

उत्तर

4. क्या अल्फ़ा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु की पन्नी से संभव होगा?

उत्तर

यदि अल्फ़ा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने जैसी पतली पन्नी से करने पर तेज गति से चल रहे ये कण सीधा निकल गए| सोने की यह पन्नी 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी होती है| चूँकि अन्य धातु के अपेक्षाकृत कम लचीला होने के कारण यह प्रयोग असंभव होगा| यदि हम मोटी पन्नी का उपयोग करते हैं तो इस प्रयोग का होना संभव नहीं होगा| 

पृष्ठ संख्या 56

1. परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखें|

उत्तर

परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम निम्नलिखित हैं:
(i) प्रोटॉन
(ii) इलेक्ट्रॉन
(iii) न्यूटॉन

2. हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4 u है और उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं| इसमें कितने न्यूटॉन होंगे?

उत्तर

न्यूट्रॉन की संख्या = परमाणु द्रव्यमान – प्रोटॉन की संख्या
   = 4 – 2 = 2
इस प्रकार इसमें 2 न्यूट्रॉन होंगे|

पृष्ठ संख्या 57

1. कार्बन और सोडियम के परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रॉन-वितरण लिखिए|

उत्तर

• कार्बन के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 6 है| कार्बन के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन-वितरण है:
पहले कक्ष या K कोश में = 2 इलेक्ट्रॉन
दूसरे कक्ष या L कोश में = 4 इलेक्ट्रॉन

सोडियम के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 11 है| सोडियम के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन-वितरण है:
पहले कक्ष या K कोश में = 2 इलेक्ट्रॉन 
दूसरे कक्ष या L कोश में = 8 इलेक्ट्रॉन
तीसरे कक्ष या M कोश में = 1 इलेक्ट्रॉन


2. अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है, तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी?

उत्तर

किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या पहले कक्ष या K कोश में 2 तथा L कोश में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों संख्या 8 हो सकती है| इस प्रकार उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 होगी|

पृष्ठ संख्या 58

1. क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप इनकी संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे?

उत्तर

यदि किसी परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 4 से कम या बराबर होती है तो उस तत्व की संयोजकता बाह्यतम कोश के उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है| वहीं दूसरी ओर, यदि यदि किसी परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 4 से अधिक होती है तो उस तत्व की संयोजकता बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या को 8 से घटाकर प्राप्त की जाती है| 
क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम में इलेक्ट्रॉन-वितरण क्रमशः 2, 8, 7; 2, 8, 6 तथा 2, 8, 2 है|
इस प्रकार क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम के परमाणुओं के बाह्यतम कोष में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमशः 7, 6 तथा 2 हैं| 
क्लोरीन की संयोजकता = 8 -7 = 1
सल्फर की संयोजकता = 8 – 6 = 2
मैग्नीशियम की संयोजकता = 2

पृष्ठ संख्या 59

1. यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है तब, 
(a) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या है?
(b) परमाणु का क्या आवेश है?

उत्तर

(a) परमाणुक संख्या प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होता है| इसलिए परमाणुक संख्या 8 है|
(b) चूँकि इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या बराबर है, इसलिए परमाणु का आवेश 0 है|

2. सारणी 4.1 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फर-परमाणु की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए|

उत्तर

ऑक्सीजन की द्रव्यमान संख्या =  प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या = 8 + 8 = 16 

सल्फर की द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या = 16 + 16 = 32

पृष्ठ संख्या 60

1. चिन्ह H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए|

उत्तर

चिन्हप्रोटॉनन्यूट्रॉनइलेक्ट्रॉन
H101
11
T12 1

2. समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए|

उत्तर

12C6 तथा 14C6 समस्थानिक हैं जिसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2, 4) एक समान होते हैं|
22Ne10 तथा 22Ne11 समभारिक हैं जिसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अलग-अलग होते हैं, जो नीचे दिए गए हैं:
22Ne10 – 2, 8
22Ne11 – 2, 8, 1

पृष्ठ संख्या 61

अभ्यास

1. इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना कीजिए|

उत्तर

कणआवेश की प्रकृतिद्रव्यमानस्थिति
इलेक्ट्रॉनइलेक्ट्रॉन ऋणावेशित होते हैं|9 x 10–31kgनाभिक के बाहर कक्ष में स्थित होते हैं|
प्रोटॉनप्रोटॉन धनावेशित होते हैं|1.672 x 10–27kgनाभिक के अंदर स्थित होते हैं|
न्यूट्रॉनन्यूट्रॉन उदासीन होते हैं|प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर होता है|नाभिक के अंदर स्थित होते हैं|

2. जे.जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?

उत्तर

जे.जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की निम्नलिखित सीमाएँ हैं:
• यह रदरफोर्ड द्वारा किए गए प्रकीर्णन प्रयोग की व्याख्या नहीं कर सका|
• इलेक्ट्रॉन परमाणु के भीतर कैसे व्यवस्थित होते हैं, इस बात की भी व्याख्या नहीं करता|

3. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?

उत्तर

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की निम्नलिखित सीमाएँ हैं:

• यह मॉडल परमाणु स्थिरता की व्याख्या करने में असफल रहा है|
• नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉनों की वितरण की व्याख्या यह मॉडल नहीं करता|

4. बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए|

उत्तर

• इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते हैं|
• जब इलेक्ट्रॉन इस विविक्त कक्षा में चक्कर लगाते हैं, तो उनकी ऊर्जा का विकिरण नहीं होता है|
• अगर परमाणु की सबसे बाहरी कक्षाएँ भर जाती हैं, तो परमाणु स्थिर होगा और कम क्रियाशील होगा|
• इन कक्षाओं को ऊर्जा-स्तर कहते हैं| ये कक्षाएँ K,L,M,N........ या संख्याओं, 1,2,3,4 ........ के द्वारा दिखाई जाती हैं|
5. इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की व्याख्या कीजिए|

उत्तर

टॉमसन मॉडलरदरफोर्ड मॉडलबोर मॉडल
• परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॉन उसमें धँसे होते हैं|
• ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं|
• परमाणु का केंद्र धनावेशित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है| एक परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है|
• इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वर्तुलाकार मार्ग में चक्कर लगाते है|
• नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में काफी कम होता है| 
• इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते हैं|
• जब इलेक्ट्रॉन इस विविक्त कक्षा में चक्कर लगाते हैं, तो उनकी ऊर्जा का विकिरण नहीं होता है|

6. पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए|

उत्तर

पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियम निम्नलिखित हैं:

इन नियमों के अनुसार किसी कक्षा में उपस्थित अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या को सूत्र 2n2 से दर्शाया जाता है, जहाँ ‘n’ कक्षा की संख्या या ऊर्जा का स्तर है| इसलिए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या
पहले कक्ष या K कोश में होगी = 2 × 12 = 2,
दूसरे कक्ष या L कोश में होगी = 2 × 22 = 8,
तीसरे कक्ष या M कोश में होगी = 2 × 32 = 18,
चौथे कक्ष या N कोश में होगी = 2 × 42 = 32

• सबसे बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 8 हो सकती है|

किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन तब तक स्थान नहीं लेते हैं, जब तक कि उससे पहले वाले भीतरी कक्ष पूर्ण रूप से भर नहीं जाते| इससे स्पष्ट होता है कि कक्षाएँ क्रमानुसार भरती हैं|

7. सिलिकॉन और ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए|

उत्तर

किसी तत्व की संयोजकता उस तत्व की संयोजन-शक्ति होती है| किसी तत्व की संयोजकता उस तत्व के परमाणु में मौजूद संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है|

सिलिकॉन की संयोजकता- इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,4 होता है| इस प्रकार सिलिकॉन की संयोजकता 4 है, क्योंकि इन इलेक्ट्रॉनों का अष्टक बनाने के लिए त्याग किया जा सकता है|
ऑक्सीजन की संयोजकता- इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,6 होता है| इस प्रकार ऑक्सीजन की संयोजकता 2 है क्योंकि यह अष्टक बनाने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करेगा|

8. उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए- परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए|

उत्तर

परमाणु संख्या- एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या उसकी परमाणु संख्या कहलाती है| उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन के परमाणु में 7 प्रोटॉन उपस्थित होते हैं, इस प्रकार नाइट्रोजन की परमाणु संख्या 7 है|

द्रव्यमान संख्या- एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहा जाता है| उदाहरण के लिए, बोरॉन के परमाणु में 5 प्रोटॉन तथा 6 न्यूट्रॉन होते हैं| इस प्रकार बोरॉन का द्रव्यमान संख्या 5+6 = 11 है|

समस्थानिक- एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है| उदाहरण के लिए, क्लोरीन दो समस्थानिक रूपों में पाया जाता है, जिसका द्रव्यमान 35u और 37u, जो 3:1 के अनुपात में होते हैं|

समभारिक- अलग-अलग परमाणु संख्या वाले तत्वों को जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है, समभारिक कहा जाता है| उदाहरण के लिए, कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा आर्गन की परमाणु संख्या 18 है, जबकि दोनों तत्वों की द्रव्यमान संख्या 40 है|

समस्थानिक के उपयोग:
कैंसर के उपचार में कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग होता है|
घेंघा रोग के इलाज में आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग होता है|

9. Na+ के पूरी तरह से भरे हुए K व L कोश होते हैं- व्याख्या कीजिए|

उत्तर

सोडियम की परमाणु संख्या 11 होती है| इसलिए उदासीन सोडियम परमाणु में 11 इलेक्ट्रॉन होते हैं और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 है| लेकिन Na+ में 10 इलेक्ट्रॉन होते हैं| 10 में, K कोश तथा L कोश में क्रमशः 2 तथा 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं| इस प्रकार Na+ के पूरी तरह से भरे हुए K व L कोश होते हैं|

10. अगर ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों [79 / 35Br (49.7%) तथा 81 / 35Br (50.3%)] के रूप में है, तो ब्रोमीन परमाणु के औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए| 

उत्तर

अगर ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों [79 / 35Br (49.7%) तथा 81 / 35Br (50.3%)] के रूप में है, तो ब्रोमीन परमाणु का औसत परमाणु द्रव्यमान:

11. एक तत्व X का परमाणु द्रव्यमान 16.2 u है तो इसके किसी एक नमूनें में समस्थानिक 16 / 8 X और 18 / 8 X  का प्रतिशत क्या होगा?

उत्तर

एक तत्व X का परमाणु द्रव्यमान 16.2 u दिया गया है| 
मान लें कि समस्थानिक 18 / 8 X का प्रतिशत Y% है| इस प्रकार समस्थानिक 16 / 8 X का प्रतिशत (100 – Y)% होगा| 
इस प्रकार,

18y + 1600 - 16y = 1620
2y + 1600 = 1620
2y = 1620 - 1600
y= 10
इस प्रकार समस्थानिक 18 / 8 X का प्रतिशत 10% है|
तथा समस्थानिक 16 / 8 X का प्रतिशत (100 - 10) % = 90% है|

12. यदि तत्व का Z = 3 हो तो तत्व की संयोजकता क्या होगी? तत्व का नाम भी लिखिए|

उत्तर

Z = 3 का अर्थ है कि उस तत्व की परमाणु संख्या 3 है| इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,1 है| इस प्रकार तत्व की संयोजकता 1 होगी, (चूँकि बाह्यतम कक्ष में केवल 1 इलेक्ट्रॉन उपस्थित है)| 
इस प्रकार तत्व Z = 3, लीथियम है|  

13. दो परमाणु स्पीशीज के केंद्रकों का संघटन नीचे दिया गया है 
X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए| इन दोनों स्पीशीज में क्या संबंध है?

उत्तर

X की द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की कुल संख्या + न्यूट्रॉन की कुल संख्या
6 + 6 = 12
Y की द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की कुल संख्या + न्यूट्रॉन की कुल संख्या
6 + 8 = 14
दो परमाणु स्पीशीज X और Y की परमाणु संख्या समान है लेकिन द्रव्यमान संख्या अलग-अलग है| इसलिए ये समस्थानिक हैं| 

14. निम्नलिखित वक्तव्यों में गलत के लिए F और सही के लिए T लिखें|
(a) जे.जे. टॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केंद्रक में केवल न्यूक्लीयोन्स होते हैं| 
उत्तर
F

(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं इसलिए यह अनावेशित होता है| 
उत्तर
F

(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग 1/2000 गुना होता है|
उत्तर
T

(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंक्चर आयोडीन बनाने में होता है| इसका उपयोग दवा के रूप में होता है|
उत्तर
F

प्रश्न 15,16 और 17 में सही के सामने (✓) का चिन्ह और गलत के सामने (X) का चिन्ह लगाइए|

15. रदरफोर्ड का अल्फ़ा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था-
(a) परमाणु केंद्रक 
(b) इलेक्ट्रॉन
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन

उत्तर
(a) परमाणु केंद्रक (✓)

16. एक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
(a) समान भौतिक गुण
(b) भिन्न रासायनिक गुण
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या
(d) भिन्न परमाणु संख्या

उत्तर
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या (✓)

17. Cl- आयन में संयोजकता- इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
(a) 16
(b) 8
(c) 17
(d) 18

उत्तर
(b) 8 (✓)

18. सोडियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में कौन सा है?
(a) 2,8
(b) 8,2,1
(c) 2,1,8
(d) 2,8,1

उत्तर
(d) 2,8,1 (✓)

19. निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-


उत्तर


NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 2 - दोपहर का भोजन

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NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 2 - दोपहर का भोजन अंतरा भाग-1 हिंदी (Dophar ka Bhojan)

पृष्ठ संख्या: 33


प्रश्न - अभ्यास

1. सिद्धेश्वरी ने अपने बड़े बेटे रामचंद्र से मँझले बेटे मोहन के बारे में झूठ क्यों बोला?

उत्तर

सिद्धेश्वरी नहीं चाहती है कि मोहन को लेकर रामचंद्र चिंतित हो| वह उससे झूठ बोलती है कि मोहन किसी मित्र के यहाँ पढ़ने-लिखने गया है| वह यह भी कहती है कि मोहन उसकी बहुत प्रशंसा करता है जिससे रामचंद्र अपना दुःख भूलकर कुछ देर के लिए खुश हो जाए|

2. कहानी के सबसे जीवंत पात्र के चरित्र की दृढ़ता का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए|

उत्तर

कहानी की सबसे जीवंत पात्र है-सिद्धेश्वरी| वह घर की निर्धनता से अच्छी तरह परिचित है| इसके बावजूद भी वह अपना धैर्य नहीं खोती और अभाव में भी घर में शांति बनाए रखती है| वह घर के सभी सदस्यों के आवश्यकताओं का ध्यान रखती है| उसका जीवन परिवार के लिए पूरी तरह समर्पित है| वह परिवार के सदस्यों से उनकी मनचाही बातें करके उन्हें खुश रखने के लिए झूठ भी बोलती है| वह अपनी भूख की परवाह न करके परिवार के सभी सदस्यों को भोजन कराती है| वह किसी के सामने अपना दुःख व्यक्त नहीं करती है| इस प्रकार उसके चरित्र की दृढ़ता कहानी में उसकी भूमिका को जीवंत करता है|

3. कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे गरीबी की विवशता झाँक रही हो|

उत्तर

‘दोपहर का भोजन’ कहानी गरीबी की विवशता को बयान करता है| गर्मियों की दोपहर में खाना बनाते समय सिद्धेश्वरी भूख से बेहाल है परंतु घर में इतना अनाज नहीं है कि वह अपने लिए दो चपातियाँ बना सके| वह पानी पीकर गुजारा करती है| टूटी खाट पर लेटा उसका छोटा बेटा कुपोषण का शिकार है| उसकी टाँगों और बाँहों की हड्डियाँ निकल आई हैं और पेट हाँडी की तरह फूल गया है|

4. ‘सिद्धेश्वरी का एक से दूसरे सदस्य के विषय में झूठ बोलना परिवार को जोड़ने का अनथक प्रयास था’- इस संबंध में आप अपने विचार लिखिए|

उत्तर

सिद्धेश्वरी परिवार को जोड़े रखने के लिए सभी सदस्यों के सामने बारी-बारी से एक दूसरे की झूठी प्रशंसा करती है| उसका मँझला लड़का बिलकुल नहीं पढ़ता और छोटा बेटा हमेशा रोता रहता है| अपने बड़े बेटे रामचंद्र को यह सब बताकर दुखी नही करना चाहती है| इसलिए वह उसके सामने दोनों भाइयों की प्रशंसा करती है, जिससे उन सब के बीच में मधुर संबंध बना रहे| अपने पति के सामने भी बड़े बेटे की प्रशंसा करते हुए कहती है कि वह उनकी हमेशा बड़ाई करता रहता है| वह पिता-पुत्र के बीच के संबंध में आत्मीयता बनाए रखना चाहती है| इस प्रकार सिद्धेश्वरी का एक से दूसरे सदस्य के विषय में झूठ बोलना परिवार को जोड़ने का अनथक प्रयास था|

5. ‘अमरकांत आम बोलचाल की ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं जिससे कहानी की संवेदना पूरी तरह उभरकर आ जाती है|’ कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

अमरकांत की कहानियों में आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है| उनकी कहानियाँ भारतीय जीवन के अंतर्विरोधों का सजीव चित्रण करती है| प्रस्तुत कहानी में एक निम्नवर्गीय परिवार की अभावग्रस्तता को दर्शाया गया है| कहानी में परिवार के सभी सदस्य घर के अभाव से परिचित हैं इसलिए वे दोपहर के भोजन में एक या दो रोटी खाकर ही भूखे पेट उठ जाते हैं| कहानी में बोलचाल व सहज भाषा का प्रयोग किया गया है| ‘वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा-भर पानी लेकर गट-गट चढ़ गई|’........‘मोहन कटोरे को मुँह में लगाकर सुड़-सुड़ पी रहा था|’.......‘तदुपरांत एक लोटा पानी लेकर खाने बैठ गई|’ अमरकांत की कथा शैली की सबसे बड़ी विशेषता है- चित्रात्मक का गुण| जैसे- सारा घर मक्खियों से भनभन कर रहा था| आँगन की अलगनी पर एक गंदी साड़ी टँगी थी, जिसमें कई पैबंद लगे हुए थे| दोनों बड़े लड़कों का कहीं पता नहीं था| बाहर की कोठरी में मुंशी जी औंधे मुँह होकर निश्चिन्तता के साथ सो रहे थे, जैसे डेढ़ महीने पूर्व मकान-किराया-नियंत्रण विभाग की क्लर्की से उनकी छंटनी न हुई हो और शाम को उन्हें काम की तलाश में कहीं जाना न हो|

6. रामचंद्र, मोहन और मुंशी जी खाते समय रोटी न लेने के लिए बहाने करते हैं, उसमें कैसी विवशता है? स्पष्ट कीजिए|

उत्तर

रामचंद्र, मोहन और मुंशी चंद्रिका प्रसाद परिवार की वास्तविकता से अच्छी तरह परिचित हैं| दोपहर के भोजन के समय सिद्धेश्वरी के बार-बार आग्रह करने पर भी वे रोटी लेने से मना कर देते हैं| उन्हें पता है कि यदि वे और रोटी ले लेंगे तो घर के दूसरे सदस्यों को भूखा रहना पड़ेगा| इसलिए जहाँ रामचंद्र ने कहा कि उसका पेट भर गया है वहीँ मोहन ने रोटी अच्छी न बनी होने का बहाना किया| मुंशी जी ने भी यह बहाना कर दिया कि नमकीन चीजों से उनका मन ऊब गया है| इस प्रकार तीनों ने कोई-न-कोई बहाना बनाकर रोटी लेने से मना कर दिया| इससे उनकी इस विवशता का पता चलता है कि भूख रहते हुए भी अभाव के कारण वे रोटी लेने से मना कर देते हैं|

7. मुंशी जी तथा सिद्धेश्वरी की असंबद्ध बातें कहानी से कैसे संबद्ध हैं?

उत्तर

दोपहर के भोजन के समय सिद्धेश्वरी तथा मुंशी जी के द्वारा की गई असंबद्ध बातें किसी-न-किसी तरह से कहानी से संबद्ध हैं| मुंशी जी चुपचाप दुबके हुए खा रहे थे, जैसे पिछले दो दिनों से मौन व्रत धारण कर रखा हो और उसको आज तोड़ने वाले हों| तभी सिद्धेश्वरी कहती है कि ‘मालूम होता है, अब बारिश नहीं होगी|’ इस बात पर मुंशी जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी| लेकिन इस बात का संबंध कहानी से है, क्योंकि यदि वर्षा नहीं होगी तो अगले साल फिर से अन्न की कमी होगी और गरीबी में ही जीवन व्यतीत करना होगा| जब मुंशी जी कहते हैं कि मक्खियाँ बहुत हो गई है तो इसका अर्थ यह है कि वह घर की वास्तविकता से अच्छी तरह परिचित हैं| भूख और गरीबी ने परिवार को निराशा के दलदल में धकेल दिया है| इस प्रकार उनकी बातें कहानी से संबद्ध हैं|

8. ‘दोपहर का भोजन’ शीर्षक किन दृष्टियों से पूर्णतया सार्थक है?

उत्तर

‘दोपहर का भोजन’ कहानी की नायिका सिद्धेश्वरी दोपहर का खाना बनाकर अपने परिवारवालों का इंतजार करती है| सबसे पहले उसका बड़ा बेटा रामचंद्र भोजन करने आता है और अनमने मन से भोजन करके चला जाता है| इसके बाद उसका मँझला बेटा और फिर उसका पति आता है| घर में भोजन के अभाव के कारण सभी कम खाने में ही पेट भरने का बहाना बना कर चले जाते हैं| अंत में सिद्धेश्वरी भी आधी रोटी खाकर ही अपना पेट भरने का प्रयास करती है| इस प्रकार पूरी कहानी में दोपहर के भोजन से संबंधित दृश्य को दर्शाया गया है| इस दृष्टि से ‘दोपहर का भोजन’ शीर्षक पूर्णतया सार्थक है|

9. आपके अनुसार सिद्धेश्वरी के झूठ सौ सत्यों से भारी कैसे हैं? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए|

उत्तर

सिद्धेश्वरी के झूठ सौ सत्यों से भारी हैं क्योंकि वह अपने परिवारवालों को एक दूसरे की सच्चाई बताकर दुखी नहीं करना चाहती है| यदि वह अपने बड़े बेटे से यह कहती कि मोहन कहीं बाहर घूमने गया है तो दोनों भाइयों के बीच लड़ाई हो जाती| वह परिवार की आर्थिक स्थिति से अच्छी तरह परिचित थी| उसका बड़ा बेटा रामचंद्र छोटी-मोटी नौकरी कर किसी तरह परिवार का गुजारा कर रहा था| इसलिए वह उससे झूठ बोलती है कि मोहन अपने मित्र के यहाँ पढ़ने गया है| अपने पति से भी वह अपने बड़े बेटे के बारे में झूठ बोलती है ताकि पिता-बेटे के बीच प्रेम बना रहे| इस प्रकार वह झूठ बोलकर सभी सदस्यों को प्रसन्न रखना चाहती है|

10. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा भर पानी लेकर गट-गट चढ़ा गई|

उत्तर

सिद्धेश्वरी दोपहर का भोजन तैयार करने में लगी हुई है| खाना खाने का समय हो गया है और वह भूख से व्याकुल है| लेकिन वह खाना नहीं खा सकती क्योंकि घर में भोजन का अभाव है और किसी ने अभी तक खाया भी नहीं| यही सोचकर वह अपनी भूख मिटाने के लिए अचानक उठती है और एक लोटा भरकर पानी पी लेती है|

(ख) यह कहकर उसने अपने मँझले लड़के की ओर इस तरह देखा, जैसे उसने कोई चोरी की हो|

उत्तर

सिद्धेश्वरी अपने मँझले बेटे से झूठ बोलती है कि उसका बड़ा भाई उसकी प्रशंसा कर रहा था कि वह पढ़ने-लिखने में होशियार है| मोहन यह बात जानता था की उसकी माँ झूठ बोल रही है| यह सोचकर कि कहीं उसका झूठ पकड़ा न जाए, सिद्धेश्वरी उसकी तरफ ऐसे देखती है जैसे उसने कोई चोरी की हो|

(ग) मुंशी जी ने चने के दाने की ओर इस दिलचस्पी से दृष्टिपात किया, जैसे उनसे बातचीत करनेवाले हों|

उत्तर

मुंशी जी को चुपचाप खाना खाते देख सिद्धेश्वरी उनसे प्रश्न पूछती है| वह उनसे फूफाजी की तबीयत के बारे में भी पूछती है| लेकिन मुंशी जी उसकी बातों को अनसुना कर अपनी भूख मिटाने में लगे हुए थे| इसलिए वह सिद्धेश्वरी की बातों पर ध्यान न देकर अपनी थाली में बचे चने के दालों पर इस प्रकार दृष्टि जमाए हुए थे, जैसे उनसे बात कर रहे हों|

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NCERT Solutions for Class 9th: Ch 5 जीवन की मौलिक इकाई विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 5 जीवन की मौलिक इकाई विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 66

1. कोशिका की खोज किसने और कैसे की?

उत्तर

सन् 1665 में अंग्रेज वनस्पतिशास्त्री, रॉबर्ट हुक ने कोशिकाओं की खोज की| उन्होंने कार्क की पतली काट में कोशिकाओं का अवलोकन करने के लिए स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया था|

2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?

उत्तर

कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई कहते हैं क्योंकि सभी सजीव कोशिका से बने होते हैं तथा उनके शरीर में होने वाली क्रियाओं का संचालन कोशिकाओं द्वारा होता है|

पृष्ठ संख्या 68

1. CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें|

उत्तर

उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से अंदर तथा बाहर जाते हैं| जब कोशिका में CO2 तथा पानी की सांद्रता कोशिका की तुलना में बाह्य वातावरण में उच्च होती है तो ये बाहर निकल जाते हैं और जब बाह्य वातावरण में इनकी सांद्रता कम होती है तो ये कोशिका के अंदर चले जाते हैं|

2. प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?

उत्तर

प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं क्योंकि यह कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है| इसका अर्थ है कि यह कुछ पदार्थों को अंदर अथवा बाहर आने-जाने देती है| यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है|

पृष्ठ संख्या 70

1. क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके:


उत्तर

प्रोकैरियोटी कोशिका
यूकैरियोटी कोशिका 
आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 10-6 mआकार प्रायः बड़ा (5-100 µm)
केंद्रकीय क्षेत्र : केंद्रकीय झिल्ली की अनुपस्थिति में अस्पष्ट होते हैं|केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है|
क्रोमोसोम : एकक्रोमोसोम : एक से अधिक 
झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थितझिल्ली युक्त कोशिका अंगक जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया आदि  उपस्थित होते हैं|  

पृष्ठ संख्या 72

1. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवांशिक पदार्थ होता है?

उत्तर

प्लैस्टिड तथा माइटोकॉन्ड्रिया|

2. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?

उत्तर

यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो श्वसन, पोषण, उत्सर्जन आदि जैसे विशिष्ट कार्यों को पूरा करने में कोशिका सक्षम नहीं रहते| इससे जीवन की गतिविधियाँ रूक सकती है तथा मृत्यु भी हो सकती है|

3. लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?

उत्तर

कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है, तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित करते हैं, इसलिए इन्हें कोशिका की आत्मघाती थैली कहते हैं|

4. कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर

कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम में होता है|

पृष्ठ संख्या 75

1. पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो|

उत्तर

पादप कोशिका
जंतु कोशिका 
इनमें सेल्यूलोज से बनी कोशिका भित्ति होती है|इनमें कोशिका भित्ति नहीं होती है|
इनमें क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है|इनमें क्लोरोप्लास्ट नहीं होता है|
इनमें क्रोमोसोम नहीं होता है|इनमें क्रोमोसोम होते हैं|
पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ बड़ी होती हैं|जंतु कोशिकाओं में रसधानियाँ छोटी होती हैं|  
लाइसोसोम की संख्या बहुत कम या अनुपस्थित होते हैं|लाइसोसोम की संख्या बहुत अधिक होती है|  

2. प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ युकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार से किस प्रकार भिन्न होती हैं?

उत्तर

प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ
यूकैरियोटी कोशिका 
अधिकांश प्रोकैरियोट एककोशिक होते हैं|अधिकांश यूकैरियोट बहुकोशिक होते हैं|
इसका आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 10-6 m होता है|इसका आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm) होता है|
केंद्रकीय क्षेत्र : केंद्रकीय झिल्ली की अनुपस्थिति में अस्पष्ट होते हैं|केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है|
इसमें एक क्रोमोसोम होता है|इसमें एक से अधिक क्रोमोसोम होता है| 
प्रोकैरियोटी कोशिकाओं में कोई भी झिल्ली युक्त अंगक जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया अंतर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जी उपकरण आदि अनुपस्थित होते हैं| इनमें कोशिकांग जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया अंतर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जी उपकरण, लाइसोसोम आदि उपस्थित होते हैं| 
कोशिकाओं का विभाजन द्विविखंडन विधि द्वारा होता है| कोशिकाओं का विभाजन समसूत्रण द्वारा होता है| 
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ जीवाणुओं तथा नीले-हरे शैवाल में पाई जाती हैं|यूकैरियोटी कोशिकाएँ फंजाई (कवक), पादप तथा जंतु कोशिका में पाई जाती है| 

3. यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?

उत्तर

यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो कोशिका परासरण अथवा विसरण द्वारा बाह्य पदार्थों का आदान-प्रदान करने में सक्षम नहीं रहेगा| इसके बाद जीवद्रव्यक पदार्थ उपस्थित नहीं रहेगा तथा कोशिका मृत हो जाएगी|

4. यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?

उत्तर

गॉल्जी उपकरण में अंतर्द्रव्यी जालिका में संश्लेषित पदार्थ पैक किए जाते हैं और उन्हें कोशिका के बाहर तथा अंदर विभिन्न क्षेत्रों में भेज दिया जाता है| यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका द्वारा संश्लेषित पदार्थों का संचयन, रूपांतरण तथा पैकेजिंग नहीं होगा|

5. कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है? और क्यों? 

उत्तर

माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहा जाता है क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए यह ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं|

6, कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर

लिपिड का संश्लेषण चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) तथा प्रोटीन का संश्लेषण खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER) में होता है|

7. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?

उत्तर

अमीबा भोजन कणों को कोशिका सतह पर बने अस्थायी प्रवर्ध (कूटपादों) से घेर लेता है, फिर कूटपादों के एक दुसरे से मिल जाने से भोजन का कुछ कण कुछ तरल के साथ खाद्य रसधानी के रूप में कोशारस में पहुँच जाता है| अपाच्य भाग चलनक्रिया के बीच क्रमशः शरीर के पिछले भाग में पहुँचता है और फिर उसका परित्याग हो जाता है|


8. परासरण क्या है?

उत्तर

जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं तो उसे परासरण कहते हैं|

9. निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें :

छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ| इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है| आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो| अब 
(a)कप ‘A’ को खाली रखो,
(b)कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c)कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा 
(d)उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो|

आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो :
(i)‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो|
(ii)‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
(iii)‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ? इसका वर्णन करो|

उत्तर

(i) ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल एकत्र हो गया क्योंकि परासरण के कारण जल आलू में जमा हो जाता है| चूँकि कोशिका के आस-पास के माध्यम में कोशिका की तुलना में उच्च जल की सांद्रता मौजूद है, इसलिए जल परासरण विधि द्वारा कोशिका के अंदर चला जाएगा| इस प्रकार आलू कप के खाली भाग में जल एकत्र हो जाता है|

(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग में नियंत्रण व्यवस्था के रूप में कार्य करता है| ‘A’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नही होता है|

(iii)‘A’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि आलू का कप ‘A’ खाली है| ‘D’ आलू के खाली भाग में भी जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि इसमें उबला आलू प्रयोग किया गया है| उबालने से कोशिका झिल्ली में उपस्थित प्रोटीन विकृत हो जाता है और कोशिका झिल्ली नष्ट हो जाती है| परासरण के लिए वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली की आवश्यकता होती है, जो कि इस स्थिति में नष्ट हो चुका है| इसलिए परासरण की क्रिया नहीं होती| इस प्रकार उबले आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं होता है|

NCERT Solutions for Class 9th: Ch 6 ऊतक विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 6 ऊतक विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 77

1. ऊतक क्या है?

उत्तर

ऊतक कोशिकाओं का वह समूह है, जिनकी संरचना एक समान होती है तथा जो विशिष्ट कार्य को अतिदक्षता पूर्वक संपन्न करने के लिए एक साथ संगठित होते हैं|

2.बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?

उत्तर

बहुकोशिक जीवों में, विभिन्न प्रकार के ऊतक विभिन्न कार्य करते हैं| चूँकि कोशिकाओं का एक विशेष समूह केवल एक ही विशेष कार्य को संपन्न करता है, इसलिए वे उस कार्य को दक्षतापूर्वक करते हैं| इस प्रकार बहुकोशिक जीवों में श्रम-विभाजन होता है|

पृष्ठ संख्या 81

1.प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?

उत्तर

प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस की आवश्यकता होती है|

2.पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें|

उत्तर

पौधों में वाष्पोत्सर्जन की क्रिया स्टोमेटा द्वारा संपन्न होती है| यह पौधों में मिट्टी से पानी के अवशोषण में मदद करता है|

पृष्ठ संख्या 83

1.सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?

उत्तर

सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं-
• पैरेन्काइमा ऊतक
• कॉलेन्काइमा ऊतक
• स्क्लेरेन्काइमा ऊतक

पैरेन्काइमा ऊतक दो प्रकार के होते हैं:

क्लोरेन्काइमा ऊतक (हरित ऊतक)
ऐरेन्काइमा ऊतक

2.प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है?

उत्तर

प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ों एवं तनों की वृद्धि वाले भाग में पाया जाता है|

3.नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?

उत्तर

नारियल का रेशा स्क्लेरेन्काइमा ऊतक का बना होता है|

4.फ़्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?

उत्तर

फ़्लोएम के संघटक निम्नलिखित हैं :
• चालनी नलिका
फ़्लोएम पैरेन्काइमा
फ़्लोएम रेशा

पृष्ठ संख्या 87

1.उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है|

उत्तर

पेशीय ऊतक|

2.न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?

उत्तर

न्यूरॉन देखने में पूँछ सहित तारे के आकार का ऊतक लगता है|

3.हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ|

उत्तर

हृदय पेशी के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं :

हृदय पेशियाँ अनैच्छिक पेशियाँ हैं जो जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं|
• हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली  होती हैं |
• हृदय पेशी कोशिकाएँ एक-केंद्रकीय होती हैं|

4.एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?

उत्तर

एरिओलर ऊतक के कार्य :
• यह आंतरिक अंगों को सहारा प्रदान करता है|
• यह अंगों के भीतर खाली जगह को भरता है और ऊतकों की मरम्मत में सहायता करता है|

पृष्ठ संख्या 88

अभ्यास

1.ऊतक को परिभाषित करें|

उत्तर

ऊतक कोशिकाओं का वह समूह है, जिनकी संरचना एक समान होती है तथा जो विशिष्ट कार्य को अतिदक्षता पूर्वक संपन्न करने के लिए एक साथ संगठित होते हैं|

2.कितने प्रकार के तत्व मिलकर ज़ाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके नाम बताएँ|

उत्तर

ज़ाइलम ऊतक का निर्माण चार प्रकार के तत्वों से होता है :

• ट्रैकीड् (वाहिनिका)
• वाहिका
• ज़ाइलम पैरेन्काइमा
• ज़ाइलम फाइबर

3.पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?

उत्तर

सरल ऊतकजटिल ऊतक
इन ऊतकों में केवल एक प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं|ये ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं|
इनके कोशिकाओं की संरचना लगभग एक समान होती हैं तथा वे एक समान कार्य करते हैं|विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ अलग-अलग कार्य करते हैं| उदाहरण के लिए- ट्रैकीड् के द्वारा पानी का संवहन होता है जबकि पैरेन्काइमा भोजन का संग्रह करता है| 
सरल ऊतक तीन प्रकार के हैं- पैरेन्काइमा ऊतक, कॉलेन्काइमा ऊतक, स्क्लेरेन्काइमा ऊतक|पौधों में जटिल ऊतक दो प्रकार के होते हैं- ज़ाइलम तथा फ़्लोएम|

4. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा, स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें|

उत्तर

पैरेन्काइमा
कॉलेन्काइमा
स्क्लेरेन्काइमा
यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है तथा इस प्रकार के ऊतक की कोशिकाओं के मध्य काफी रिक्त स्थान पाया जाता है| इस ऊतक की कोशिकाएँ जीवित, लंबी और अनियमित ढंग से कोनों से मोटी होती है तथा कोशिकाओं के बीच बहुत कम स्थान होता है||इनकी कोशिका भित्तियाँ प्रायः इतनी मोटी होती हैं कि कोशिका के भीतर कोई आंतरिक स्थान नहीं होता है|
इस ऊतक में कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है|कोशिका भित्ति के प्रमुख घटक पेक्टिन तथा हेमिसेल्यूलोज हैं|इस ऊतक की भित्ति में कोशिकाओं को दृढ़ बनाने के लिए लिग्निन की अतिरिक्त परत पायी जाती है| 

5.रंध्र के क्या कार्य हैं?

उत्तर

रंध्र के कार्य :
• ये कोशिकाएँ वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान करते हैं|
• वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी रंध्र के द्वारा होती है|

6.तीन प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें|

उत्तर

तीन प्रकार के पेशीय रेशे हैं
a) रेखित पेशी
(b) चिकनी पेशी तथा
(c) कार्डिक (हृदयक पेशी)|

7.कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?

उत्तर

हृदय पेशियों के विशिष्ट कार्य जीवन भर लयबद्ध होकर हृदय के प्रसार एवं संकुचन को नियंत्रित करना है|

8.रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें|

उत्तर

कार्य के आधार पर :

रेखित पेशी 
अरेखित पेशी 
कार्डिक (हृदयक) पेशी
ये अधिकतर हड्डियों से जुड़ी होती हैं तथा शारीरिक गति में सहायक होती हैं| अरेखित पेशियाँ आहारनली में भोजन का प्रवाह या रक्त नालिका का प्रसार व संकुचन को नियंत्रित करती हैं|हृदयक पेशियाँ जीवन भर लयबद्ध होकर हृदय के प्रसार एवं संकुचन को नियंत्रित करती हैं|

स्थान के आधार पर :

रेखित पेशी
अरेखित पेशी
कार्डिक (हृदयक) पेशी
ये  पेशियाँ शरीर के अंगों, जैसे- हाथ, पैर, जीभ आदि में उपस्थित होते हैं|
ये भोजन की आहारनली, रक्तनालिका, आँख की पलक, मूत्रवाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में पाया जाता है|हृदयक पेशियाँ हृदय में स्थित होते हैं|

9.न्यूरॉन का एक चिन्हित चित्र बनाएँ|

उत्तर

10. निम्नलिखित के नाम लिखें :

(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है |
उत्तर
एपिथीलियम ऊतक

(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है |
उत्तर
कंडरा

(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है |
उत्तर
फ़्लोएम

(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है |
उत्तर
वसामय ऊतक

(e) तरल अधात्री सहित संयोजी ऊतक |
उत्तर
रक्त 

(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक |
उत्तर
तंत्रिका ऊतक

11. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें :
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल |

उत्तर

त्वचा- शल्की एपिथीलियम ऊतक
पौधे का वल्क- सरल स्थायी ऊतक
अस्थि- संयोजी ऊतक
वृक्कीय नलिका अस्तर- घनाकार एपिथीलियम ऊतक 
संवहन बंडल- जटिल स्थायी ऊतक

12. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?

उत्तर

पत्तियाँ, फल और फूल ऐसे क्षेत्र हैं जहां पैरेन्काइमा ऊतक स्थित होते हैं|

13. पौधों में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है?

उत्तर

पौधों की बाह्य सतह पर उपस्थित एपीडर्मिस की निम्नलिखित भूमिका है :

• यह पौधों की प्रतिरोधी ऊतक है|
• यह जल हानि के विरूद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है|
• यह स्टोमेटा के द्वारा गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करता है|

14. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?

उत्तर

एक पेड़ की बाह्य सुरक्षात्मक परत को छाल (कॉर्क) कहा जाता है| इन छालों की कोशिकाएँ मृत होती हैं| इस प्रकार यह पौधों की यांत्रिक आघात, अत्यधिक तापमान से सुरक्षा करता है| यह वाष्पीकरण द्वारा होने वाले पानी की हानि को रोकता है|

15. निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें
उत्तर


NCERT Solutions for Class 9th: Ch 7 जीवों में विविधता विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 7 जीवों में विविधता विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 91

1.हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?

उत्तर

इस पृथ्वी पर लाखों जीव रहते हैं| इसके कारण उनके बारे में एक-एक करके अध्ययन नहीं किया जा सकता है| इसलिए हम उनमें समानता देखकर उन्हें विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत कर उनके बारे में अध्ययन करते हैं| वर्गीकरण हमारे अध्ययन को आसान बना देता है|

2.अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें|

उत्तर

चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण निम्नलिखित हैं :

• जीव विभिन्न आकार के होते हैं, सूक्ष्मदर्शी से देखे जाने वाले बैक्टीरिया से लेकर हाथी तक, व्हेल तथा विशाल वृक्ष तक|

• विभिन्न जीवों के रंगों में भी विविधता पाई जाती है| कुछ कीट रंगहीन या पारदर्शी होते हैं| पौधों में भी विभिन्न प्रकार के रंगद्रव्य पाए जाते हैं|

• विभिन्न जीवों का जीवन काल भी अलग-अलग होता है| उदाहरण के लिए, एक कौवा केवल 15 वर्ष तक जीवित रहता है, जबकि एक तोते का जीवनकाल 140 वर्ष तक होता है|

पृष्ठ संख्या 92

1. जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है?
(a)उनका निवास स्थान
(b)उनकी कोशिका संरचना

उत्तर

जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण उनकी कोशिका संरचना होती है, क्योंकि विभिन्न जीवों का निवास स्थान एक हो सकता है लेकिन उनकी संरचना तथा आकार अलग हो सकते हैं| इसलिए उनका निवास स्थान जीवों के वर्गीकरण के लिए मूलभूत लक्षण नहीं हो सकता है|

2.जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया?

उत्तर

जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए मूल लक्षण, कोशिका की प्रकृति- प्रोकैरियॉटिक तथा यूकैरियोटी कोशिका को बनाया गया|

3.किस आधार पर जन्तुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है?

उत्तर

जन्तुओं और वनस्पतियों को पोषक तत्वों के आधार पर एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है| वनस्पति स्वपोषी होते हैं| वे भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं जबकि जंतु विषमपोषी होते हैं जो भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं| इसके अतिरिक्त, गति, क्लोरोप्लास्ट आदि की अनुपस्थिति उन्हें अलग करती है|

पृष्ठ संख्या 93

1.आदिम जीव किन्हें कहते हैं? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं?

उत्तर

आदिम जीव उसे कहते हैं जिनकी शारीरिक संरचना साधारण होती है और उसमें प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई ख़ास परिवर्तन नहीं हुआ है| शारीरिक रचना के अनुसार, साधारण सरंचना वाले आदिम जीव तथाकथित उन्नत जीवों से भिन्न होते हैं, जिनकी शारीरिक संरचना और बनावट जटिल होती है|

2.क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं?

उत्तर

हाँ, क्योंकि उन्नत जीव भी कभी आदिम जीव की तरह होते थे| उन्होंने हाल ही में अपेक्षाकृत जटिलता अर्जित की है| यह संभावना होती है कि उन्नत जीव बदलते वातावरण में प्रतिस्पर्धा करने तथा जीवित रहने के लिए विकासवादी समय के दौरान अधिक जटिल संरचनाएँ अर्जित करते हैं|

पृष्ठ संख्या 96

1.मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदंड क्या हैं?

उत्तर

मोनेरा जगत के जीव एककोशिक तथा प्रोकैरियॉटिक होते हैं जबकि प्रोटिस्टा जगत के जीव  एककोशिक तथा यूकैरियोटिक होते हैं|

2.प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिक यूकैरियोटी जीव को आप किस जगत में रखेंगे?

उत्तर

प्रोटिस्टा जगत में |

3.वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जाएगा?

उत्तर

वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को जाति (स्पीशीज), जबकि जगत में सबसे ज्युँदा संख्या में जीवों को रखा जाएगा|

पृष्ठ संख्या 99

1. सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है?

उत्तर

थैलोफ़ाइटा वर्ग |

2.टेरिडोफाइट और फैनरोगैम में क्या अंतर है?

उत्तर

टेरिडोफ़ाइटफैनरोगैम
इनमें जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं तथा जनन ऊतक कम विकसित एवं विभेदित होते हैं| इनमें जनन ऊतक पूर्ण विकसित एवं विभेदित होते हैं| 
इनमें नग्न भ्रूण पाए जाते हैं, जिन्हें बीजाणु कहते हैं|ये बीज उत्पन्न करते हैं| 
मार्सिलिया, फर्न तथा हॉर्स-टेल टेरिडोफ़ाइट के उदाहरण हैं|पाइनस, साइकस तथा फर फैनरोगैम के उदाहरण हैं|

3.जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

उत्तर

जिम्नोस्पर्म
एंजियोस्पर्म
इन पौधों में फूल नहीं होते हैं|इन पौधों में फूल होते हैं|
इन पौधों के नग्न बीज होते हैं, जो फलों के अंदर ढँके नहीं होते हैं|इन पौधों के बीज फलों के अंदर ढँके होते हैं|
पाइनस, साइकस तथा फर जिम्नोस्पर्म के उदाहरण हैं|नारियल, खजूर, आम इत्यादि एंजियोस्पर्म के उदाहरण हैं|

2.एनीलिडा के जंतु, आर्थ्रोपोडा के जन्तुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?

उत्तर

एनीलिडा
आर्थ्रोपोडा
एनीलिडा का परिसंचरण तंत्र बंद होता है|आर्थ्रोपोडा में खुला परिसंचरण तंत्र पाया जाता है|
इनके अंगों में व्यापक भिन्नता होती है जो इनके शरीर के सिर से पूँछ तक एक के बाद एक खंडित रूप में उपस्थित होती है|इनका शरीर कुछ विशेष खंडों में विभाजित किया गया है|

3.जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है?

उत्तर

जल-स्थलचर
सरीसृप
इनमें शुल्क नहीं पाए जाते |इनका शरीर शल्कों द्वारा ढका होता है|
ये जल में अंडे देते हैं|जल-स्थलचर की तरह इन्हें जल में अंडे देने की आवश्यकता नहीं होती|
उदाहरण- टोड, सैलामेंडर तथा मेढ़क इत्यादि आते हैं|कछुआ, साँप, छिपकली तथा मगरमच्छ इत्यादि इसके उदाहरण हैं|

4.पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है?

उत्तर

पक्षी
स्तनपायी
अधिकतर पक्षियों के पंख होते हैं तथा उनकी चोंच होती है|इनके पंख नहीं होते हैं तथा चोंच भी अनुपस्थित होते हैं|
इस वर्ग में सभी पक्षियों को रखा गया, है जो अंडे देते हैं| इनमें से कुछ अंडे देते हैं तथा कुछ बच्चों को जन्म देते हैं| |

पृष्ठ संख्या 107

1. जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है?

उत्तर

जीवों के वर्गीकरण के निम्नलिखित लाभ हैं :

• यह हमें वनस्पति तथा जंतुओं की विविधता से जुड़ी जानकारी से अवगत कराता है|
• यह विभिन्न प्रकार के जीवों के अध्ययन को आसान बनाता है|
• यह विभिन्न जीवों के बीच अंतर-संबंध के बारे में बताता है|
• यह जीवों के विकास को समझने में हमारी मदद करता है|
•  इससे पर्यावरणविदों को पौधों और जानवरों के संरक्षण के नए तरीकों को विकसित करने में मदद मिलती है|

2. वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे?

उत्तर

हम उस लक्षण का चयन करेंगे जो पहले लक्षण पर निर्भर रहते हैं तथा बाद के स्तर के प्रकार को निर्धारित करते हैं|

3. जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए|

उत्तर

पाँच जगत में जीवों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित है :

• कोशिकीय संरचना की जटिलता:कोशिकीय संरचना को दो विस्तृत श्रेणियों में बाँटा गया है : प्रोकैरियॉटिक तथा यूकैरियोटिक| इस प्रकार, दो विस्तृत समूहों का गठन किया जा सकता है, जिनमें एक प्रोकैरियॉटिक कोशिकीय संरचना है और दूसरा यूकेरियोटिक कोशिकीय संरचना है| अन्य प्रमुख अभिलक्षण कोशिका भित्ति की उपस्थिति या अनुपस्थिति है|

• एककोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीव:इस लक्षण के कारण जीवों की शारीरिक संरचना में आधारभूत विभिन्नता होती है और उनके व्यापक वर्गीकरण में मदद करता है|

• कोशिका भित्ति:कोशिका भित्ति की उपस्थिति तथा अनुपस्थिति भी वर्गीकरण का आधार होता है|

• पोषण का तरीका:जीवों का पोषण मूल रूप से दो प्रकार से होता है- स्वपोषी जो अपने भोजन निर्माण स्वयं करते हैं तथा विषमपोषी जो बाहर से भोजन प्राप्त करते हैं (अन्य जीवों से)| इस प्रकार जीवों को उनके पोषण के तरीके के आधार पर विभिन्न समूहों में वर्गीकृत किया जाता है|

4. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?

उत्तर

पादप जगत के प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं :

• थैलोफ़ाइटा
• ब्रायोफाइटा
• टेरिडोफाइटा
• जिम्नोस्पर्म
• एंजियोस्पर्म

इस वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं:

• पादप शरीर के प्रमुख घटक पूर्णरूपेण विकसित हैं, अथवा नहीं|
• पादप शरीर में जल और अन्य पदार्थों को संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों की उपस्थिति है, अथवा नहीं|
• बीजधारण की क्षमता है, अथवा नहीं|
• बीज फल के अंदर विकसित है, अथवा नहीं|

5. जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है?

उत्तर

वर्गीकरण के लिए पौधों के शरीर के विभिन्न लक्षण जंतुओं से भिन्न होते हैं| इसकी वजह है कि पौधों का शरीर भोजन बनाने की क्षमता के अनुसार विकसित होता है, जबकि जंतुओं का शरीर बाहर से भोजन ग्रहण करने के अनुसार विकसित होता है|

पौधों में वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं :

• विभेदित/अविभेदित पादप शरीर
• संवहनी ऊतक की उपस्थिति/अनुपस्थिति
• बीजरहित अथवा बीज वाले पौधे
• नग्न बीज/फल के अंदर बीज

लेकिन जंतुओं का वर्गीकरण इस आधार पर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि जंतुओं की आधारभूत संरचना पौधों से अलग होती है| उन्हें उनके शारीरिक संरचना के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है|

6. वार्टीब्रेट (कशेरूक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए|

उत्तर

वार्टीब्रेट (कशेरूक प्राणी) को पाँच वर्गों में बाँटा गया है :

• मत्स्य वर्ग:ये मछलियाँ हैं, जो समुद्र और मीठे जल दोनों जगहों पर पाई जाती हैं| इनकी त्वचा शल्क अथवा प्लेटों से ढकी होती है तथा ये अपनी मांसल पूँछ का प्रयोग तैरने के लिए करती हैं| इनका शरीर धारारेखीय होता है| इनमें श्वसन क्रिया के लिए क्लोम पाए जाते हैं, जो जल में विलीन ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं|
जैसे- शार्क, ट्युना, रोहू आदि|

• जल-स्थलचर:ये जल और स्थल दोनों पर रह सकते हैं| इनकी त्वचापर श्लेष्म ग्रंथियाँ पाई जाती हैं तथा हृदय त्रिकक्षीय होता है| इनमें बाह्य कंकाल नहीं होता है तथा वृक्क पाए जाते हैं| श्वसन क्लोम अथवा फेफड़ों द्वारा होता है| ये पानी में अंडे देने वाले जंतु हैं|
उदाहरण- मेंढक, सैलामोंडर, टोड इत्यादि|

• सरीसृप:इनका शरीर शल्कों द्वारा ढका होता है तथा श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है| ये जमीन पर अंडे देने वाले जंतु हैं| इनके अंडे कठोर कवच से ढके होते हैं| जैसे- कछुआ, साँप, छिपकली, मगरमच्छ आदि|

• पक्षी:इस वर्ग में सभी पक्षियों को रखा गया है, जैसे- कौवा, कबूतर, ऑस्ट्रिच आदि| इनका शरीर परों से ढका होता है| इनमें आगे वाले दो पैर उड़ने के लिए पंखों में परिवर्तित हो जाते हैं| श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है|

• स्तनपायी:इस वर्ग के सभी जंतुओं में नवजात के पोषण के लिए दुग्ध ग्रंथियाँ पाई जाती हैं| इनकी त्वचा पर बाल, स्वेद और तेल ग्रंथियाँ पाई जाती हैं| इस वर्ग के जंतु शिशुओं को जन्म देने वाले होते हैं|
हालाँकि, कुछ जंतु अपवादस्वरूप अंडे भी देते हैं, जैसे- इक्डिना, प्लेटिपस|

NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 3 - टार्च बेचनेवाले

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NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 3 - टार्च बेचनेवाले अंतरा भाग-1 हिंदी (Torch Bechnewale)

पृष्ठ संख्या: 41


प्रश्न - अभ्यास

1. लेखक ने टार्च बेचने वाली कंपनी का नाम ‘सूरज छाप’ ही क्यों रखा?

उत्तर

लेखक ने टार्च बेचने वाली कंपनी का नाम ‘सूरज छाप’ ही रखा क्योंकि जिस तरह सूरज रात के अँधेरे के बाद दिन में प्रकाश फैलाता है और किसी को डर नहीं लगता उसी प्रकार ‘सूरज छाप’ टार्च रात के अँधेरे में सूरज का काम करेगी| ‘सूरज छाप’ टार्च रात के अँधेरे में सूरज की रोशनी का प्रतीक है|

2. पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाक़ात किन परिस्थितियों में और कहाँ होती है?

उत्तर

पाँच साल पहले दोनों दोस्त बेरोजगार थे| पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाक़ात एक प्रवचनस्थल पर होती है लेकिन परिस्थिति पहले की तरह नहीं थी| उनमें से एक टार्च बेचने वाला तथा दूसरा उपदेश देने वाला बन गया है|

3. पहला दोस्त मंच पर किस रूप में था और वह किस अँधेरे को दूर करने के लिए टार्च बेच रहा था?

उत्तर

पहला दोस्त मंच पर संत की वेशभूषा में सुंदर रेशमी वस्त्रों से सज-धज कर बैठा था| वह गुरू-गंभीर वाणी में प्रवचन दे रहा था और लोग उसके उपदेशों को ध्यान से सुन रहे थे| वह आत्मा के अँधेरे को दूर करने के लिए टार्च बेच रहा था| उसके अनुसार सारा संसार अज्ञान रुपी अंधकार से घिरा हुआ है| मनुष्य की अंतरात्मा भय और पीड़ा से त्रस्त है| वह कह रहा था कि अँधेरे से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आत्मा के अँधेरे को अंतरात्मा के प्रकाश द्वारा ही दूर किया जा सकता है|

4. भव्य पुरूष ने कहा- ‘जहाँ अंधकार है वहीँ प्रकाश है’| इसका क्या तात्पर्य है?

उत्तर

भव्य पुरूष ने अपने प्रवचन में कहा कि जहाँ अंधकार है वहीँ प्रकाश है| जैसे हर रात के बाद सुबह आती है उसी प्रकार अंधकार के साथ-साथ प्रकाश भी होता है| मनुष्य को अँधेरे से नहीं डरना चाहिए| आत्मा में ही अज्ञान के अँधेरे के साथ ज्ञान की रोशनी और ज्ञान की रोशनी के साथ अज्ञान का अँधेरा होता है| मनुष्य के अंदर की बुराइयों में अच्छाई दबी रहती है, जिसे जगाने की जरूरत होती है| उसके लिए अपने अंदर ही ज्ञान की रोशनी को ढूँढना पड़ता है| इस प्रकार भव्य पुरूष ने सच ही कहा कि जहाँ अंधकार है वहीँ प्रकाश है|

5. भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने और ‘सूरज छाप’ टार्च बेचने के धंधे में क्या अंतर है? विस्तार से लिखिए|

उत्तर

भीतर के अँधेरे की टार्च बेचना अर्थात यह आत्मा के अंदर बसे अँधेरे को दूर करने से संबंधित है| जहाँ एक तरफ पहला दोस्त अपनी वाणी से लोगों को जागृत करने का काम करता है| वह अपने प्रवचन से लोगों के अंदर ज्ञान की प्रकाश जलाना चाहता है| उसका काम लोगों को अज्ञान के अँधेरे से दूर कर ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है| इस प्रकार सिद्ध पुरूष ही आत्मा के अज्ञानरूपी अँधेरे को दूर कर सकता है|

वहीँ दूसरी ओर दूसरा दोस्त रात के अँधेरे से बचने के लिए ‘सूरज छाप’ टार्च बेचता है| वह लोगों के अंदर रात का भय उत्पन्न करता है ताकि वे डरकर टार्च खरीदें| यह टार्च बाहर के अँधेरे को दूर करता है| रात के अँधेरे में मनुष्य को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसे टार्च का प्रकाश ही दूर कर सकता है| इस प्रकार वह लोगों को काली अँधेरी रात का डर दिखाकर ‘सूरज छाप’ टार्च बेचता है|

दोनों के टार्च बेचने के धंधे में बहुत अंतर है| एक आत्मा के अँधेरे को दूर करने से तथा दूसरा रात के अँधेरे को दूर करने से संबंधित है|

6. ‘सवाल के पाँव जमीन में गहरे गड़े हैं| यह उखड़ेगा नहीं|’ इस कथन में मनुष्य की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत है और क्यों?

उत्तर

दोनों मित्रों ने पैसे कमाने के कई तरीके ढूँढने की कोशिश की| दोनों के मन में यही प्रश्न आता था कि पैसे कैसे पैदा करें| लेकिन इसका हल निकालना आसान नहीं था| बहुत कोशिश करने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला तो उनमें से एक ने कहा कि सवाल के पाँव जमीन में गहरे गड़े हैं| यह उखड़ेगा नहीं| यह कथन मनुष्य की उस प्रवृत्ति की ओर संकेत है कि किसी सवाल का जवाब न मिलने पर मनुष्य उस सवाल को टाल देना ही उचित समझता है| ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी अनसुलझे सवाल में दिमाग लगाकर समय गँवाना व्यर्थ होता है|

6. ‘व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है|’ परसाई जी की इस रचना को आधार बनाकर इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए|

उत्तर

‘टार्च बेचने वाले’ हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचना है| इस पाठ में लेखक ने समाज में फैले अन्धविश्वास तथा पाखंडी साधु-संतों द्वारा रचे गए ढोंग से बचकर रहने का संदेश दिया है| ऐसे लोग भोली-भाली जनता को अँधेरे का डर दिखाकर पैसे कमाते हैं| हमें ऐसे अंधविश्वास और पाखंड से बचना चाहिए| लेखक ने इस व्यंग्य रचना के माध्यम से यह समझाने की कोशिश की है कि धर्म और अध्यात्म के नाम पर पैसे ठगने वाले इन ठगों की चंगुल में हमें नहीं फँसना चाहिए| इस प्रकार व्यंग्य-विधा के माध्यम से भाषा प्रभावशाली हो जाती है तथा लोगों के मन पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है|

8. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) आजकल सब जगह अँधेरा छाया रहता है| रातें बेहद काली होती हैं| अपना ही हाथ नहीं सूझता|

(ख) प्रकाश बाहर नहीं है, उसे अंतर में खोजो| अंतर में बुझी उस ज्योति को जगाओ|

(ग) धंधा वही करूँगा, यानी टार्च बेचूँगा| बस कंपनी बदल रहा हूँ|

उत्तर

(क) प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘सूरज छाप’ कंपनी टार्च बेचने वाले के द्वारा कही गई हैं| वह अपनी टार्च बेचने के लिए लोगों के मन में अँधेरे के प्रति डर उत्पन्न करता है| अँधेरी रातें इतनी काली होती हैं कि लोगों को अपना हाथ तक नहीं दिखाई देता| यही काली अँधेरी रातों का भय लोगों को टार्च खरीदने के लिए विवश कर देता है|

(ख) प्रस्तुत पंक्तियाँ आत्मा के अँधेरे को दूर करने वाले सिद्ध पुरूष के द्वारा कही गई हैं| वह लोगों को अपने अंदर बसे अँधेरे को दूर करने के लिए आत्मा के प्रकाश को जगाने की सलाह देता है| वह संत का वेश धारण कर बड़ी-बड़ी बातें करके लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है|

(ग) पहला दोस्त टार्च बेचने का काम करता है जिसमें अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है| अपने दोस्त को आत्मा के अँधेरे को दूर करने का काम यानी साधु बनकर पैसे कमाते देख वह भी उसी काम को अपनाने का निश्चय करता है| उसे लगता है कि बिना मेहनत के भी बैठे-बिठाए पैसे कमाए जा सकते हैं| इसलिए वह मेहनत यानी टार्च बेचने का काम छोड़कर साधु बनने का फैसला करता है|

NCERT Solutions for Class 9th: Ch 8 गति विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 8 गति  विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 110

1.एक वस्तु के द्वारा कुछ दूरी तय की गई| क्या इसका विस्थापन शून्य हो सकता है? अगर हाँ, तो अपने उत्तर को उदाहरण के द्वारा समझाएँ|

उत्तर

हाँ, एक वस्तु के द्वारा कुछ दूरी तय किए जाने पर इसका विस्थापन शून्य हो सकता है| ऐसा तब होता है जब वस्तु की प्रारंभिक स्थिति और अंतिम स्थिति आपस में मिल जाती हैं| उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति पार्क के चारों ओर घूमता है और अंत में उसी जगह पर खड़ा होता है जहाँ से उसने चलना शुरू किया था, तो यहाँ उसका विस्थापन शून्य होगा|

2.एक किसान 10 m की भुजा वाले एक वर्गाकार खेत की सीमा पर 40 s में चक्कर लगाता है| 2 minute 20 s के बाद किसान के विस्थापन का परिमाण क्या होगा?

उत्तर
दिया गया है :
वर्गाकार खेत की भुजा = 10 m 
इस प्रकार, परिधि = 10 m × 4 = 40 m
किसान 40 s में खेत की सीमा पर चक्कर लगाता है| 
2 minute 20 s के बाद विस्थापन = 2 × 60 s + 20 s = 140 s =?
चूँकि 40 s में किसान 40 m के चक्कर लगाता है|
इसलिए 1 s में किसान द्वारा तय की गई दूरी = 40 / 40 m = 1m 
इस प्रकार 140 s में किसान द्वारा तय की गई दूरी = 1 × 140 m = 140 m 
अब, 140 s में सीमा पर लगाए गए घूर्णन की संख्या = कुल दूरी/परिधि = 140 m/40 m  = 3.5 चक्कर
इस प्रकार 3.5 चक्कर के बाद किसान खेत के C बिंदु पर होगा| 
इसलिए,
विस्थापन = 
इस प्रकार 2 minute 20 s के बाद किसान के विस्थापन का परिमाण 14.14 m होगा|

3.विस्थापन के लिए निम्न में कौन सही है?
(a)यह शून्य नहीं हो सकता है|
(b)इसका परिमाण वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी से अधिक है|

उत्तर

विस्थापन के लिए निम्न में कोई भी सही नहीं है| पहला कथन गलत है, क्योंकि विस्थापन शून्य हो सकता है| दूसरा कथन भी गलत है, क्योंकि विस्थापन वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी के बराबर या कम होता है|

पृष्ठ संख्या 112

1.चाल एवं वेग में अंतर बताइए|

उत्तर

चाल
वेग
वस्तु द्वारा इकाई समय में तय की दूरी को चाल कहते हैं|दिए गए समय में वस्तु के विस्थापन दर को वेग कहा जाता है|
चाल = तय की गई दूरी/समयवेग = विस्थापन/समय
चाल की राशि अदिश होती है अर्थात इसका केवल परिमाण होता है| वेग की राशि सदिश होती है अर्थात इसमें परिमाण और दिशा दोनों होता है|

2.किस अवस्था में किसी वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी औसत चाल के बराबर होगा?

उत्तर

किसी वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी औसत चाल के बराबर तब होगा, जब वह वस्तु सीधी रेखा में गति कर रहा हो|

3.एक गाड़ी का ओडोमीटर क्या मापता है?

उत्तर

एक गाड़ी का ओडोमीटर उसके द्वारा तय की गई दूरी को मापता है|

4.जब वस्तु एक एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग कैसा दिखाई पड़ता है?

उत्तर

जब वस्तु एक एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग सरल रेखीय होता है|

5.एक प्रयोग के दौरान, अंतरिक्षयान से एक सिग्नल को पृथ्वी पर पहुँचने में 5 मिनट का समय लगता है| पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से उस अंतरिक्षयान की दूरी क्या है? (सिग्नल की चाल = प्रकाश की चाल = 3 × 108 m s−1)

उत्तर

चाल = 3 × 108 m s-1
समय = 5 मिनट = 5 × 60 = 300 सेकंड
दूरी = चाल × समय
= 3 × 108 ms-1 × 300 सेकंड = 9 × 1010 m

पृष्ठ संख्या 114

1.आप किसी वस्तु के बारे में कब कहेंगे कि,
(a)वह एकसमान त्वरण से गति में है?
(b)वह असमान त्वरण से गति में है?

उत्तर

(a)जब एक वस्तु सीधी रेखा में चलती है और इसका वेग समान समयांतराल में समान रूप से घटता या बढ़ता है, तो वह वस्तु एकसमान त्वरण से गति में है|

(b)एक वस्तु असमान त्वरण से गति में होती है, जब उसका वेग असमान रूप से बदलता है|

2.एक बस की गति 5 s में 80 km h-1  से घटकर 60 km h-1 हो जाती है| बस का त्वरण ज्ञात कीजिए|

उत्तर

बस की प्रारंभिक चाल, u = 80 km/h = 80 × 5/18 = 22.22 m/s
बस की अंतिम चाल = v = 60 km/h = 60 × 5/18 = 16.66 m/s
चाल घटने में लगा समय, t = 5 s
त्वरण,

3.एक रेलगाड़ी स्टेशन से चलना प्रारंभ करती है और एकसमान त्वरण के साथ चलते हुए 10 मिनट में 40 kmh-1 की चाल प्राप्त करती है| इसका त्वरण ज्ञात कीजिए|

उत्तर

रेलगाड़ी की प्रारंभिक वेग, u = 0
रेलगाड़ी की अंतिम वेग, v = 40 km/h = 40 × 5/18 = 11.11 m/s
लिया गया समय, t = 10 मिनट = 10 × 60 = 600 s
त्वरण,
इस प्रकार रेलगाड़ी का त्वरण 0.0185 m/s2 है|

पृष्ठ संख्या 118

1. किसी वस्तु के एकसमान व असमान गति के लिए समय-दूरी ग्राफ़ की प्रकृति क्या होती है?

उत्तर

जब वस्तु की गति एकसमान होती है, तो समय-दूरी ग्राफ़ ढलान के साथ एक सरल रेखा होती है|
जब वस्तु असमान गति में होता है, तो समय-दूरी ग्राफ़ सीधी रेखा में नहीं होता है| यह वक्र हो सकता है|
2.किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका दूरी-समय ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है?

उत्तर

जिस वस्तु का दूरी-समय ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है, वह वस्तु विरामावस्था में है|

3.किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका चाल-समय ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है?

उत्तर

जिस वस्तु का चाल-समय ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है, वह वस्तु एकसमान गति में है|


4.वेग-समय ग्राफ़ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि क्या होती है?

उत्तर

वेग-समय ग्राफ़ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि  वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को दर्शाता है|

पृष्ठ संख्या 121

1.कोई बस विरामावस्था से चलना प्रारंभ करती है तथा 2 मिनट तक 0.1 m s-2 के एकसमान त्वरण से चलती है| परिकलन कीजिए, (a) प्राप्त की गई चाल (b) तय की गई दूरी |

उत्तर

बस की प्रारंभिक चाल, u = 0
त्वरण, a = 0.1 m s-2 
समय, t = 2 मिनट = 120 s

(a)v = u + at
= 0 + 0.01 × 120
v = 12 ms-1    

(b)गति के तीसरे समीकरण के अनुसार,
v2 - u2= 2as
जहाँ बस द्वारा तय की गई दूरी s है|
(12)2 - (0)= 2(0.1) s
s = 720 m
बस द्वारा प्राप्त की गई चाल 12 m/s है|
बस द्वारा तय की गई दूरी 720 m है|

2.कोई रेलगाड़ी 90 km h-1  के चाल से चल रही है| ब्रेक लगाए जाने पर वह -0.5 ms-2 का एकसमान त्वरण उत्पन्न करती है| रेलगाड़ी विरामावस्था में आने के पहले कितनी दूरी तय करेगी?

उत्तर

रेलगाड़ी की प्रारंभिक चाल, u = 90 km/h = 25 m/s
रेलगाड़ी की अंतिम चाल, v = 0 (अंत में रेलगाड़ी विरामावस्था में होती है)
त्वरण, a = -0.5 ms-2 
गति के तीसरे समीकरण के अनुसार, 
v= u2+ 2 as
(0)2 = (25)2 + 2 (- 0.5) s

जहाँ रेलगाड़ी द्वारा तय की गई दूरी s है|
S = 252/2(0.5) = 625 m
रेलगाड़ी विरामावस्था में आने के पहले 625 m दूरी तय करेगी|

3.एक ट्रॉली एक आनत तल पर 2 cm s-2 के त्वरण से नीचे जा रही है| गति प्रारंभ करने के 3 s के पश्चात् उसका वेग क्या होगा? 

उत्तर

ट्रॉली का प्रारंभिक वेग, u = 0 cm s-1
त्वरण, a = 2 m s-2
समय, t = 3 s
हम जानते हैं कि ट्रॉली का अंतिम वेग, v = u + at = 0 + 2×3 ms-1
इसलिए गति प्रारंभ करने के 3 s के पश्चात् ट्रॉली का वेग = 6 ms-1

4.एक रेसिंग कार का एकसमान त्वरण 4 ms-2 है| गति प्रारंभ करने के 10 s के पश्चात् वह कितनी दूरी तय करेगी?

उत्तर

कार का प्रारंभिक वेग, u = u = 0 ms-1
त्वरण, a = 4 m s-2
समय, t = 10 s
हम जानते हैं, दूरी s = ut + (1/2) at2

इसलिए गति प्रारंभ करने के 10 s के पश्चात् कार द्वारा तय की गई दूरी = 0 × 10 + (1/2) × 4 × 102 
= 0 + (1/2) × 4 × 10 × 10 m
= (1/2) × 400 m
= 200 m

5.किसी पत्थर को उर्ध्वाधर ऊपर की ओर 5 ms-1  के वेग से फेंका जाता है| यदि गति के दौरान पत्थर का नीचे की ओर दिष्ट त्वरण 10 ms-2 है, तो पत्थर के द्वारा कितनी ऊँचाई प्राप्त की गई तथा उसे वहाँ पहुँचने में कितना समय लगा?

उत्तर

दिया गया है,
पत्थर का प्रारंभिक वेग, u = 5 ms-1
नीचे की ओर ऋणात्मक त्वरण, a = 10 ms-2 

हम जानते हैं कि 2 as = v2- u2
इसलिए, पत्थर के द्वारा प्राप्त की गई ऊँचाई, s = 2 × 02/52 × (-10) m
= (-25)/(-20) m
= 1.25 m

हम यह भी जानते हैं कि अंतिम वेग, v = u + at
या, t = (v-u)/a
इस प्रकार, पत्थर के ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय, t = (0-5)/(-10) = 0.5 s

पृष्ठ संख्या 124

अभ्यास 

1. एक एथलीट वृत्तीय रास्ते, जिसका व्यास 200 m है, का एक चक्कर 40 s में लगाता है| 2 min 20 s के बाद वह कितनी दूरी तय करेगा और उसका विस्थापन क्या होगा?

उत्तर

वृत्तीय रास्ते का व्यास (D) = 200 m
वृत्तीय रास्ते का त्रिज्या (r) = 200/2 = 100 m
एक चक्कर लगाने में एथलीट द्वारा लिया गया समय, t = 40 s
एक चक्कर लगाने में एथलीट द्वारा तय की गई दूरी, s = 2πr
= 2 × (22/7) × 100

एथलीट की चाल (v) = तय की गई दूरी/समय
= (2 × 2200) / (7 × 40)
= 4400 / 7 × 40

इस प्रकार, 140 s में तय की गई दूरी = चाल × समय
=4400 / (7 × 40) × (2 × 60 + 20)
= 4400 / (7 × 40) × 140
= 4400 × 140 /7 × 40
= 2200 m
40 s में चक्करों की संख्या = 1
140 s में चक्करों की संख्या = 140/40 = 3½

स्थिति X से शुरू करने के बाद, 3½ चक्कर लगाने पर एथलीट स्थिति Y पर होगा, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है-
इस प्रकार, प्रारंभिक स्थिति X के सापेक्ष एथलीट का विस्थापन = XY
= वृत्तीय रास्ते का व्यास
= 200 m

2. 300 m सीधे रास्ते पर जोसेफ़ जॉगिंग करता हुआ 2 min 50 s में एक सिरे A से दूसरे सिरे B पर पहुँचता है और घूमकर 1 min. में 100 m पीछे बिंदु C पर पहुँचता है| जोसेफ़ की औसत चाल और औसत वेग क्या होंगे? 
(a)सिरे A से सिरे B तक तथा
(b)सिरे A से सिरे C तक

उत्तर

AB से तय की गई कुल दूरी = 300 m
लिया गया कुल समय = 2 × 60 + 50 s
= 150 s
AB से औसत चाल = तय की गई कुल दूरी/लिया गया कुल समय
= 300 / 150 ms-1
= 2 ms-1

इस प्रकार, AB से वेग = AB विस्थापन / समय
= 300/150 ms-1
= 2 ms-1

AC से तय की गई कुल दूरी = AC =AB + BC
= 300 + 200 m

A से C तक लिया गया कुल समय = AB के लिए लिया गया समय + BC के लिए लिया गया समय 
= (2 × 60+30)+60 s
= 210 s

इस प्रकार, AC से औसत चाल = कुल दूरी/कुल समय
= 400 /210 ms-1
= 1.904 ms-1

A से C तक विस्थापन (S) = AB - BC 
= 300-100 m
= 200 m
AC से विस्थापन के लिए लिया गया समय (t) = 210 s
इस प्रकार AC से वेग = विस्थापन (S) / समय (t) 
= 200 / 210 ms-1
= 0.952 ms-1

3. अब्दुल गाड़ी से स्कूल जाने के क्रम में औसत चाल को 20 km h-1 पाता है| उसी रास्ते से लौटने के समय वहाँ भीड़ कम है और औसत चाल 40 km h-1है | अब्दुल की इस पूरी यात्रा में उसकी औसत चाल क्या है?

उत्तर

अब्दुल घर से स्कूल जाने के क्रम में दूरी तय करता है = s
मान लें, कि इस दूरी को तय करने में अब्दुल द्वारा लिया गया समय = t1
स्कूल से घर जाने के क्रम में अब्दुल द्वारा तय की गई दूरी = S

मान लें, कि इस दूरी को तय करने में अब्दुल द्वारा लिया गया समय = t2
घर से स्कूल तक औसत चाल, v1avg = 20 km h-1 
स्कूल से घर तक औसत चाल, v2avg = 30 km h-1 

हम यह भी जानते हैं कि घर से स्कूल तक जाने में लगा समय, t1 =S/v1avg 
उसी प्रकार स्कूल से घर तक जाने में लगा समय, t2 =S/v2avg 

स्कूल से घर आने और वापस लौटने के क्रम में तय की गई कुल दूरी = 2S
स्कूल से घर आने और वापस लौटने के क्रम में लगा कुल समय = (T) = S/20 + S/30

इस प्रकार, कुल दूरी तय करने के लिए औसत चाल (2S) = तय की गई कुल दूरी / लिया गया कुल समय
= 2S/(S/20 +S/30)
= 2S/[(30S+20S)/600]
= 1200S/50S
= 24 km h-1

4.कोई मोटरबोट झील में विरामावस्था से सरल रेखीय पथ पर 3.0 ms-2 की नियत त्वरण से 8.0 s तक चलती है| इस समय अंतराल में मोटरबोट कितनी दूरी तय करती है?

उत्तर

दिया गया है
मोटरबोट का प्रारंभिक वेग,  u = 0
मोटरबोट का त्वरण, a = 3.0 ms-2
लिया गया समय, t = 8.0 s 

हम जानते हैं कि दूरी, s = ut + (1/2)at2
इस प्रकार, मोटरबोट द्वारा तय की गई दूरी = 0×8 + (1/2)3.0 × 82
= (1/2) × 3 × 8 × 8 m
= 96 m

5.किसी गाड़ी का चालक 52 km h-1 की गति से चल रही कार में ब्रेक लगाता है तथा कार विपरीत दिशा में एकसमान दर से त्वरित होती है| कार 5 s में रूक जाती है| दूसरा चालक 30 km h-1 की गति से चलती हुई दूसरी कार पर धीमे-धीमे ब्रेक लगाता है तथा 10 s में रूक जाता है| एक ही ग्राफ़ पेपर पर दोनों कारों के लिए चाल-समय ग्राफ़ आलेखित करें| ब्रेक लगाने के पश्चात् दोनों में से कौन-सी कार अधिक दूरी तक जाएगी?

उत्तर

दिए गए दो कारों के प्रारंभिक चाल क्रमशः 52 km h-1 तथा 30 km h-1 हैं जिनकी चाल-समय ग्राफ़ PR तथा SQ नीचे दिए गए हैं :

विरामावस्था में आने से पूर्व पहले कार द्वारा तय की गई दूरी = △OPR का क्षेत्रफल
= (1/2) × OR × OP
= (1/2) × 5s × 52 km h-1
= (1/2) × 5 × (52 × 1000/3600) m
= (1/2) × 5 × (130/9) m
= 325/9 m
= 36.11 m

विरामावस्था में आने से पूर्व दूसरे कार द्वारा तय की गई दूरी = △OSQ का क्षेत्रफल
= (1/2) × OQ × OS
= (1/2) × 10 s × 3 km h-1
= (1/2) × 10 × (5/6) m
= 5 × (5/6) m
= 25/6 m
= 4.16 m

6.चित्र 8.11 में तीन वस्तुओं A, B और C के दूरी-समय ग्राफ़ प्रदर्शित हैं| ग्राफ़ का अध्ययन करके निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a)तीनों में से कौन सबसे तीव्र गति से गतिमान है?
(b)क्या ये तीनों किसी भी समय सड़क के एक ही बिंदु पर होंगे?
(c)जिस समय B, A से गुजरती है उस समय तक C कितनी दूरी तय कर लेती है?
(d)जिस समय B, C से गुजरती है उस समय तक यह कितनी दूरी तय कर लेती है?

उत्तर

(a)वस्तु B
चाल = दूरी/समय
ग्राफ़ की ढलान = X अक्ष / Y अक्ष = दूरी/समय
इसलिए, चाल = ग्राफ़ की ढलान  
चूँकि वस्तु B की ढलान वस्तु A और C से अधिक है, इसलिए यह सबसे तीव्र गति से गतिमान है|  

(b)नहीं|
तीनों वस्तु A, B तथा C किसी एक बिंदु पर नहीं मिलते हैं| इसलिए ये तीनों किसी भी समय सड़क के एक ही बिंदु पर नहीं होंगे| 

(c)5.714 km
7 वर्गाकार बॉक्स = 4 km
∴ 1 वर्गाकार बॉक्स = 4/7 km
C मूल बिंदु से 4 बॉक्स दूर है, इसलिए मूल बिंदु से C की प्रारंभिक दूरी = 16/7 km
जिस समय B, A से गुजरती है उस समय मूल बिंदु से C की दूरी = 8 km
इसलिए, जिस समय B, A से गुजरती है उस समय तक C द्वारा तय की गई दूरी = 
= 8 - 16/7
= (56 - 16)/7
= 40/7
= 5.714 km

(d)5.143 km
जिस समय B, C से गुजरती है उस समय तक उसके द्वारा तय की गई दूरी = 9 वर्गाकार बॉक्स
= 9 × 4/7
= 36/7
= 5.143 km

7.20 m की ऊँचाई से एक गेंद को गिराया जाता है| यदि उसका वेग 10 m s-2 के एकसमान त्वरण की दर से बढ़ता है तो यह किस वेग से धरातल से टकराएगी? कितने समय पश्चात् वह धरातल से टकराएगी?

उत्तर

मान लें कि धरातल से टकराने वाली गेंद का वेग ‘v’ होगा तथा धरातल से टकराने में लगा समय ‘t’ है| 
गेंद का प्रारंभिक वेग, u = 0
गिरने की ऊँचाई, s =20 m 
नीचे की ओर दिष्ट त्वरण, a =10 m s-2
जैसा कि हम जानते हैं, 2as = v2-u2
v2 = 2as+ u2
= 2 × 10 × 20 + 0
= 400

∴ गेंद का अंतिम वेग, v = 20 ms-1
t = (v-u)/a
इसलिए गिरते हुए गेंद द्वारा लिया गया समय = (20-0)/10
= 20/10
= 2 s

8.किसी कार का चाल-समय ग्राफ़ चित्र 8.12 में दर्शाया गया है|
(a)पहले 4 s में कार कितनी दूरी तय करती है? इस अवधि में कार द्वारा तय की गई दूरी को ग्राफ़ में छायांकित क्षेत्र द्वारा दर्शाइये|
(b)ग्राफ़ का कौन-सा भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है?

उत्तर

(a)
छायांकित क्षेत्र जो 1/2 × 4 × 6 = 12 m के बराबर है, पहले 4 s में कार द्वारा तय की गई दूरी को दर्शाता है|
ग्राफ़ में 6 s से 10 s के बीच लाल रंग वाला भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है|

9.निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्थाएँ संभव हैं तथा प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दें :
(a)कोई वस्तु जिसका त्वरण नियत हो परन्तु वेग शून्य हो|
(b)कोई वस्तु निश्चित दिशा में गति कर रही हो तथा त्वरण उसके लंबवत् हो|

उत्तर

(a)संभव, 
जब एक गेंद को अधिकतम ऊँचाई से गिराया जाता है तो उसका वेग शून्य होता है| यद्यपि उसका त्वरण गुरूत्वाकर्षण के कारण नियत होता है जो 9.8 m/s2 के बराबर है|

(b)संभव,
जब एक कार किसी वृत्ताकार पथ पर गति करता है तो उसका त्वरण उसके लंबवत् होता है|

10.एक कृत्रिम उपग्रह 42250 km त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में घूम रहा है| यदि वह 24 घंटे में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसकी चाल का परिकलन कीजिए|

उत्तर

वृत्ताकार कक्षा की त्रिज्या, r = 42250 km
पृथ्वी की परिक्रमा करने में लगा समय, t = 24 h
वृत्ताकार घूमते उपग्रह की चाल, v = (2π r)/t
= [2× (22/7) × 42250 × 1000]/(24 × 60 × 60)
= (2×22×42250×1000) / (7 ×24 × 60 × 60) ms-1
= 3073.74 ms-1

ईदगाह - पठन सामग्री और सार NCERT Class 11th Hindi

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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 1 - ईदगाह (Idgaah) अन्तरा भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes

सारांश

मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी ‘ईदगाह’ में ईद जैसे महत्वपूर्ण त्योहार को आधार बनाकर ग्रामीण मुस्लिम जीवन का सुंदर चित्र प्रस्तुत किया गया है| हामिद का चरित्र हमें बताता है कि अभाव उम्र से पहले बच्चों में कैसे बड़ों जैसी समझदारी पैदा कर देता है| मेले में हामिद अपनी हर इच्छा पर संयम रखने में विजयी होता है| चित्रात्मक भाषा की दृष्टि से भी यह कहानी अनूठी है|

गाँव में पूरे तीस रोजों के रमजान के बाद ईद के त्यौहार की खुशियाँ मनाई जा रही है| सभी अपने कामों को जल्द-से-जल्द निपटाकर ईदगाह जाने के लिए तैयार हो रहे हैं| उनमें सबसे अधिक खुश बच्चे हैं क्योंकि उन्होंने इस दिन का बहुत इंतजार किया है| उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि उनके अब्बा चौधरी के घर क्यों दौड़े जा रहे हैं| उन्हें तो बस ईदगाह जाने की जल्दी है क्योंकि वहाँ लगे मेले में घूमना है| हामिद भी चार-पाँच साल का एक दुबला-पतला लड़का है| वह अपनी दादी के साथ अकेले रहता है क्योंकि बचपन में ही उसके माता-पिता गुजर चुके थे| लेकिन उसे लगता है कि उसके अब्बाजान एक दिन जरुर आएँगे और बहुत सारी नई चीजें लाएँगे| उसकी दादी अमीना घर की आर्थिक स्थिति अच्छी तरह जानती है और उसे इस बात की चिंता है कि इतने कम पैसे में ईद का त्यौहार कैसे मनाएगी| वह हामिद को तीन पैसे देकर मेले में भेजती है|

सभी ईदगाह पहुँचते हैं और ईद की नमाज पढ़ने के बाद आपस में गले मिलते हैं| बच्चों की टोली मेले से तरह-तरह के खिलौने और मिठाई खरीदती है| लेकिन हामिद के पास मात्र तीन ही पैसे हैं जिनसे वह अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदता है| इस बात पर उसके सभी दोस्त उसकी हँसी उड़ाते हैं| हामिद उनके खिलौनों की निंदा करता है और अपने चिमटे को उनके खिलौनों से श्रेष्ठ बताता है| घर आने पर जब उसकी दादी अमीना उसके हाथों में चिमटा देखती है तो डाँटना शुरू कर देती है| जब हामिद ने चिमटा लाने का असली कारण तवे पर रोटी सेंकते समय उनकी ऊंगलियों का जलना बताया तो दादी का सारा गुस्सा स्नेह में बदल गया| हामिद का अपने प्रति प्यार और त्याग की भावना देखकर दादी भावुक हो उठीं| उनके आँखों से आँसू गिरने लगे और वह हामिद को हाथ उठाकर दुआएँ देने लगी|

कथाकार-परिचय

मुंशी प्रेमचंद का जन्म सन् 1880 में तथा उनकी मृत्यु 1936 में हुई| उनका जन्म वाराणसी जिले के लमही ग्राम में हुआ था| उनका मूल नाम धनपतराय था| प्रेमचंद की प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में हुई| मैट्रिक के बाद वे अध्यापन करने लगे| बी.ए. तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और पूरी तरह लेखन-कार्य के प्रति समर्पित हो गए|

प्रेमचंद के साहित्य में किसानों, दलितों, नारियों की वेदना और वर्ण-व्यवस्था की कुरीतियों का मार्मिक चित्रण किया है| वे साहित्य को स्वांतः सुखाय न मानकर सामाजिक परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम मानते थे| वे एक ऐसे साहित्यकार थे, जो समाज की वास्तविक स्थिति को पैनी दृष्टि से देखने की शक्ति रखते थे| उन्होंने समाज-सुधार और राष्ट्रीय-भावना से ओत-प्रोत अनेक उपन्यासों एवं कहानियों की रचना की| उनकी भाषा बहुत सजीव, मुहावरेदार और बोलचाल के निकट है|

प्रमुख रचनाएँ- उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं- मानसरोवर (आठ भाग), गुप्त धन (दो भाग) (कहानी संग्रह); निर्मला, सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कर्मभूमि, गबन, गोदान (उपन्यास); कर्बला, संग्राम, प्रेम की वेदी (नाटक); विविध प्रसंग (तीन खंडों में, साहित्यिक और राजनीतिक निबंधों का संग्रह); कुछ विचार (साहित्यिक निबंध)| उन्होंने माधुरी, हंस, मर्यादा, जागरण आदि पत्रिकाओं का भी संपादन किया|

कठिन शब्दों के अर्थ

• बला- कष्ट, आपति, बहुत कष्ट देनेवाली वस्तु
• बदहवास- घबराना, होश-हवाश ठीक न होना
• निगोड़ी- अभागी, निराश्रय, जिसका कोई न हो
• चितवन- किसी को और देखने का ढंग, दृष्टि, कटाक्ष
• वजू- नमाज से पहले यथाविधि हाथ-पाँव और मुँह धोना
• सिजदा- माथा टेकना, खुदा के आगे सिर झुकाना
• हिंडोला- झूला, पालना
• मशक- भेड़ या बकरी की खाल को सीकर बनाया हुआ थैला जिससे भिश्ती पानी ढोते हैं
• अचकन- लंबा कलीदार अँगरखा जिसमें पहले गरेबाँ से कमर-पट्टी तक अर्धचंद्राकार बंद लगते थे और अब सीधे बटन टँकते हैं
• नेमत- बहुत बढ़िया
• जब्त- सहन करना
• दामन- पल्लू, आँचल


Notes of Ch 2 Nutrition in Animals Class 7th Science

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Study Material and Notes of Ch 2 Nutrition in Animals Class 7th Science

Topics in the chapter

• Introduction
• Mode of nutrition in Animals
• Nutrition in Humans
• Salivary Glands
• Liver
• Pancreas
• Digestion in large intestine

Introduction

→ Animals and humans have heterotrophic mode of nutrition because they obtain their food directly or indirectly from plants.

Nutrition

→ Nutrition is the process of taking energy from food materials.

→ It is a complex process and involves five important steps − ingestion, digestion, absorption, assimilation, and egestion.

• Ingestion: It is the process of taking food. It takes place through mouth.

• Digestion: It is the process of breaking down of complex food components into simpler molecules.

• Absorption: It is the process in which all the digested food is absorbed by the walls of intestine.

•  Assimilation is the process in which the absorbed food is delivered to each and every cell of the body where they are used to produce energy and complex substances such as proteins, etc.

• Egestion: It is the process in which the undigested, stored waste is excreted out from the body as faeces via anus.

Heterotrophic Nutrition

→ The heterotrophs that derive their energy directly from plants are called herbivores and those who derive their energy indirectly i.e. by eating herbivores are called carnivores.

• Omnivores: They feed on both plants and animals e.g. bear, rat, man etc.

• Decomposers: They obtain nutrients by breaking down remains of dead plants and animals, includes some bacteria and fungi.

Nutrition in Humans

The humans have complex mode of taking nutrition from food which is described below.

Mouth

Mouth includes teeth, salivary glands, and tongue.

Teeth

→ Teeth break down the food.

• They are of four types of teeth: molars, premolars (4), canines (2), and incisors (4) in each jaw.

• Molars are 6, Premolars are 4, Canines are 2 and Incisors are 4 in numbers and present in each jaw.

Functions of teeth

→ Molars and premolars are for chewing and grinding food.

→ Canines are for piercing and tearing food.

→  Incisors are for cutting and biting food.

→ In total life span of humans, two sets of teeth grow – milk teeth and permanent teeth.

Salivary glands

→ Saliva is secreted by salivary glands located under the tongue.

→ Salivary gland contains a digestive enzyme salivary amylase, which breaks down starch into sugar.

→ Tongue helps in chewing and swallowing of food.

→ The food from mouth passes down the oesophagus to the stomach, through the movement of walls of oesophagus (peristalsis)

→ Stomach mixes the food received from oesophagus with digestive juices.

→ Inner lining of stomach secretes hydrochloric acid and digestive juices.

Stomach

• Mucus: It protects the lining of stomach against the action of the acid.

• Hydrochloric acid: creates an acidic medium and helps in digestion of proteins.

• Digestive juices: break down protein into simple substance.
Pepsin breaks proteins into polypeptides

→ Rennin changes soluble milk proteins into curd which is insoluble.

→ The food from stomach moves into the small intestine.

Digestion in small intestine

→ It is the longest part (about 7.5 m long) of the alimentary canal.

→ It is the site where complete digestion of carbohydrates, proteins, and fats takes place.

→ All the digested food is absorbed by the walls of intestine. This process is known as absorption.

• Villi: They are innner lining of small intestine which has tiny finger-like projections..

→ Villi increase the surface area for more efficient food absorption.

→ The absorbed food is delivered to each and every cell of the body where they are used to produce complex substances such as proteins, etc. This process is known as assimilation.

→ It receives intestinal juice from two glands: liver and pancreas that help in further digestion of food.

Liver

→ It is the largest gland of the body and secretes bile juice.

→ Bile juice is stored in gall bladder and plays an important role in the digestion of fats.

Pancreas

→ Pancreas contains enzymes that help in complete digestion of all food components.

→ Amylase breaks starch into maltose

→ Lipase breaks complex fats into simple fats.

Functions of enzymes secreted in small intestine:

→ Maltase changes maltose to glucose

→ Sucrase changes sucrose to glucose

→ Lactase changes lactose to glucose

→ Peptidase changes polypeptides to amino acids

Digestion in large intestine

→ The digested food from small intestine goes into blood stream and the undigested and unabsorbed material and water enters the large intestine.

→ The function of large intestine is absorption of water and some salts from undigested food.

→ From large intestine, the waste material is stored in rectum in the form of semi-solid faeces.

→ The undigested, stored waste is excreted out from the body as faeces via anus. This process is known as egestion.

दोपहर का भोजन - पठन सामग्री और सार NCERT Class 11th Hindi

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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 2 - दोपहर का भोजन (Dophar ka Bhojan) अन्तरा भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes

सारांश

अमरकांत द्वारा रचित ‘दोपहर का भोजन’ कहानी गरीबी से जूझ रहे एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार की कहानी है| इस कहानी में समाज में व्याप्त गरीबी को चिन्हित किया गया है| मुंशीजी के पूरे परिवार का संघर्ष भावी उम्मीदों पर टिका हुआ है| सिद्धेश्वरी गरीबी के एहसास को मुखर नहीं होने देती और उसकी आँच से अपने परिवार को बचाए रखती है|

कहानी की नायिका सिद्धेश्वरी दोपहर का भोजन बनाकर अपने परिवार के सदस्यों की प्रतीक्षा करती है| वह गर्मियों की दोपहर में भूख से व्याकुल बैठी है क्योंकि घर में इतना खाना नहीं है कि दो रोटी खाकर वह अपना पेट भर सके| वह एक लोटा पानी ही पीकर अपनी भूख मिटाने का प्रयास करती है| वहीं सामने उसका छोटा बेटा खाट पर सोया हुआ है जो कुपोषण का शिकार है| दोपहर के बारह बज गए हैं और भोजन का समय हो गया है| तभी बड़ा बेटा रामचंद्र आकर चौकी पर बैठता है, जिसके चेहरे पर निराशा झलक रही है| वह एक दैनिक समाचार-पत्र के दफ्तर में प्रूफ रीडरी का काम सीखता है और अभी तक बेरोजगार है| सिद्धेश्वरी उसके सामने भोजन परोसती है| रामचंद्र के दो रोटी खा लेने के बाद वह उससे और रोटी लेने के लिए आग्रह करती है लेकिन वह भूख न होने का बहाना बनाकर मना कर देता है| वह अपने छोटे भाई मोहन के विषय में पूछता है| सिद्धेश्वरी उससे झूठ बोलती है कि वह अपने मित्र के यहाँ पढ़ने गया है| वह रामचंद्र को खुश करने के लिए यह भी कहती है कि मोहन हर समय उसकी प्रशंसा करता है ताकि वह थोड़ी देर के लिए अपने दुःख को भूल सके|

कुछ देर बाद उसका मँझला बेटा मोहन खाने के लिए आता है| सिद्धेश्वरी खाने में उसे भी दो रोटी, दाल और थोड़ी सब्जी परोसती है| सिद्धेश्वरी उससे भी झूठ बोलती है कि उसका बड़ा भाई रामचंद्र उसकी बहुत प्रशंसा कर रहा था| यह सुनकर मोहन प्रसन्न हो जाता है| सिद्धेश्वरी के कहने पर वह थोड़ी दाल पीकर ही पेट भरने का बहाना करता है और रोटी लेने से मना कर देता है| उसके बाद घर के मुखिया और सिद्धेश्वरी के पति मुंशी चंद्रिका प्रसाद आते हैं और खाना खाने बैठ जाते हैं| दो रोटी खाने के बाद सिद्धेश्वरी उनसे और रोटी लेने का आग्रह करती हैं लेकिन घर की वास्तविकता से परिचित मुंशीजी मना कर देते हैं| उसके सामने भी सिद्धेश्वरी दोनों बेटों की प्रशंसा करती है ताकि उनमें एकजुटता बनी रहे| सबके खाने के बाद सिद्धेश्वरी खाना खाने बैठती है जिसके हिस्से में केवल एक रोटी आती है| तभी उसकी नजर उसके छोटे बेटे प्रमोद पर पड़ती है जो सोया हुआ था| वह उसके लिए आधी रोटी रखकर स्वयं आधी रोटी खाकर पानी पी लेती है| खाना खाते समय उसकी आँखों से बहते आँसू उसकी विवशता को बयान करते हैं| पर्याप्त भोजन न होने के कारण भूख होते हुए भी वह भरपेट खाना नहीं खा पाती|

इस प्रकार ‘दोपहर का भोजन’ एक गरीब परिवार की विवशता को बयान करती कहानी है जिसमें परिवार के सभी लोग अभावग्रस्त तथा संघर्षपूर्ण वातावरण में खुश रहने का प्रयास करते हैं|

कथाकार-परिचय

जन्म एवं शिक्षा- अमरकांत का जन्म सन् 1925 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगरा गाँव में हुआ| उनकी मृत्यु सन् 2014 में हुई| उनका मूल नाम श्रीराम वर्मा है तथा आरंभिक शिक्षा बलिया में हुई| इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी,ए. की डिग्री प्राप्त की|

अमरकांत ने अपनी साहित्यिक जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से की| वे नयी कहानी आंदोलन के एक प्रमुख कहानीकार हैं| उन्होंने अपनी कहानियों में शहरी और ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रं किया है| वे मुख्यतः मध्यवर्ग के जीवन की वास्तविकता और विसंगतियों को व्यक्त करने वाले कहानीकार हैं| उनकी शैली की सहजता और भाषा की सजीवता पाठकों को आकर्षित करती है| वे जीवन की कथा उसी ढंग से कहते हैं, जिस ढंग से जीवन चलता है|

प्रमुख रचनाएँ- उनकी प्रमुख रचनाएँ जिंदगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र-मिलन, कुहासा (कहानी संग्रह); सूखा पत्ता, ग्राम सेविका, काले उजले दिन, सुखजीवी, बीच की दीवार, इन्हीं हथियारों से (उपन्यास) हैं| अमरकांत ने बाल-साहित्य भी लिखा है| इस पुस्तक के लिए उनकी कहानी ‘दोपहर का भोजन’ ली गई है|

कठिन शब्दों के अर्थ

• व्यग्रता- व्याकुलता, घबराया हुआ
• बर्राक- याद रखना, चमकता हुआ
• पंडूक- कबूतर का तरह का एक प्रसिद्ध पक्षी
• कनखी- आँख के कोने से
• ओसारा- बरामदा
• निर्विकार- जिसमें कोई विकार या परिवर्तन न होता हो
• छिपुली- खाने का छोटा बर्तन
• अलगनी- कपडे टाँगने के लिए बाँधी गई रस्सी
• नाक में दम आना- परेशान होना
• जी में जी आना- चैन आ जाना

टार्च बेचनेवाले - पठन सामग्री और सार NCERT Class 11th Hindi

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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 3 - टार्च बेचनेवाले (Torch Bechnewale) अन्तरा भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes

सारांश

प्रस्तुत रचना ‘टार्च बेचनेवाले’ में लेखक हरिशंकर परसाई ने समाज में प्रचलित आस्थाओं के बाजारीकरण और धार्मिक पाखंड पर प्रहार किया है| लेखक की मुलाकात ऐसे व्यक्ति से होती है जो पहले शहर के चौराहे पर टार्च बेचा करता था| उसके हुलिए को देखकर लेखक को लगा कि शायद उसने संन्यास ग्रहण कर लिया हो| पूछने पर उसने बताया कि वह अब टार्च बेचने का काम नहीं करता क्योंकि उसके आत्मा की प्रकाश जल गई है| एक घटना ने उसका जीवन बदल दिया है| उसने बताया कि पाँच साल पहले पैसे कमाने के लिए दोनों दोस्त अलग-अलग चल पड़े थे| वह अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ‘सूरज छाप’ टार्च बेचने लगा| वह लोगों को रात के अँधेरे का डर दिखाकर शहर के चौराहे पर टार्च बेचा करता था जिससे लोग अधिक टार्च खरीदें| पाँच साल बाद वायदे के मुताबिक़ जब वह अपने दोस्त से मिलने उसी जगह पहुँचा जहाँ से वे अलग हुए थे, लेकिन वह नहीं मिला| शाम को जब वह शहर के सड़क पर चला जा रहा था तो उसने एक भव्य पुरूष को मंच पर प्रवचन देते सुना| मैदान में हजारों लोग श्रद्धा से सिर झुकाए उसकी बातों को सुन रहे थे| वह लोगों को आत्मा के अँधेरे को दूर करने के तरीके समझा रहा था| उस आदमी की वेशभूषा साधुओं की तरह थी जिसके कारण वह उसे पहचान नहीं पाया| वह अपना प्रवचन पूरा कर मंच से उतरकर जैसे ही अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ा तो उसने टार्च बेचनेवाले को देखते ही पहचान लिया| दोनों दोस्त पाँच साल बाद मिल रहे थे| पहला दोस्त रात के अँधेरे को दूर करने के लिए टार्च बेचकर और दूसरा दोस्त आत्मा के अँधेरे को दूर करने के लिए उपदेश देने वाला धर्माचार्य बनकर पैसे कमा रहा था| वह दूसरे दोस्त के वैभव और धन-दौलत के चमक को देखकर निश्चय करता है कि ‘सूरज कंपनी’ के टार्च बेचने से अच्छा है कि वह भी धर्माचार्य बनकर लोगों के मन के अँधेरे को दूर कर पैसे कमाए|

इस प्रकार वह लेखक को बताता है कि अब वह टार्च तो बेचेगा लेकिन वह रात के अँधेरे को दूर करने वाला नहीं बल्कि आत्मा के अँधेरे को दूर करने वाला होगा| लेखक ने टार्च बेचने वाले दो दोस्तों के माध्यम से बताया है कि किस प्रकार संतों की वेशभूषा धारण करके आत्मा के अँधेरे को दूर करने वाली टार्च बेचकर समाज में लोग अपनी पैठ जमाए हुए हैं और दूसरे भी इस लाभप्रद धंधे को देखकर यही काम करने के लिए प्रेरित होते हैं|

लेखक परिचय

लेखक हरिशंकर परसाई का जन्म जमानी गाँव, जिला होशंगाबाद मध्य प्रदेश में हुआ था| उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए. किया| कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के बाद सन् 1947 से वे स्वतंत्र लेखन में जुट गए| उन्होंने जबलपुर से वसुधा नामक साहित्यिक पत्रिका निकाली|

उनके व्यंग्य-लेखों की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि वे समाज में फैली विसंगतियों, विडंबनाओं पर करारी चोट करते हुए चिंतन और कर्म की प्रेरणा देते हैं| उनकी रचनाओं में प्रायः बोलचाल के शब्दों का प्रयोग हुआ है|
उन्होंने दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की है, जिनमें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं- हँसते हैं रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे (कहानी संग्रह); रानी नागफनी की कहानी, तट की खोज (उपन्यास); तब की बात और थी, भूत के पाँव पीछे, बेईमानी की परत, पगडंडियों का जमाना, सदाचार की तावीज, शिकायत मुझे भी है, और अंत में (निबंध संग्रह); वैष्णव की फिसलन, तिरछी रेखाएँ, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर (व्यंग्य लेख-संग्रह)|

कठिन शब्दों के अर्थ

• गुरू गंभीर वाणी- विचारों से पुष्ट वाणी
• सर्वग्राही- सबको ग्रहण करनेवाला, सबको समाहित करनेवाला
• स्तब्ध- हैरान
• आह्वान- पुकारना, बुलाना
• शाश्वत- चिरंतन, हमेशा रहनेवाली
• सनातन- सदैव रहनेवाला


NCERT Solutions for Class 9th: Ch 9 बल तथा गति के नियम विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 9 बल तथा गति के नियम  विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 131

1.निम्न में से किसका जड़त्व अधिक है :
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी, 
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का|

उत्तर

किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है| वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होता है, उसका जड़त्व उतना ही अधिक होता है, विपरीत क्रम से भी यही|

(a) एक पत्थर का द्रव्यमान समान आकार के रबर की गेंद के द्रव्यमान से अधिक होता है| इस प्रकार, एक पत्थर का जड़त्व रबर की गेंद से अधिक होता है|

(b) एक रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान से अधिक होता है| इस प्रकार, एक रेलगाड़ी का जड़त्व साइकिल से अधिक होता है|

(c) पाँच रुपये के एक सिक्के का द्रव्यमान एक रुपये के एक सिक्के के द्रव्यमान से अधिक होता है| इस प्रकार, पाँच रुपये के एक सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक होता है|

2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें :
“फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है| दूसरा उस खिलाड़ी गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है| विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है|” इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है|

उत्तर

गेंद का वेग चार बार बदलता है|
पहली बार, जब एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है, दूसरी बार, जब दूसरा खिलाड़ी गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है| तीसरी बार, जब गोलकीपर गेंद को रोकता है| चौथी बार, जब गोलकीपर गेंद को अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है|
बल प्रदान करने के कारक :
पहली अवस्था- पहला खिलाड़ी
दूसरी अवस्था- दूसरा खिलाड़ी
तीसरी अवस्था- गोलकीपर
चौथी अवस्था- गोलकीपर

3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं| क्यों?

उत्तर

किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्योंकि शाखाएँ गति में आती हैं जबकि स्थिरता के जड़त्व के कारण पत्तियाँ विरामावस्था में रहती हैं|

4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?

उत्तर

एक गतिशील बस में, गति के जड़त्व के कारण हम बस के साथ गति में रहते हैं| जैसे ही ड्राईवर ब्रेक लगाता है, बस रूक जाती है| लेकिन हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बने रहने की प्रवृत्ति रखता है| परिणामस्वरूप, आगे की ओर बल लगाया जाता है|

उसी प्रकार, बस के विरामावस्था से गतिशील होने पर हम पीछे की ओर हो जाते हैं, क्योंकि बस के गतिशील होने पर हमारा पैर, जो बस के फर्श के संपर्क में रहता है, गति में आ जाता है| परंतु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध करता है| इसलिए बस के विरामावस्था से गतिशील होने पर हम पीछे की ओर हो जाते हैं|

पृष्ठ संख्या 140

1. यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?

उत्तर

घोड़ा पृथ्वी की सतह को अपने पैरों से पीछे धकेलता है| न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, पृथ्वी की सतह घोड़े पर उतना ही प्रतिक्रिया बल विपरीत दिशा में लगाती है जिसके प्रभाव से गाड़ी आगे बढ़ती है|

2. एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट करें|

उत्तर

जब एक अग्निशमन कर्मचारी तीव्र गति बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबर की नली को पकड़ता है तो उस पर फेंकी जा रही पानी द्वारा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल लगता है| यह न्यूटन के गति के तीसरे नियम के कारण होता है| इस प्रतिक्रिया बल के फलस्वरूप, अग्निशमन कर्मचारी की स्थिरता कम हो जाती है| इसलिए उसे रबर की नली पकड़ने में कठिनाई होती है|

3. एक 50 g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की रायफल से 35 ms−1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है| रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए|

उत्तर

रायफल का द्रव्यमान, m1= 4 kg
गोली का द्रव्यमान, m2= 50g= 0.05 kg
रायफल का प्रतिक्षेपित वेग = v1
गोली प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है v2= 35m/s
प्रारंभ में, रायफल विरामावस्था में है|
इसलिए इसका प्रारंभिक वेग, v = 0
रायफल तथा गोली का कुल प्रारंभिक संवेग = (m1+m2)v= 0
गोली छोड़ने के बाद रायफल तथा गोली का कुल संवेग =  m1v1 + m2v2 = 0.05 × 35 = 4v1 + 1.75

संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
गोली छोड़ने के बाद का संवेग = गोली छोड़ने के पहले का संवेग 4v1 + 1.75 = 0
v1 = -1.75/4 = -0.4375 m/s
नकारात्मक चिन्ह से ज्ञात होता है कि रायफल 0.4375 m/s वेग के साथ पीछे की ओर प्रतिक्षेपित होती है|

4. 100 g और 200 g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 m और 1 m के वेग से गति कर रही हैं| दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं| टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 m हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें|

उत्तर

प्रथम वस्तु का द्रव्यमान, m1 = 100 g = 0.1 kg
दूसरे वस्तु का द्रव्यमान, m2 =  200 g = 0.2 kg
टकराने के पहले m1  का वेग, v1= 2 m/s
टकराने के पहले m2 का वेग, v2 = 1 m/s
टकराने के बाद m1 का वेग, v3 = 1.67 m/s
टकराने के बाद m2 का वेग, = v4

संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
टकराने के बाद का कुल संवेग = टकराने के पहले का कुल संवेग
इसलिए, m1v1 + m2v2 = m1v3 + m2v
2(0.1) + 1(0.2) = 1.67(0.1) + v4 (0.2)
0.4 = 0.167 + 0.2v4
 v4= 1.165 m/s
इस प्रकार, टकराने के बाद दूसरे वस्तु का वेग 1.165 m/s होता है|

पृष्ठ संख्या 141

1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है| क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु का वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें| यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें|

उत्तर

हाँ, किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है जब उस पर लगा बाह्य असंतुलित बल शून्य होता है| बारिश की बूँद नियत वेग के साथ गिरती हैं| बूँद का वजन उत्क्षेप तथा वायु के वेग द्वारा संतुलित होता है| इस प्रकार, बूँद पर लगा बल शून्य होता है|

2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं| स्पष्ट करें|

उत्तर

जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो यह अचानक गति में आ जाता है| धूल के कण स्थिरता के जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहते हैं, इसलिए ये बाहर आ जाते हैं|

3. बस की छत पर रखे समान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?

उत्तर

जैसे ही बस गतिशील होता है, छत पर रखे समान का निचला हिस्सा बस के संपर्क में रहने के कारण गति में आ जाता है| लेकिन समान का उपर हिस्सा स्थिरता के जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहता है| इसलिए ऊपरी भाग पीछे छूट जाता है तथा समान गिर जाता है| यही कारण है कि बस की छत पर रखे समान को रस्सी से बाँधा जाता है|

4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है| कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रूक जाती है| गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाक ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है|
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है|
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है|
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है|
(सही विकल्प का चयन करें)

उत्तर

गेंद की गति धीमी हो जाती है तथा विपरीत दिशा में लगने वाले घर्षण बल तथा वायु प्रतिरोध के कारण यह विरामावस्था में आ जाता है| इस प्रकार, गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है, विकल्प सही है|

पृष्ठ संख्या 142

5. एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है| यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है| इसका त्वरण ज्ञात करें| अगर इसका द्रव्यमान 7 मीट्रिक टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें| (1 मीट्रिक टन = 1000 kg)

उत्तर

प्रारंभिक वेग, u = 0
तय की गई दूरी, s = 400 m
लिया गया समय, t = 20 s
हम जानते हैं, s = ut + ½ at2
या, 400 = 0 + ½ a (20)2
या, a = 2 ms-2
अब, m = 7 मीट्रिक टन= 7000 kg, a = 2 ms-2
या, F = ma = 7000 × 2 = 14000 N

6. 1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1  के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है| पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रूक जाता है| पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें|

उत्तर

पत्थर का प्रारंभिक वेग, u = 20 m/s
पत्थर का अंतिम वेग, v = 0
पत्थर द्वारा तय की गई दूरी, s = 50 m
चूँकि, v2 - u2 = 2as,
या , 0 - 202 = 2a × 50,
या, a = – 4 ms-2
घर्षण बल, F = ma = – 4N

7. एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है| यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें :
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल

उत्तर

(a) इंजन द्वारा आरोपित किया गया बल, F = 40000 N
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल, Ff = 5000 N
नेट त्वरण बल = Fa = F – Ff = 40000 − 5000 = 35000 N
इस प्रकार, नेट त्वरण बल 35000 N है|

(b) रेल का त्वरण = a
पाँचों डिब्बों पर इंजन द्वारा लगाया बल = 40000 N
डिब्बों पर नेट त्वरण Fa = 35000 N
डिब्बों का द्रव्यमान, m = एक डिब्बे का द्रव्यमान × डिब्बों की संख्या
एक डिब्बे का द्रव्यमान = 2000 kg
डिब्बों की संख्या = 5
∴ m = 2000 × 5 = 10000 kg
कुल द्रव्यमान, M = m = 10000 kg
न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार,
Fa = Ma
a = Fa/M = 35000 10000 = 3.5 ms-2
इस प्रकार, रेल तथा डिब्बों का त्वरण 3.5 ms-2 है|

(c)डिब्बे 1 को छोड़कर बाकी डिब्बों का द्रव्यमान = 4 × 2000 = 8000 kg
डिब्बों का त्वरण = 3.5 m/s2
 डिब्बे को छोड़कर बाकी डिब्बों पर लगाया गया बल = 8000 × 3.5 = 28000 N
इसलिए डिब्बे 1 द्वारा बचे 4 डिब्बों पर लगाया गया बल 28000 N है|
इस प्रकार डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल 28000 N है|

8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है| यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?

उत्तर

गाड़ी का द्रव्यमान, m = 1500 kg
अंतिम वेग, v = 0 (अंत में गाड़ी के रूकने पर)
गाड़ी का त्वरण, a = 1.7 ms-2
न्यूटन के गति के दूसरे नियम से :
बल = द्रव्यमान × त्वरण = 1500 × (−1.7) = −2550 N
इसलिए गाड़ी के विपरीत दिशा में गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल −2550 N है|

9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2
(b) mv2
(c) ½ mv2
(d) mv
उत्तर

(d) mv
वस्तु का द्रव्यमान = m
वेग = v
संवेग = द्रव्यमान × वेग
संवेग = mv

10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं| बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?

उत्तर

लकड़ी का बक्सा नियत वेग से तभी आगे बढ़ेगा, जब उस पर लगा नेट बल शून्य हो| इसलिए बक्से पर लगने वाला घर्षण बल = 200 N है, जो बक्से के गति के विपरीत दिशा में लगता है|

11. दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही है| टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 m है| टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?

उत्तर

पहले वस्तु का द्रव्यमान, m1 = 1.5 kg
दूसरे वस्तु का द्रव्यमान, m2 = 1.5 kg
टकराने से पहले m1 का वेग, u1 = 2.5 m/s
टकराने से पहले विपरीत दिशा में गति कर रही m2 का वेग, u2 = −2.5 m/s
मान लें कि टकराने के बाद दोनों वस्तुओं का वेग v हो|
संवेग का संरक्षण नियम के द्वारा,
टकराने के पहले का संवेग = टकराने के बाद का संवेग
या, (m1 + m2)v = m1u1 + m2u2
या, (1.5 + 1.5)v = 1.5 × 2.5 +1.5 × (–2.5) (ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि गति विपरीत दिशा में होगी)
या, v = 0 m/s

12. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है| यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा| एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं| इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?

उत्तर

तर्क यह है कि क्रिया और प्रतिक्रिया बल दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं, इसलिए वे दोनों एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं| जब हम एक भारी ट्रक को धक्का देते हैं तो उसके चक्के तथा सड़क के बीच का आकर्षण बल बहुत अधिक होता है और ट्रक गतिशील नहीं हो पाता|

पृष्ठ संख्या 143

13. 200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 m/s की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है| उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं| संघट्ट के पहले और संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना करें| दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें|

उत्तर

हॉकी की गेंद का द्रव्यमान, m1= 200 g = 0.2 kg
गेंद का वेग, u1 = 10 m/s
गुटके का द्रव्यमान, m2 = 5 kg
गुटके का वेग, u2 =  0
प्रारंभिक संवेग, m1u1 + m2u2 = 0.2 ×10 + 5 × 0
= 2 kg ms-1

टकराने के बाद,
गेंद का संवेग = गुटके का संवेग = v
कुल संवेग = m1v + m2v
(m1 + m2)v = (0.2 + 5)v
= 5.2v

दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग,
2 kg ms-1 = 5.2 v
v = 2/5.2 = 10/26 ms-1
v = 0.38 ms-1

14. 10 g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है| गोली लकड़ी को कितनी दूर तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें|

उत्तर

प्रारंभिक वेग, u = 150 m/s
अंतिम वेग, v = 0
विरामावस्था में आने में लगा समय, t = 0.03 s
गति के पहले समीकरण के अनुसार, v = u + at
गोली का त्वरण, a = 0 = 150 + (a × 0.03 s)a = -150/0.03 = -5000 m/s2
(ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि वेग की दर घट रही है)

गति के तीसरे समीकरण के अनुसार,
v2 = u2+ 2as
0 = (150)+ 2 (-5000)
= 22500 / 10000
= 2.25 m

इस प्रकार, गोली द्वारा लकड़ी को भेदने में तय की गई दूरी 2.25 m है|
न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार,
बल, F = द्रव्यमान × त्वरण
गोली का द्रव्यमान, m = 10 g = 0.01 kg
गोली का त्वरण, a = 5000 m/s2
F = ma = 0.01 × 5000 = 50 N
इस प्रकार, लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल का परिमाण 50 N है|

15. एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है| उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं| संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें| आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें|

उत्तर

वस्तु का द्रव्यमान, m1 = 1 kg
टकराने के पहले वस्तु का वेग, v1 = 10 m/s
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान, m2 = 5 kg
टकराने से पहले गुटके का वेग, v2 = 0 m/s
टकराने से पहले कुल संवेग = m1v2 + m2v2
= 1 (10) + 5 (0) = 10 kg ms-1

यह दिया गया है कि संघट्ट के बाद, वस्तु और लकड़ी के गुटके आपस में जुड़ जाते हैं|
संयोजित वस्तुओं का कुल द्रव्यमान = m1 + m2
संयोजित वस्तुओं का कुल वेग = v

संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार,
टकराने के पहले कुल संवेग = संघट्ट के बाद कुल संवेग
m1v1 + m2v2 = (m1 + m2)v
⇒ 1 (10) + 5 (0) = (1 + 5) v
⇒ v = 10/6
= 5/3

टकराने के बाद कुल संवेग 10 kg m/s भी है|
संघट्ट के तुरंत बाद का कुल संवेग = 10 kg m/s
संघट्ट के बाद का कुल संवेग = (m1 + m2)v = 6 × 5/3 = 10 kg ms-1
इस प्रकार, आपस में जुड़े हुए संयोजन का वेग = 5/3 ms-1

16. 100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है| वस्तु से पहले और बाद के संवेगों की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है|

उत्तर

वस्तु का प्रारंभिक वेग, u = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग, v = 8 ms-1
वस्तु का द्रव्यमान, m = 100 kg
वस्तु द्वारा त्वरण में लिया गया समय, t = 6 s
प्रारंभिक संवेग, mu = 100 × 5 = 500 kg ms-1
अंतिम संवेग, mv = 100 × 8 = 800 kg ms-1

वस्तु पर आरोपित बल, F = (mv - mu)/ t
= m (v-u)/t
= 800 – 500
= 300/6
= 50 N
वस्तु का प्रारंभिक संवेग 500 kg ms-1 है|
वस्तु का अंतिम संवेग 800 kg ms-1 है|
वस्तु पर आरोपित बल 50 N है|

17. अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया| अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं| किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है| (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है|) अख्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई| राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ| इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें|

उत्तर

किरण का यह मानना कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है, गलत है| अख्तर का यह मानना कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक होने के कारण कार ने कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया भी गलत है| राहुल का तर्क सही है| कार तथा कीड़ा के टकराने पर दोनों पर क्रिया तथा प्रतिक्रिया के रूप में समान तथा विपरीत बल लगा| दोनों के संवेग में भी बराबर परिवर्तन हुआ| केवल संवेग के परिवर्तन के चिन्ह विपरीत हैं| दोनों के संवेग में परिवर्तन विपरीत दिशा में होता है, हालाँकि दोनों के संवेग में परिवर्तन का परिमाण बराबर है|

18. एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी| इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें| परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2 लें|

उत्तर

घंटी का द्रव्यमान, m = 10 kg
घंटी द्वारा तय की गई दूरी, s = 80 cm = 0.8 m
नीचे की ओर दिष्ट त्वरण, a = 10 m/s2
घंटी का प्रारंभिक वेग, u = 0
घंटी का अंतिम वेग (फर्श पर गिरते समय) = v
गति के तीसरे समीकरण के अनुसार,
v2 = u2 + 2as
⇒ v2 = 0 + 2 (10) 0.8
⇒ v = 4 m/s
फर्श पर गिरते समय घंटी द्वारा स्थानांतरित संवेग का मान = mv = 10 × 4 = 40 kgms−1

पृष्ठ संख्या 144

अतिरिक्त अभ्यास

1. एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी समय सारणी निम्नवत् है:

समय (सेकंड)
दूरी (मीटर)
00
11
28
327
464
5125
6216
7343

(a)त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?
(b)आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?

उत्तर

(a)यहाँ समय के समान अन्तराल में दूरी में असमान परिवर्तन होता है| इसलिए दिए गए वस्तु में असमान गति है| चूँकि समय के साथ वस्तु का वेग बढ़ता है, इसलिए त्वरण भी बढ़ रहा है|

(b)यहाँ वस्तु त्वरित अवस्था में है| न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार, किसी वस्तु पर लगने वाला बल वस्तु में उत्पन्न त्वरण से सीधे आनुपातिक होता है| इसलिए हम कह सकते हैं कि वस्तु पर असंतुलित बल लगता है|

2.1200 kg द्रव्यमान की कार को चिकनी सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं| उसी कार को तीन व्याक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है| कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धक्का देता है? (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं|)

उत्तर

कार का द्रव्यमान = 1200 kg
केवल दो व्यक्ति कार को समान रूप से धक्का देते हैं| इसलिए, कार का त्वरण तीसरे व्यक्ति द्वारा अकेले प्राप्त किया जाता है|
तीसरे व्यक्ति द्वारा धकेले जाने पर कार द्वारा उत्पन्न त्वरण,
a = 0.2 m/s2
मान लें कि तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल F है|
न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार,
बल = द्रव्यमान × त्वरण
F = 1200 × 0.2 = 240 N
इस प्रकार, तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाए गए बल का परिमाण 240 N है|
इसलिए प्रत्येक व्यक्ति द्वारा कार को धक्का देने के लिए लगाए गए बल का परिमाण 240 N है|

3.500 g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है| कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s के लिए ही रोका जाता है| कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल की गणना करें|

उत्तर

हथौड़े का द्रव्यमान, m = 500 g = 0.5 kg
हथौड़े का प्रारंभिक वेग, u = 50 m/s
कील द्वारा हथौड़े को रोकने में लिया गया समय, t = 0.01 s
हथौड़े का वेग, v = 0 (चूँकि अंत में हथौड़ा विरामावास्था में रहता है|)
न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार,
बल,  f = m(v-u)/t
= 0.5(0-50)/0.01
= -2500 N
हथौड़ा −2500 N बल के साथ कील पर प्रहार करता है| इसलिए न्यूटन के गति के तीसरे नियम से, कील के द्वारा हथौड़े पर लगया गया बल समान और विपरीत है, जो कि +2500 N है|

4.एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सीधी रेखा पर चल रही है| उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 4 s में घटकर 18 km/h हो जाता है| त्वरण और संवेग में परिवर्तन की गणना करें| लगने वाले परिमाण की भी गणना करें|

उत्तर

मोटरकार का द्रव्यमान, m = 1200 kg
मोटरकार का प्रारंभिक वेग, u = 90 km/h = 25 m/s
मोटरकार का अंतिम वेग, v = 18 km/h = 5 m/s
लिया गया समय, t = 4 s
गति के पहले समीकरण के अनुसार,
v = u + at
⇒ 5 = 25 + a (4)
⇒ a = −5 m/s2
ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि वेग की दर घट रही है|

संवेग में परिवर्तन,
= mv − mu = m (v−u)
= 1200 (5 − 25) = −24000 kg ms-1

∵ बल = द्रव्यमान × त्वरण
= 1200 × −5 = −6000 N

मोटरकार का त्वरण = −5 m/s2
मोटरकार के संवेग में परिवर्तन = −24000 kg ms-1
इसलिए घटते वेग में लगा बल −6000 N है|
(ऋणात्मक चिन्ह घटते संवेग को दर्शाता है|)

NCERT Solutions for Class 10th: Ch 7 नियंत्रण एवं समन्वय विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 10th: Ch 7 नियंत्रण एवं समन्वय  विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 132

1. प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अंतर है?

उत्तर

पर्यावरण में किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई अनैच्छिक क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं| जबकि टहलना एक स्वैच्छिक क्रिया है जिसे हमारी सोच और नियंत्रण की आवश्यकता होती है|

2. दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?

उत्तर

दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य एक रिक्त स्थान होता है, जिसे सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) कहते हैं| एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग कुछ रसायनों का विमोचन कराता है| ये रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी तरह का विद्युत् आवेग प्रारंभ करते हैं|

3. मस्तिष्क का कौन सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?

उत्तर

पश्चमस्तिष्क में स्थित अनुमस्तिष्क द्वारा शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण होता है|

4. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?

उत्तर

जब अगरबत्ती की गंध हमारी नाक तक पहुँचती है तो हमारे नाक में मौजूद घ्राणग्राही इसका पता लगाकर विद्युत् आवेग के द्वारा अग्रमस्तिष्क को इसकी जानकारी भेजता है| अग्रमस्तिष्क मस्तिष्क का सोचने वाला भाग होता है और इसकी सहायता से हम अगरबत्ती की गंध का पता लगा सकते हैं|

5. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?

उत्तर

पर्यावरण में किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई अनैच्छिक क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं| इस क्रिया में कोई ग्राही सूचना ग्रहण कर इसे अभिवाही तंत्रिका तंतु से होते हुए मेरुरज्जु में संयोजी तंत्रिका तंतु के माध्यम से प्रवाही अंग तक पहुँचाता है|

पृष्ठ संख्या 136

1. पादप हॉर्मोन क्या है?

उत्तर

पादप हॉर्मोन पौधों में वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं| जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, यह प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है|

2. छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर

छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति वृद्धि से संबंधित न होकर पत्तियों की कोशिकाओं की स्फीति में परिवर्तन से होती है| पादप में गति करने के लिए कोशिकाएँ जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपनी आकृति बदल लेते हैं, जबकि प्रकाश की ओर गति वृद्धि से संबंधित है|

3. एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है|

उत्तर

पादप हॉर्मोन का उदाहरण ऑक्सिन है जो पादप कोशिकाओं की लंबाई की वृद्धि में सहायक होता है|

4. किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?

उत्तर

जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है| प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि के लिए उद्दीप्त करता है|

5. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए|

उत्तर

दो छोटे बीकर लें और उसे A और B के रूप में नामांकित करें| बीकर A को पानी से भरें| अब एक निष्पंदन पत्र से एक बेलनाकार रोल बनाएँ तथा उसे बीकर A तथा बीकर B के बीच रखें, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है| निष्पंदन पत्र के अंदर कुछ अंकुरित बीज जमा करें| अब पूरे ढाँचे को एक प्लास्टिक बर्तन से ढँक दें|
निरीक्षण

अंकुरित बीज के जड़ें बीकर की ओर बढ़ेंगी|
यह जलानुवर्तन की घटना को दर्शाता है|

पृष्ठ संख्या 138

1. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?

उत्तर

जंतुओं में रासायनिक समन्वय हॉर्मोन की सहायता से होता है| हार्मोन रासायनिक तरल पदार्थ होते हैं जो अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं। हार्मोन जानवरों के समग्र विकास और विकास को विनियमित करते हैं|

2. आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?

उत्तर

अवटुग्रन्थि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक है| थायरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के उपापचय का, हमारे शरीर में नियंत्रण करता है ताकि वृद्धि के लिए उत्कृष्ट अन्तुलन उपलब्ध कराया जा सके| थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयोडीन अनिवार्य है| यदि हमारे आहार में आयोडीन की कमी है तो संभावना है कि हम गायटर से ग्रसित हो सकते हैं| इसलिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है|

3. जब एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है| 

उत्तर

एड्रीनलीन सीधा रुधिर में स्रावित हो जाता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचा दिया जाता है| हृदय सहित यह लक्ष्य अंगों या विशिष्ट उत्तकों पर कार्य करता है| परिणामस्वरूप हृदय की धड़कन बढ़ जाती है ताकि हमारी पेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके| 

4. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?

उत्तर

अग्न्याशय से इंसुलिन हॉर्मोन के उचित मात्रा में स्रावित न होने के कारण मधुमेह नामक बीमारी होती है| ऐसे व्यक्ति के रुधिर में शर्करा स्तर बढ़ जाता है| इंसुलिन रुधिर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा को ग्लाइकोजन में परिवर्तित कर देता है| इसलिए मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर की जाती है|

पृष्ठ संख्या 139 

1. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(a) इंसुलिन
(b) थायरॉक्सिन
(c) एस्ट्रोजन
(d) साइटोकाइनिन

उत्तर
(d) साइटोकाइनिन

2. दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं-
(a) द्रुमिका
(b) सिनेप्स
(c) एक्सॉन
(d) आवेग

उत्तर
(b) सिनेप्स 

3. मस्तिष्क उत्तरदायी है 
(a) सोचने के लिए
(b) हृदय स्पंदन के लिए
(c) शरीर का संतुलन बनाने के लिए
(d) उपरोक्त सभी

उत्तर
(d) उपरोक्त सभी

4. हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार कार्य नहीं कर रहे हों| क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?

उत्तर

पर्यावरण से सभी सूचनाओं का पता कुछ तंत्रिका कोशिकाओं के विशिष्टीकृत सिरों द्वारा लगाया जाता है| ये ग्राही प्रायः हमारी ज्ञानेन्द्रियों में स्थित होते हैं; जैसे- आन्तरिक कर्ण, नाक जिह्वा आदि| रस संवेदी ग्राही स्वाद का पता लगाते हैं जबकि घ्राणग्राही गंध का पता लगाते हैं| 

जहाँ ग्राही उचित प्रकार कार्य नहीं करते हैं वहाँ सुनने, सूँघने तथा स्वाद संबंधी रस का पता नही चलता है|

5. एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए|

उत्तर

एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना

तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य :
सभी सूचनाओं को एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया द्वारा यह एक विद्युत् आवेग पैदा करती है| यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाकाय तक जाता है और तब तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन) में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँच जाता है| एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग कुछ रसायनों का विमोचन कराता है| ये रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी तरह का विद्युत् आवेग प्रारंभ करते हैं| यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की की सामान्य योजना है| इसी तरह का अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) अंततः ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं, जैसे कि पेशी कोशिकाओं या ग्रन्थि तक ले जाता है|

6. पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?

उत्तर

एक शंकु फ्लास्क को जल से भर कर उसकी ग्रीवा को तार के जाल से ढँक दें| एक ताजा सेम का पौधा तार की जाली पर इस प्रकार रख दें कि उसकी जड़ें जल में भीगी रहें| एक ओर से खुला हुआ गत्ते का बॉक्स लेकर उसमें फ्लास्क को इस प्रकार रखें कि बॉक्स की खुली साइड खिड़की की ओर हो जहाँ से प्रकाश आ रहा है| दो या तीन दिन बाद देखेंगे कि प्ररोह प्रकाश की ओर झुक जाता है तथा जड़ें प्रकाश से दूर चली जाती हैं| अब फ्लास्क को इस प्रकार घुमाएँ कि प्ररोह प्रकाश से दूर तथा जड़ प्रकाश की ओर हो जाएँ| इस प्रकार दोनों में प्रकाशानुवर्तन गतियों में प्ररोह प्रकाश की ओर मुड़कर अनुक्रिया तथा जड़ इससे दूर मुड़कर अनुक्रिया करते हैं|
7. मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा? 

उत्तर

मेरुरज्जु आघात में तंत्रिकाओं तथा विभिन्न ग्राही से आने वाले संकेतों में व्यवधान उत्पन्न होगी| चूँकि ये दोनों संकेत मेरुरज्जु में मस्तिष्क को जाने वाले रास्ते में एक बंडल में मिलती है| इसलिए किसी भी मेरुरज्जु के आघात में दोनों संकेतों में बाधा पहुँचती है| 

8. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?

उत्तर

पादपों में न तो तंत्रिका तंत्र होता है और न ही अन्तःस्रावी तंत्र| लेकिन विभिन्न रासायनिक पदार्थ एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक विसरित होते रहते हैं| पादप हॉर्मोन पौधों में वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं| जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, यह प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है| प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि के लिए उद्दीप्त करता है|

9. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है?

उत्तर

जीवों में विभिन्न अंग होते हैं| जीवों के अस्तित्व के लिए इन अंगों को सावधानीपूर्वक नियंत्रित और समन्वित किया जाना आवश्यक है| जीवों के अंगों में विभिन्न अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हॉर्मोन के द्वारा सूचनाओं के संचरण के साधन की तरह प्रयुक्त होते हैं| ये हॉर्मोन एक जीव के समग्र वृद्धि और विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं| इसके अतिरिक्त जीवों में नियंत्रण तथा समन्वय तंत्रिका तथा पेशी उत्तकों द्वारा किया जाता है| आकस्मिक परिस्थिति में गर्म पदार्थ को छूना तथा सभी सूचनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाना जीवों में नियंत्रण एवं समन्वय द्वारा ही संभव है|

10. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

उत्तर

अनैच्छिक क्रियाएँ वे हैं जिस पर हमारे सोचने का कोई नियंत्रण नहीं है तथा ये अग्र तथा पश्चमस्तिष्क से नियंत्रित होती हैं| जबकि प्रतिवर्ती क्रियाएँ किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई क्रिया को कहते हैं| ये क्रियाएँ मुख्यतः मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होते हैं|

11. जन्तुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक कीजिए|

उत्तर

तंत्रिका तंत्र क्रियाविधि
हॉर्मोन क्रियाविधि
यह मस्तिष्क से संवेदी सूचनाओं को प्राप्त कर अपना संदेश भेजता है तथा नियंत्रण करता है|जंतु हॉर्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों का भाग हैं जो हमारे शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय का दूसरा मार्ग है| 
यह एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग का परिणाम है, जो रसायनों का विमोचन कराता है|इसमें सूचनाओं का संचारण रुधिर के माध्यम से किया जाता है|
सूचनाओं का तेजी से प्रवाह होता है तथा प्रतिक्रिया तुरंत होता है|सूचनाओं का संचारण धीमी गति से होता है तथा प्रतिक्रिया भी धीरे-धीरे होता है|
तंत्रिका तंत्र में सूचनाओं को विद्युत् आवेग के द्वारा शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक संवहन में विशिष्टीकृत है|प्रत्येक हार्मोन की विशिष्ट क्रियाएँ होती हैं|
इसका प्रभाव कम समय तक बना रहता है|इसका लंबे समय तक प्रभाव बना रहता है|

12. छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है?

उत्तर

छुई-मुई पादप में गति
हमारी टाँग में होने वाली गति
एक छुई-मुई पादप में गति उद्दीपन (स्पर्श) की प्रतिक्रिया है, जो एक अनैच्छिक क्रिया है|हमारी टाँग में होने वाली गति एक स्वैच्छिक क्रिया है|
पत्तियों के आकार में भी परिवर्तन होता है|हमारी टाँगों के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता|
पादप की कोशिकाओं में गति के लिए कोई विशेष प्रोटीन नहीं होता|जन्तु कोशिकाओं में गति के लिए विशेष प्रोटीन होता है जो कि मांसपेशियों के सिकुड़ने में सहायता करते हैं| 

Chapter 1 Resources and Development Extra Questions| Class 10th Geography

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Chapter 1 Resources and Development Extra Questions| Class 10th Geography S.St (Social Science)



Very Short Answer Questions (VSAQs):

1. Which soil is also known as cotton soil?

Answer

Black soil is known as cotton soil.

2. How can resources be classified on the basis of origin?

Answer

On the basis of origin, resources can be classified into biotic and abiotic resources.

3. Give two examples of Renewable resources.

Answer

Solar energy and wind energy

4. What do you mean by ‘international resources’?

Answer

The oceanic resources beyond 200 nautical miles of the Exclusive Economic Zone are international resources.

5. What are the factors which help in the formation of soil?

Answer

Relief, parent rock or bedrock, climate, vegetation and other forms of life and time are important factors in the formation of soil.

6. What is resource planning?

Answer

Resource planning is proper and judicious planning of resources.

7. What is Agenda 21?

Answer

Agenda 21 is the declaration signed by world leaders in 1992 to combat environmental damage, poverty, disease through global co-operation on common interests, mutual needs and shared responsibilities.

Short Answer Questions (SAQs):

1. What is resource planning? Give three phases of resource planning.

Answer

Resource planning is proper and judicious planning of resources.
The phases of resource planning are:
• Identification and inventory of resources across various regions of the country. It involves surveying, mapping, qualitative and quantitative estimation and measurement of the resources.
• Evolving a planning structure, endowed with appropriate technological skill and institutional set up for implementing resource development plans.
• Matching the resource development with overall national development plans.

2. Define resources. How are resources classified?

Answer

Anything which can be used to satisfy our needs is technologically accessible, economically feasible and culturally acceptable can be termed as ‘Resource’.
The resources can be classified into various categories:
• On the basis of origin – biotic and abiotic
• On the basis of exhaustibility – renewable and non-renewable
• On the basis of ownership – individual, community, national and international
• On the basis of status of development – potential, developed stock and reserves.

3. Describe any three steps that can be taken to solve the problem of land degradation?

Answer

Three steps that can be taken to solve the problem of land degradation:
• Afforestation and proper management of grazing.
• Planting of shelter belts of plants and control on over grazing.
• Proper management of waste lands and control of mining activities.

4. Describe any three main characteristics of arid soil of India.

Answer

Three characteristics of Arid soils in India are:
(i) These soils range from red to brown in colour.
(ii) These soils are generally sandy in texture and saline in nature.
(iii) The lower horizons of the soil are occupied by Kankar because of the increasing calcium content downwards.

5. Describe the type of resources classified on the basis of exhaustibility.

Answer

The resources on the basis of exhaustibility are classified into two categories:
• Renewable Resources: The resources which can be renewed or reproduced by physical, chemical or mechanical processes are known as renewable or replenishable resources. For example, solar and wind energy, water, forests and wildlife, etc.
• Non-Renewable Resources: These resources take millions of years in their formation. Minerals and fossil fuels are examples of such resources. Some of the resources like metals are recyclable and some like fossil fuels cannot be recycled and get exhausted with their use.

6. Describe the steps to control soil erosion in hilly areas?

Answer

The soil erosion in hilly areas can be controlled by:
• Contour ploughing: Ploughing along the contour lines can decelerate the flow of water down the slopes.
• Terrace cultivation: Steps can be cut out on the slopes making terraces which restricts erosion.
• Strip cropping: Large fields are divided into strips and strips of grass are left to grow between the crops.

7. Why is resource planning essential?

Answer

It is essential to have resource planning because:
• Resources are limited in supply.
• Resources are unevenly distributed over the surface of the earth.
• Exploitation and over utilisation of resources must be checked.

Long Answer Questions (LAQs):

1. What is soil? Analyse the factors which help in the formation of soil.

Answer

The uppermost layer of earth is called soil. It is the most important renewable natural resource. It is the medium of plant growth and supports different types of living organisms on the earth.
The four main factors which help in the formation of soil are:
• Relief, parent rock or bed rock, climate, vegetation and other forms of life and time are important factors in the formation of soil.
• Various forces of nature such as change in temperature, actions of running water, wind and glaciers, activities of decomposers etc. contribute to the formation of soil.
• Chemical and organic changes which take place in the soil are equally important.

2. Explain the classification of resources on the basis of ownership.

OR

Provide a suitable classification for resources on the basis of ownership. Mention main features of such resources.

Answer

Classification of resources on the basis of ownership:
• Individual Resources: Resources which are owned privately by individuals such as plots, houses, plantation, pasture lands, ponds etc.
• Community Owned Resources: Resources which are accessible to all the members of the community such as grazing grounds, burial grounds, village ponds etc.
• National Resources: All the resources within the political boundaries and oceanic area upto 12 nautical miles (22.2 km) from the coast termed as territorial water and resources therein belong to the nation.
• International Resources: The oceanic resources beyond 200 nautical miles of the Exclusive Economic Zone belong to open ocean and no individual country can utilise these without the concurrence of international institutions.


NCERT Solutions of Chapter 1 Resources and Development

Notes of Chapter 1 Resources and Development

NCERT Solutions for Class 9th: Ch 9 बल तथा गति के नियम विज्ञान

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NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 9th: Ch 10 बल तथा गति के नियम  विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 149


1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए|

उत्तर

गुरुत्वाकर्षण बल के सार्वत्रिक नियम के अनुसार विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करते हैं, जिसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं| इसके अनुसार, दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है|
दो पिंड जिनका द्रव्यमान m1तथा  m2 है और जिनके बीच की दूरी d है, दोनों पिंडों के बीच लगने वाला आकर्षण बल F गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम द्वारा दिया गया है :

जहाँ, G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है जिसका वर्तमान मान्य मान 6.67×10-11 Nm2/kg-2 है|

2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए|

उत्तर

मान लें कि पृथ्वी का द्रव्यमान ME तथा उसकी सतह पर रखी वस्तु का द्रव्यमान m है| यदि पृथ्वी की त्रिज्या r है, तो गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, पृथ्वी और वस्तु के बीच लगने वाले आकर्षण बल को निम्नलिखित संबंध द्वारा व्यक्त किया जाता है :

पृष्ठ संख्या 151

1. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

पृथ्वी का गुरुत्वीय बल वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है| जब किसी वस्तु को एक निश्चित ऊँचाई से गिराया जाता है, तो वह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की सतह के ओर गिरने लगता है| वस्तु में इस प्रकार की गति को मुक्त पतन कहते हैं|

2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

जब कोई वस्तु किसी निश्चित ऊँचाई से पृथ्वी की सतह पर स्वतंत्र रूप से गिरती है, तो इसके वेग में परिवर्तन होता है| वेग में कोई भी परिवर्तन वस्तु में त्वरण उत्पन्न करता है, जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं|  इसे ‘g’ द्वारा निर्दिष्ट करते हैं| गुरुत्वीय त्वरण का मान g = 9.8 m/s2 है| 

पृष्ठ संख्या 152

1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?

उत्तर

द्रव्यमान 
भार
यह किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा होती है|किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है|

किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप होता है|वस्तु का भार उसके गुरूत्व की माप होता है|
वस्तु का भार उसके गुरूत्व की माप होता है|किसी वस्तु का भार स्थिर नहीं रहता है| यह स्थान के अनुसार बदलता रहता है|
इसमें केवल परिमाण होता है|

इसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं|
इसका SI मात्रक किलोग्राम (kg) होता है|इसका SI मात्रक वही है जो बल का है, अर्थात् न्यूटन (N)|

2.किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है?

उत्तर

चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी का 1/100 और त्रिज्या एक चौथाई होता है| परिणामस्वरूप, पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल 1/6 होता है| यही कारण है कि किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है|

पृष्ठ संख्या 157

1.एक पतली तथा मजबूर डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?

उत्तर

एक पतली तथा मजबूर डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्योंकि कंधों पर अधिक दबाव पड़ता है| ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दबाव उस सतह क्षेत्र पर विपरीत रूप से आनुपातिक होता है, जिस पर बल कार्य करता है| सतह क्षेत्र जितना छोटा होता है, उस पर उतना ही अधिक दाब पड़ेगा| पतले पट्टी के कारण संपर्क सतह क्षेत्र बहुत छोटा होता है| इसके कारण कंधे पर लगने वाला दाब बहुत अधिक होता है|

2.उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

किसी तरल में वस्तु को डुबोने पर ऊपर की ओर लगने वाला बल उत्प्लावकता कहलाता है|

3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?

उत्तर

• पानी के घनत्व से कम घनत्व की वस्तुएँ पानी की सतह पर तैरती हैं|
• पानी के घनत्व से अधिक घनत्व की वस्तुएँ पानी में डूब जाती हैं|

पृष्ठ संख्या 158

1.एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं| क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?

उत्तर

जब हम अपने शरीर का वजन करते हैं, तो ऊपर की दिशा में एक बल कार्य करता है| ऊपर की दिशा में लगा यह बल उत्प्लावन बल कहलाता है| परिणामस्वरूप, शरीर ऊपर की दिशा में धकेली जाती है, जिसके कारण तुला पर वास्तविक वजन से कम वजन नोट किया जाता है|

2.आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है| तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं| वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है| क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?

उत्तर

एक रुई का बोरा लोहे की एक छड़ से अधिक भारी होता है| रुई के बोरे पर लोहे की छड़ की अपेक्षा वायु के प्रणोद का प्रभाव अधिक होता है| इसलिए रुई के बोरे को तुला पर मापने पर वास्तविक द्रव्यमान से कम द्रव्यमान दर्शाता है|

पृष्ठ संख्या 160

1.यदि दो वस्तुओं के बीच कोई दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?

उत्तर

गुरुत्वाकर्षण बल के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दोनों पिंडों के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों M तथा m के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा उनके बीच की दूरी d के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है|
बल F द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ,
जब वस्तुओं के बीच की दूरी d आधा कर दिया जाता है तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल :

या, F’ = 4F
इस प्रकार यदि दो वस्तुओं के बीच कोई दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल का मान पहले से चार गुणा अधिक हो जाएगा| 

2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है| फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?

उत्तर

सभी वस्तुएँ जमीन पर नियत त्वरण के साथ गिरती हैं, जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं| यह नियत होता है तथा वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता| यही कारण है कि एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से नहीं गिरती|

3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106 m है)|

उत्तर

दिया गया है,
वस्तु का द्रव्यमान, m = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान, M = 6 × 1024
पृथ्वी की त्रिज्या, R = 6.4 × 106 
अब पृथ्वी तथा वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण हो सकता है :

4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं| क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?

उत्तर

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दो वस्तुएँ समान बल से एक-दूसरे को विपरीत दिशा में आकर्षित करते हैं| इसलिए पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है, उस के बराबर बल से चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है|

5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?

उत्तर

पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे को समान गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं| जबकि पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से बहुत अधिक है| इसलिए यह पृथ्वी की ओर चंद्रमा के त्वरण दर से कम दर पर त्वरित होता है| यही कारण है कि पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती| 

6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?

उत्तर

गुरुत्वाकर्षण बल के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, पृथ्वी द्वारा m द्रव्यमान के किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है,
(i) जब एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाता है तो 

(ii)दोनों वस्तुओं के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है| इसलिए वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर उनके बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उसके  वास्तविक मान का एक चौथाई हो जाता है| उसी तरह वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर उनके बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उसके वास्तविक मान का 1/9 भाग हो जाता है|

(iii)फिर से गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दोनों वस्तुओं के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों M तथा m के गुणनफल के समानुपाती होता है| इसलिए दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने किए जाने पर उनके बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उसके वास्तविक मान से चार गुना हो जाता है| 

7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?

उत्तर

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के निम्नलिखित महत्व हैं :
• हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल |
• पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति |
• सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति |
• चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा |

8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?

उत्तर

जब कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के कारण नीचे गिरता है, तो उसमे मुक्त पतन का त्वरण उत्पन्न होता है| |  इसे ‘g’ द्वारा निर्दिष्ट करते हैं, जिसका मान पृथ्वी के सतह पर 9.8 m/s-2 होता है| 

9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?

उत्तर

पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम उस वस्तु का भार कहेंगे|

10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है| वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर वपने मित्र को देता है| क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत : ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है|)

उत्तर

पृथ्वी पर वस्तु का भार दिया गया है :
W= mg
जहाँ,
m = वस्तु का द्रव्यमान
g = गुरुत्वीय त्वरण
ध्रुव पर g का मान विषुवत रेखा से अधिक होता है| इसलिए सोने का वजन विषुवत रेखा पर ध्रुव से कम होता है| इसलिए उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा|

11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?

उत्तर

जब एक कागज की शीट को मरोड़कर गेंद बनाया जाता है तो इसका घनत्व बढ़ जाता है| इसलिए गिरते हुए गतिशील गेंद पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध कम होता है और कागज की शीट से जल्दी नीचे गिरता है|

12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है| एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?

उत्तर

चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार = 1/6 × पृथ्वी पर उस वस्तु का भार
भार = द्रव्यमान × त्वरण
गुरुत्वीय त्वरण, g = 9.8 m/s2  
इस प्रकार, 10 kg के किसी वस्तु का पृथ्वी पर भार = 10 × 9.8 = 98 N
तथा, उसी वस्तु का चंद्रमा पर भार = 1.6 × 9.8 = 16.3 N

13. एक गेंद उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है| परिकलन कीजिए 
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है|
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय|

उत्तर

(i) गुरुत्व के प्रभाव से गति के समीकरण के अनुसार,
v2 - u2 = 2 gs
जहाँ,
u = गेंद का प्रारंभिक वेग
v = गेंद का अंतिम वेग
s = गेंद द्वारा तय की गई ऊँचाई
g = गुरुत्वीय त्वरण
अधिकतम ऊँचाई पर गेंद का अंतिम वेग शून्य है, v = 0
u = 49 m/s
ऊपर की ओर गति के दौरान, g = - 9.8 ms-2
मान लें कि गेंद द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई h है|

इसलिए,
0 - 492 = 2×9.8×h
⇒ h = (49×49)/(2×9.8) = 122.5 m

(ii) मान लें कि गेंद द्वारा अधिकतम ऊँचाई 122.5 m तय करने में लिया गया समय t है|
इसलिए गति के समीकरण के अनुसार, 
V = u + gt
हम पाते हैं,
0 = 49 + (-9.8)t
⇒ 9.8t = 49
⇒ t = 49 / 9.8= 5s

लेकिन,
गेंद के ऊपर जाने का समय = गेंद के गिरने का समय
इसलिए गेंद द्वारा वापस लौटने में लिया गया कुल समय = 5 + 5 = 10 s

14. 19. 6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है| पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए|

उत्तर

गुरुत्व के प्रभाव से गति के समीकरण के अनुसार,
v2- u2= 2 gs

जहाँ,
u = पत्थर का प्रारंभिक वेग = 0
v = पत्थर का अंतिम वेग 
s = पत्थर की ऊँचाई = 19.6 m
g = गुरुत्वीय त्वरण = 9.8 ms-2

∴ v2 − 02 = 2 × 9.8 × 19.6
⇒ v2 = 2 × 9.8 × 19.6 = (19.6)2
⇒ v = 19.6 ms-1 

इस प्रकार पृथ्वी पर पहुँचने से पहले पत्थर का अंतिम वेग 19.6 ms-1 है|

15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है| g = 10 ms-2 लेते हुए ग्राफ़ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए| नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?

उत्तर

गुरुत्व के प्रभाव से गति के समीकरण के अनुसार,
v2 - u2 = 2 gs
जहाँ,
 u = पत्थर का प्रारंभिक वेग = 40 m/s
v = पत्थर का अंतिम वेग = 0 
s = पत्थर की ऊँचाई 
g = गुरुत्वीय त्वरण = -10 ms-2
मान लें कि पत्थर द्वारा तय की गई ऊँचाई h है| 

इसलिए,
0 - (40)2 = 2 × h ×(-10)
h = 40 × 40/20 = 80 m
इस प्रकार पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 + 80 = 160 m
पत्थर का नेट विस्थापन 80 + (-80) = 0 

16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए| दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg| दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011 m है|

उत्तर

प्रश्न के अनुसार,
M_S = सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg
M_E = पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg
पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी, d = 1.5 × 1011 m
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार,
ऊपर दिए गए समीकरण में प्रश्न में दिए गए मानों को रखने पर,


17.कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया| परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?

उत्तर

मान लें कि दोनों पत्थर t बिंदु पर मिलते हैं, तथा दोनों की सतह से ऊँचाई h है| यह दिया गया है कि मीनार की ऊँचाई H =100 m है|

अब पहले मीनार की चोटी से गिरने वाले पत्थर पर विचार करते हैं| इसलिए पत्थर द्वारा दूरी तय करने में लगे समय t का परिकलन गति के समीकरण द्वारा किया जा सकता है|

X – X0 = u0t + ½ gt2

चूँकि प्रारंभिक वेग, u = 0
इसलिए हम पाते हैं, 

100 – X = ½ gt2 ......(i)

सतह से ऊपर की ओर फेंके जाने पर उसी पत्थर द्वारा तय की गई दूरी 
X = u0t - ½ gt2

इस स्थिति में, प्रारंभिक वेग 25 m/s है, इसलिए 
X = 25t - ½ gt2 ....(ii)

समीकरण (i) तथा (ii) को जोड़ने पर हम पाते हैं,
100 = 25t
या, t = 4s

समीकरण (ii) में मान रखने पर,
X = 25 × 4 – ½ × 9.8 × (4)2
= 100 – 78.4 = 21.6 m

18.ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है| ज्ञात कीजिए
(a)यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b)गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c)4 s पश्चात् गेंद की स्थिति|

उत्तर

(a)आरोहण में लगा समय अवतरण में लगे समय के बराबर होता है| गेंद के ऊपर जाने और वापस नीचे आने में कुल 6 s लगता है| 
इसलिए अधिकतम ऊँचाई तक पहुंचने में इसे 3 s लगता है| 
अधिकतम ऊँचाई पर गेंद का अंतिम वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = -9.8 ms-2
गति का समीकरण, v = u + gt
0 = u + (−9.8 × 3)
u = 9.8 × 3 = 29.4 ms-1
इस प्रकार गेंद 29.4 ms-1 के वेग से ऊपर फेंकी गई थी|

(b)मान लें कि गेंद दारा तय की गई अधिकतम ऊँचाईन h है| 
ऊपर की ओर जाते समय प्रारंभिक वेग, u = 29.4 ms-1 
अंतिम वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = -9.8 ms-2
गति के समीकरण से,
s = ut + 1/2 at2
h = 29.4 × 3 + 1/2×-9.8 × (3)2 = 44.1 m

(c)गेंद 3 s के बाद अधिकतम ऊँचाई पर होता है| इस ऊँचाई पर पहुँचने के बाद यह नीचे की ओर गिरने लगता है| 
इस स्थिति में,
प्रारंभिक वेग, u = 0
4 s के बाद गेंद की स्थिति नीचे गिरने के दौरान उसके द्वारा तय की गई दूरी से निर्धारित की जाती है,
4 s – 3 s = 1 s
गति के समीकरण के अनुसार, 
S = ut + 1/2 gt2 
S = 0×t + (1/2 × 9.8 × 12) = 4.9 m
कुल ऊँचाई = 44.1 m
इसका अर्थ है कि 4 s के बाद गेंद सतह से 39.2 m ऊपर होगी (44.1 – 4.9 m)| 

19.किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?

उत्तर

किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है|

20.पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?

उत्तर

किसी वस्तु को पानी में डुबोने पर उस पर दो बल कार्य करते हैं :

• गुरुत्वाकर्षण बल, जिसके कारण वस्तु नीचे की दिशा में खिंचती है|
• उत्प्लावन बल, जो वस्तु को ऊपर की ओर धकेलती है|

यहाँ प्लास्टिक पर लगा उत्प्लावन बल गुरुत्वाकर्षण बल से अधिक है| यही कारण है कि पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर आ जाता है|

21.50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है| यदि पानी का घनत्व 1 g cm3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा? 

उत्तर

यदि किसी वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है, तो यह पानी में डूब जाता है| उसी तरह यदि किसी वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है, तो यह पानी में तैरता है|
यहाँ, 
पदार्थ का घनत्व = पदार्थ का घनत्व / पदार्थ का आयतन
= 50/20
= 2.5 g cm-3

यहाँ पदार्थ का घनत्व (2.5 g cm-3) पानी के घनत्व (1 g cm-3) से अधिक है| इस प्रकार पदार्थ पानी में डूब जाएगा|

22.500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है| पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?

उत्तर

500 g के मोहरबंद पैकेट का घनत्व = पैकेट का द्रव्यमान / पैकेट का आयतन
= 500 / 350
= 1.428 g cm-3

पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व (1 g cm-3) से अधिक है| इसलिए यह पानी में डूब जाएगा|
पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान पैकेट के आयतन के बराबर होगा, जो 350 g है|

Chapter 2 Forest and Wildlife Resources Extra Questions| Class 10th Geography

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Chapter 2 Forest and Wildlife Resources Extra Questions| Class 10th Geography S.St (Social Science)



Very Short Answer Questions (VSAQs):

1. What is biodiversity?

Answer

Biodiversity is the variety of all living things, plants, animals and microorganisms living on the earth that are dependent on one other.

2. How much forest area was converted into agricultural land all over India according to the Forest Survey of India between 1951 and 1980?

Answer

26,200 sq. km.

3. Which organization of International level has classified existing plants and animal species of the world?

Answer

International Union for Conservation of Nature and Natural Resources (IUCN)

4. Name any one endangered species.

Answer

Black buck, crocodile, Indian wild ass, Indian rhino, lion tailed macaque, sangai (Any One)

5. Name one vulnerable species of India.

Answer

Blue sheep, Asiatic elephant, Gangetic dolphin (Any One)

6. Why flora and fauna are under great stress?

Answer

Due to insensitivity to our environment.

7. How forests play a key role in the ecological system?

Answer

Because these are primary producers on which all other living beings depend.

8. Name the state in which one-horned rhinoceros found.

Answer

Assam

9. Classify the major types of forests.

Answer

Reserved forests, Protected forests and Unclassed forests.

10. When was the National Forest Policy introduced? What was its main aim?

Answer

The National Forest Policy was introduced in 1988. Its main aim was to maintain ecological balance.

Short Answer Questions (SAQs):

1. Write any three measures to conserve ecosystem?

Answer

Three measures to conserve ecosystem are the following:
(i) Afforestation should be encouraged in the areas where deforestation takes place.
(ii) Awareness should be created among people about the importance of natural vegetation and wildlife.
(iii) Using non-conventional sources of energy such as solar, wind and tidal energy.

2. “Forests play a key role in the ecological system.” Highlight the value of forests in our life.

Answer

• Forests play a key role in the ecological system as these are the primary producers on which all other living beings depend.
• It supports diverse flora and fauna which are part of our life.
• It provide us fruits, flowers, medicine, wood etc.

3. Explain any three methods of forest conservation adopted by the government after independence.

Answer

• The Indian wildlife Protection Act was implemented in 1972 with aim to protect wild life.
• Government established national parks, Biosphere reserves and Wildlife Sanctuaries.
• The central government announced several projects for protecting specific animals such as Project Tiger.

4. ‘Large-scale development projects have also contributed significantly to the loss of forests.’ Support the statement by giving examples.

Answer

• Large-scale development projects need lands in large number to be implemented which result in the clearing of forests in that area.
• Since 1951, over 5,000 sq km of forest was cleared for river valley projects.
• Clearing of forests is still continuing with projects like the Narmada Sagar Project in Madhya Pradesh, which would inundate 40,000 hectares of forest.

5. How many types of forest are classified in India? Explain it.

Answer

Forests are classified under the three categories:
• Reserved Forests: More than half of the total forests are declared as Reserved forests. They are maintained for the production of timber and other forest produce and for protective reasons.
• Protected Forests: Almost one-third of the total forest area is Protected forests. This forest land is protected from any further depletion.
• Unclassed Forests: These are other forests and wastelands belonging to both government and private individuals and communities.

6. What is biological diversity? Why biodiversity is important for human lives?

Answer

Biological diversity means the variety of all living things, plants, animals and microorganisms living on the earth that are dependent on one other.
It is important for human lives because:
• Human beings depend on biodiversity for their very survival.
• The plants, animals and micro-organisms re-create the quality of air, water and soil which human use for their survival.

7. Distinguish between endangered species and extinct species of wild animals. Give one example of each.

Answer

Endangered species:
• These are species which are in danger of extinction.
• The survival of such species is difficult if the negative factors that have led to a decline in their population continue to operate.
• Examples are black buck, crocodile, Indian wild ass, Indian rhino
Extinct:
• These are species which are not found after searches of known or likely areas where they may occur.
• A species may be extinct from a local area, region, country, continent or the entire earth. As, these species are finished, so they cannot be revived.
• Example – Asiatic cheetah, Pink-head duck.

8. What has been the contribution of the Indian Wildlife (Protection) Act in protecting habitats in India. Explain.

Answer

The Indian Wildlife (Protection) Act was implemented in 1972, with various provisions for protecting habitats.
• An all-India list of protected species was also published.
• The main focus was on protecting the remaining population of certain endangered species by banning hunting, giving legal protection to their habitats, and restricting trade in wildlife.
• Central and many state governments established national parks and wildlife sanctuaries.
• The central government also announced several projects for protecting specific animals, which were seriously threatened such as tiger, one-horned rhinoceros etc. (Any three)

Long Answer Questions (LAQs):

1. Describe the role of the community in forest and wildlife conservation.

Answer

• In Sariska Tiger Reserve, Rajasthan, villagers have fought against mining and destruction of forest by citing the Wildlife Protection Act.
• The inhabitants of five villages in the Alwar district of Rajasthan have declared 1,200 hectares of forest as the Bhairodev Dakav ‘Sonchuri’, declaring their own set of rules and regulations which do not allow hunting, and are protecting the wildlife against any outside encroachments.
• The Bishnois of Rajasthan are well known for protecting black bucks (chinkara) an endangered species, and herds of black buck, nilgai and peacocks can be seen as an integral part of the community and nobody harms them.
• The famous Chipko Movement in the Himalayas led by local communities, especially women, successfully resisted deforestation in several areas.
• Joint forest management (JFM) is a programme which involves local communities in the management and restoration of degraded forests.

2. What are the steps taken by Government to conserve flora and fauna of the country?

Answer

• To protect flora and fauna, the Indian wildlife protection Act was implemented in 1972, with various provisions for protecting habitats.
• An all–India list of protected species was also published. The main aim of the program was towards protecting the remaining population of certain endangered species by banning hunting, giving legal protection to their habitats and restricting trade in wildlife.
• Central and many stage governments established national parks and wildlife sanctuaries.
• The central government announced several projects for protecting specific animals, which were gravely threatened, including the tiger, the one horned rhinoceros, the Kashmir stag etc.
• Most recently, the Indian elephant, black buck, the great Indian bustard and the snow leopard, etc. have been full or partial legal protection against hunting and trade throughout India.

NCERT Solutions of Chapter 2 Forest and Wildlife Resources

Notes of Chapter 2 Forest and Wildlife Resources

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