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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 18 - टोपी हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 18 - टोपी हिंदी वसंत भाग- III

- सृंजय

पृष्ठ संख्या: 124

प्रश्न अभ्यास

कहानी से

1. गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?

उत्तर

गवरइया और गवरा के बीच आदमी के कपड़े पहनने को लेकर बहस हुई। गवरइया को आदमी द्वारा रंग-बिरंगे कपड़े पहनना अच्छा लग रहा था जबकि गवरा का कहना था कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता है। उसका यह भी कहना था कि कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती ख़ूबसूरती ढँक जाती है।
गवरइया का मन हमेशा टोपी पहनने को करता था। एक दिन घूरे पर चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिल गया। इसी से उसकी टोपी बनने की इच्छा पूरी होने का अवसर मिल गया।

3. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई ? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य लिखें।

उत्तर

टोपी बनवाने के लिए गवरइया सबसे पहले धुनिया के पास गई। उससे रुई धुनवा कर वह उसे लेकर कोरी के पास जा पहुँची। उसे कोरी से कतवा लिया। कते सूत को लेकर वह बुनकर के पास गई। उस कते सूत से उसने बुनकर से कपड़ा बुनवाया। कपड़े को लेकर वह दर्जी के पास गई। उसने उस कपड़े से दो सुन्दर सी टोपियाँ सिल दीं। एक टोपी अपने पास रखकर दूसरी टोपी गवरइया को दे दी। इस प्रकार गवरइया की टोपी तैयार हो गई।

4. गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

उत्तर

दर्जी राजा औए उसके सेवकों के कपड़े सिलता था जो उसे बेगार करवाते थे। लेकिन गवरइया ने अपनी टोपी सिलवाने के बदले में दर्जी को मजदूरीस्वरूप आधा कपडा दिया जिससे खुश होकर दर्जी ने गवरइया की टोपी पर पांच फुँदने जड़ दिए।

पृष्ठ संख्या: 125

3. गवरइया के स्वभाव से यह प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए।

उत्तर

किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए मन में उत्साह होना आवश्यक है। उत्साह से ही हमारे मन में किसी भी कार्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। यदि हम किसी भी कार्य को बेमन से करेंगे तो निश्चय ही हमें उस कार्य में सफलता नहीं मिलेगी। कोई न कोई कमी ज़रूर रह जाएगी।

पृष्ठ संख्या: 126

2. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे - कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए।

उत्तर

(1) टोपी उछालना :- (इज़्ज़त उछालना) एक गलत काम करने से आदमी की टोपी उछलते देर नहीं लगती।
(2) टोपी से ढ़ँक लेना :- (इज्ज़त ढ़क लेना) अपने घर की बात को टोपी से ढ़ँक लेना ही अच्छा है।


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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 126 हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 126 हिंदी

1. 'आखिर यह भारत है क्या? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा क्या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके?'
ये प्रश्न अध्याय दो के शुरूआती हिस्से से लिए गए है। अब तक अब पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार पर और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।

उत्तर

भारत एक भू-भाग का नाम नहीं है अपितु उस भू-भाग में बसे लोगों, उसकी संस्कृति, उसकी सभ्यता, उसके रीति-रिवाजों, उसके इतिहास का नाम भारत है,30 उसके भौतिक स्वरूप का नाम भारत है।
भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने अतीत में अनेकों संस्कृतियों को बनते बिगड़ते देखा। अनेकों संस्कृति आई और यहाँ आकर या तो विलीन हो गई या नष्ट हो गई परन्तु इन सब में अपनी संस्कृति को न सिर्फ़ बचाए रखा अपितु उसे श्रेष्ठ भी सिद्ध किया। इसी संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी किया है।
उसने कितने ही आक्रमणकारी देखें कितने ही शासनकाल देखें, गुलामी की बेड़ियाँ देखी। एक वक्त ऐसा भी आया जब उसने अपनी शक्ति को दूसरों के पैरों तले पाया पर उसने फिर उठकर अपने सम्मान को पाया अपनी धरोहर को खोने से बचा लिया।
आज बेशक वह एक बड़ी आबादी वाला देश हो परन्तु उसके पास आज भी उसकी बहुमूल्य विरासत है- उसकी संस्कृति, महापुरुषों के उच्च विचार, विविधता में एकता व धर्मनिरपेक्षता।

2. आपके अनुसार भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी-विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया था?

उत्तर

अपनी संकुचित मानसिकता के कारण भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी-विकास की दौड़ में पिछड़ गया था।इन रूढ़ियों ने भारत की गतिशीलता पर दुष्प्रभाव डाला है। यद्यपि पुराने भारत पर नज़र डालें तो भारत में मानसिकता, सजगता और तकनीकी कौशल का अतुल भंडार था। यहाँ लोगों में रंचनात्मक प्रवृत्ति विद्यमान थी। लोगों ने प्रकृति और ब्रह्मांड के रहस्यों को खोजने का प्रयास किया था जिसके उदाहरण हमारे इतिहास में भरे पड़े हैं परन्तु इन सबको भूलकर हमने अनुसरण प्रवृति अपना ली। इसका दुष्प्रभाव ही था कि हमने अपनी रचनात्मक प्रवृत्ति को खो दिया। जहाँ हमने ब्रह्मांड के रहस्य खोजे थे वहीं हम व्यर्थ के आडम्बरों में भ्रमित होकर अपने ज्ञान को धूमिल कर चुके थे। जहाँ राजाओं ने साहसिक कार्यों की लालसा और छलकती हुई जिंदगी के लिए सुदूर देशों तक भारतीय संस्कृति का प्रसार किया था वही हमारी संकीर्ण मानसिकता ने उस प्रसार पर रोक लगा दी थी। इन सब संकुचित विचार धाराओं ने भारत के विकास पथ को रोक दिया। भारत में व्याप्त निरक्षरता व समाज में बढ़ते जाति-पाति ने भारत की गतिशीलता को छिन्न-भिन्न कर दिया। हमारी सोच के दायरों को अब धीरे-धीरे जैसे जंग लगने लगा था। हमारी वैज्ञानिक चेतना इन आडम्बरों, रूढ़ियों व संकीर्ण मानसिकता के नीचे दब कर रह गई। इसके विपरीत यूरोप भारत से जो कभी पिछड़ा हुआ था, अपनी वैज्ञानिक चेतना तथा बुलंद जीवन शक्ति और विकसित मानसिकता के कारण तकनीकी विकास में भारत से आगे निकल गया।

4. जवाहरलाल नेहरू ने कहा, "यह बात दिलचस्प है कि भारत अपनी कहानी की इस भोर-बेला में ही हमें एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं, बल्कि अनेक रूपों में विकसित सयाने रूप में दिखाई पड़ता है।" उन्होंने भारत के विषय में ऐसा क्यों और किस संदर्भ में कहा है?

उत्तर

नेहरू जी ने यह कथन सिंधु घाटी की सभ्यता के बारे में कहा है क्योंकि सिंधु घाटी जितनी विकसित सभ्यता का उल्लेख कम ही देखने को मिलता है। उनके अनुसार ये विकसित सभ्यता थी। उस विकास को पाने के लिए इस सभ्यता ने हज़ारों वर्षों का साथ लिया होगा। इस सभ्यता ने फ़ारस मेसोपोटामिया और मिश्र की सभ्यता से व्यापारिक सम्बन्ध कायम किए थे। इस सभ्यता में नागर सभ्यता बड़ी उत्तम थी। नेहरू जी के अनुसार आधुनिक भारत को छ: सात हज़ार साल पुरानी इस सभ्यता से जोड़ता है। इसलिए नेहरू जी ने इसे भारतीय सभ्यता की भोर-वेला कहा है जो एक छोटे बच्चे की तरह नहीं बल्कि आरम्भ से ही विकसित सयाने रूप में विद्यमान थी। इस सभ्यता ने सुंदर वस्तुओं का निर्माण ही नहीं किया बल्कि आधुनिक सभ्यता के लिए उपयोगी ज़्यादा ठेठ चिह्नों-अच्छे हमामों और नालियों के तंत्र का भी निर्माण किया था। जिसने आगे चलकर भवन निर्माण व जल निकासन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त किया। ये भारत के लिए सिंधु सभ्यता व मोहनजोदड़ो के कारण ही संभव हो सका है।


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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 127 हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 127 हिंदी 

5. सिंधु घाटी सभ्यता के अंत के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। आपके अनुसार इस सभ्यता का अंत कैसे हुआ होगा, तर्क सहित लिखिए।

उत्तर

जलवायु परिवर्तन के कारण उपजाऊ भूमि का रेगिस्तान में बदल जाना इस सभ्यता का अंत का कारण रहा होगा। सिंधु घाटी सभ्यता कई वर्षों तक अपनी अत्याधुनिक विकास के लिए जानी जाती है। वहां की शहरों का निर्माण बेहद सोच-समझ कर किया गया था इसलिए बाढ़ जैसी त्रासदी से सभ्यता का अंत काल्पनिक लगता है। अवशय ही जलवायु परिवर्तन की वजह से वो जगह रेगिस्तान में तब्दील हो गया होगा जिस कारण सभ्यता में रहने वालों लोगों के लिए अपनी कृषि एवं भरण-पोषण सम्बन्धी गतिविधयों से वंचित होना पड़ा होगा और यह खत्म हो गयी।

8."हमें आरंभ में ही एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति की शुरूआत दिखाई पड़ती है जो तमाम परिवर्तनों के बावजूद आज भी बनी है।"
आज की भारतीय संस्कृति की ऐसी कौन-कौन सी बातें/चीज़ें हैं जो हज़ारों साल पहले से चली आ रही हैं? आपस में चर्चा करके पता लगाइए।

उत्तर

भारतीय संस्कृति, ये स्वयं में अद्भूत गुणों को समेटे हुए है। भारतीय संस्कृति का स्थायी रूप से टिके रहने का कारण इसका ठेठ भारतीयपन है और यही आधुनिक सभ्यता का आधार है। इसी कारण ये संस्कृति पाँच-छ: हज़ार वर्ष या उससे भी अधिक समय तक निंरतर बनी रही है वह भी बराबर परिवर्तनशील और विकासमान रहकर। उस समय के देशों से जैसे- फ़ारस, मिस्र, ग्रीस, चीन, अरब, मध्य एशिया और भूमध्य सागर के लोगों से उसका बराबर संपर्क रहा इन्होंने भारत को प्रभावित किया और स्वयं भी इससे प्रभावित हुए। परन्तु इसका सांस्कृतिक आधार इतना मजबूत था कि कितनी ही अन्य सभ्यता व संस्कृति आई, इसने उन्हें भी अपने में आत्मसात कर लिया। इसके इसी लचीलेपन ने इसे हज़ारों सालों तक बनाए रखा। अन्य संस्कृतियाँ व सभ्यताएँ वक्त के थपेड़ों के साथ जैसे उत्पन्न हुई थी उसी तरह पतन के गर्त में समा गई परन्तु भारतीय सभ्यता जस के तस बनी हुई है। भारतीय संस्कृति में कई ऐसी बातें हैं जो उसी तरह बनी हुई है जैसे प्राचीन कालीन युग से आधुनिक युग तक। जैसे- गंगा के तटों पर पीढ़ी दर पीढ़ी स्नान के लिए लोग खीचें चले आ रहे हैं। भारतीय संस्कृति में टकराहट को कभी जगह नहीं मिली इसके स्थान पर इसने हमेशा समन्वय व प्रेम को अधिक स्थान दिया है इसी कारण ये आज भी विद्यमान है।  समय के अनुसार इसकी परिवर्तन शीलता ने भी इसको बनाए रखने में विशेष सहयोग दिया है। इसके यही गुण हैं जिसने इसे आज भी स्थापित रखा है।

10. प्राचीन काल से लेकर आज तक राजा या सरकार द्वारा ज़मीन और उत्पादन पर 'कर' (tax) लगाया जाता रहा है। आजकल हम किन-किन वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं, सूची बनाइए।

उत्तर

आजकल हम निम्नलिखित वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं -
→ संपत्ति पर कर
→ आयकर
→ खाद्य पदार्थों व वस्त्रों पर कर
→ होटलों व रेस्टोरेन्ट पर खानें पर कर
→ हवाई यात्रा पर कर
→ टी.वी, फ्रिज़, स्वर्ण आभूषणों की खरीद पर कर
→ सर्विस टैक्स (अर्थात् किसी काम को करने व करवाने पर कर)
→ व्यापार कर
→ मनोरंजन कर

11. (क) प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव के दो उदाहरण बताइए।
(ख) वर्तमान समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कौन-कौन से प्रभाव देखे जा सकते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची बनाइए।
(संकेत -खान-पान, पहनावा, फिल्में, हिंदी, कंप्यूटर, टेलीमार्केटिंग आदि।)

उत्तर

(क) प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कई प्रभाव पड़े। भारत में आने वाले विदेशी यात्री भारत की संस्कृति की विशेषताओं को अपने साथ ले गए उनमें मुख्य हैं- भारतीय खानपान की चीज़ें, भारतीय कपड़ों का विदेशों में प्रचलन आदि।

(ख) वर्तमान समय में भी विदेशों में भारतीय संस्कृति के कई प्रभाव देखे जा सकते हैं, जैसे -
→ विभिन्न पकवान तथा खानपान की चीज़ें
→ भारत में पहने जाने वाले कपड़ों की माँग
→ भारतीय भाषा हिंदी तथा अन्य भाषाओं का प्रभाव
→ कंप्यूटर के क्षेत्र में विदेशी बाज़ार पर प्रभाव डाला है
→ अन्य पहलू जैसे- धर्म, दर्शन, नीति-शिक्षा आदि का भी महत्वपूर्ण स्थान है।


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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 128 हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 128 हिंदी

13. कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अनेक विषयों की चर्चा है, जैसे, "व्यापार और वाणिज्य, कानून और न्यायालय, नगर-व्यवस्था, सामाजिक रीति-रिवाज, विवाह और तलाक, स्त्रियों के अधिकार, कर और लगान, कृषि, खानों और कारखानों को चलाना, दस्तकारी, मंडियाँ, बागवानी, उद्योग-धंधे, सिंचाई और जलमार्ग, जहाज़ और जहाज़रानी, निगमें, जन-गणना, मत्स्य-उद्योग, कसाई खाने, पासपोर्ट और जेल-सब शामिल हैं। इसमें विधवा विवाह को मान्यता दी गई है और विशेष परिस्थितियों में तलाक को भी।" वर्तमान में इन विषयों कि क्या स्थिति है? अपनी पसंद के किन्हीं दो-तीन विषयों पर लिखिए।

उत्तर

विवाह और तलाक
विवाह एक ऐसे रिश्ते का नाम है जिसमें दो परिवारों व दो व्यक्तियों का जीवन आपस में जुड़ता है। विवाह के द्वारा दो व्यक्ति अपनी युवावस्था की अल्हड़ता को छोड़कर दांपत्य जीवन में प्रवेश करते हैं और नई ज़िम्मेदारियों को उठाते हैं। विवाह में जहाँ दो व्यक्तियों के जीवन की डोर आपस में जुड़ जाती है उसी तरह दोनों परिवारों का समन्वय उनको नए रिश्तों में भी बाँधता है जिससे उनके कर्त्तव्य और ज़िम्मेदारियाँ दुगुनी हो जाती हैं। विवाह के पश्चात् एक लड़की एक नए घर में प्रवेश करती है, नए परिवेश में स्वयं को ढ़ालती है व उस परिवार के सदस्यों से नए सम्बन्ध स्थापित करती है। यह सब विवाह में संभव है। इसी तरह से एक लड़के को भी दूसरे परिवार के लिए नए सिरे से शुरूआत करनी होती है। पहले, विवाह में औरतों पर बहुत ज़िम्मेदारियों का दबाव बना रहता था क्योंकि ज़्यादातर औरतें अशिक्षित थीं इसलिए वह घर को संभालती थीं। उनके लिए उनका परिवार, उनके बच्चे, उनका भविष्य ही उनका लक्ष्य तथा उद्देश्य हुआ करता था। वह अपना सारा जीवन इसी में समर्पित कर देती थी क्योंकि भारतीय समाज पुरूष प्रधान समाज रहा है। उसकी स्थिति इसकी उलटी थी बाहर जाकर नौकरी करना व हर महीने अपनी आय से घर का खर्चा चलाना उनका कर्त्तव्य बस यहीं तक निहित था। परन्तु समय के साथ औरतों की स्थिति में भी बदलाव आने लगा। जहाँ घर-परिवार को अपना सर्वस्व सौंपकर वह इसमें आलौकिक सुख मानती थी। अब शिक्षित होने के कारण उनके उद्देश्य व सुखों में अंतर आना आरंभ हो गया। अब वो पुरूषों के बराबर चलकर उनकी ज़िम्मेदारियों में बराबर का साथ देने लगी इस कारण उनका उद्देश्य उनका करियर हो गया। अब उनके लिए अपनी माताओं की तरह घर-परिवार महत्वपूर्ण नहीं रहा। वह स्वयं के लिए एक नई मंज़िल चुन चुकी थीं इसी कारण समाज में तलाक की प्रवृति आरंभ होने लगी। जहाँ वह पहले पुरूष द्वारा की गई अवहेलना व प्रताड़ना को चुपचाप सहन कर जाती थीं, अब बुलंद आवाज़ में उसका विरोध करने लगी। समय की व्यस्तता ने भी घर पर समय ना देने के कारण समाज में तलाक की प्रवृति पर ज़ोर दिया है। व्यस्तता के कारण आपसी रिश्तों में खटास घुलने लगी है और शिकायतों के दौर बढ़ने लगे। पहले के दौर में तलाक बहुत ही बुरा माना जाता था और मुश्किल से ही लोग इसके लिए तैयार होते थे। परन्तु आज के प्रगतिशील समय में यह आम बात होती जा रही है। पहले तलाक लेने से पहले दस बार सोचा जाता था परन्तु आज छोटी-छोटी बातों में तलाक के लिए तैयार हो जाना विवाह जैसे रिस्ते के लिए बुरा दौर है। समाज में बढ़ती इस कुरीति ने विवाह के प्रति लोगों में भय उत्पन्न कर दिया है। हमें चाहिए कि हम सजग रहकर समान रूप से अपने रिश्तों का निर्वाह करें व तलाक जैसी कुरीति को समाज की जड़ से उखाड़ फेंके। तभी एक उज्जवल भविष्य और सभ्य समाज की ओर बढ़ा जा सकता है।

विधवा विवाह
प्राचीन काल से हमारे समाज में विधवा विवाह को उचित नहीं माना गया है। उस समय के अनुसार एक स्त्री के पति की मृत्यु हो जाने के पश्चात् सादा जीवन व्यतीत करना, उस स्त्री के लिए सही माना जाता था। उसके पति की मृत्यु के पश्यात् या तो उसे सती होना पड़ता था या फिर उसे समाज का परित्याग करना पड़ता था। उनको हरिद्वार या वाराणसी आश्रमों में साध्वी का जीवन व्यतीत करने के लिए छोड़ दिया जाता था। उनको कैसा जीवन जीना चाहिए इसके लिए नियमों की पूरी सूची उन्हें थमा दी जाती थी। उस समय के समाज में विधवाएँ अधिक संख्याओं में होती थीं। इसका मुख्य कारण था- बालावस्था में उनका विवाह जिसके कारण अकस्मात् दुर्घटना या बीमारी से उनके पति की मृत्यु उन्हें बचपन में ही विधवा बना देती थी। बालपन से ही विधवा जीवन जीने के लिए उन्हें झोंक दिया जाता था। समाज में उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई थी। उनके उत्थान के लिए कई महापुरूषों ने आगे बढ़कर कार्य किए हैं। यहाँ तक चाणक्य द्वारा रचित "चाणक्य शास्त्र" में भी विधवा विवाह की बात कही गई है। परन्तु राजाराम मोहन राय ने विधवा विवाह के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने सती प्रथा को रोका और विधवा विवाह पर ज़ोर दिया। इसमें उनका अंग्रेज़ों ने भी साथ दिया और सती प्रथा के उन्मूलन और पुन: विधवा विवाह को मान्यता दी। राजाराम मोहन राय के अथक प्रयास के कारण ही आज समाज में विधवा विवाह को मान्यता प्राप्त है, इसे बुरी नज़रों से नहीं देखा जाता। आज समाज में पहले की तुलना में विधवाएँ कम ही देखी जाती है। इसका मुख्य कारण समाज का शिक्षित होना है। अब समाज में बाल विवाह देखने को बहुत कम ही मिलते हैं। यह प्रथा किसी गाँव में ही देखने को मिलती है, सरकार द्वारा लड़की व लड़के की उम्र 18 से 19 वर्ष तक रखी गई है। इससे कम उम्र के विवाह को करने पर परिवार वालों को सरकार द्वारा दंडित किया जाता है। समाज का शिक्षित होना जैसे लड़कियों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। अब उनकी स्थिति मज़बूत हुई है, अब वे शिक्षित हैं और उन्हें अपनी स्वेच्छा से विवाह करने का अधिकार प्राप्त है। इन सबके कारण समाज में विधवाओं का स्तर कम हुआ है। यह सही कहा जाता है कि प्रगतिशील समाज सदैव सबके लिए कल्याणकारी होता है। हमें चाहिए हम अपने विचारों को इस प्रगति की गति के साथ मिलाएँ ताकि समाज की स्थिति मज़बूत बन जाए। उन महापुरूषों का भी धन्यवाद करना चाहिए जिनके भरसक प्रयास ने स्त्रियों की दशा सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

14. आज़ादी से पहले किसानों की समस्याएँ निम्नलिखित थीं-"गरीबी, कर्ज़, निहित स्वार्थ, ज़मींदार, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार..." आपके विचार से आजकल किसानों की समस्याएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर

आज़ादी से पहले जो समस्याएँ निहित थीं उनमें से कई समस्याओं का उन्मूलन हो गया है। पर परिस्थितियाँ आज भी नहीं बदली है। आज के किसानों को उसी प्रकार विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वो समस्याएँ इस प्रकार हैं -

→ कल की तुलना में किसान आज भी गरीब हैं, खेती करने के लिए आवश्यक चीजें कर पाना उसके बस में नहीं हैं। पहले हल से खेतों को जोता जाता था, परन्तु आज बोने, कटाई व सफ़ाई के लिए अत्य आधुनिक मशीनें आ गई हैं जिसके अभाव में पैदावार पर बुरा असर पड़ रहा है और उसकी स्थिति जस की तस है।
→ पहले की तुलना में जलवायु परिवर्तन से उसकी पैदावार को गहरा नुकसान हुआ है। सही समय पर वर्षा ना हो पाना जिसके कारण सूखा पड़ जाना या फिर अत्याधिक वर्षा के कारण खड़ी फसल खराब हो जाना जैसे कारणों से किसानों के लिए विकट समस्याएँ उत्पन्न होने लगी हैं।
→ सिंचाई के साधनों के अभाव के कारण किसानों की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में जल का प्रबन्ध न होने के कारण पैदावार को हानि पहुँचती है। मौसम पर निर्भर रहकर वह अपनी पैदावार नहीं बढ़ा सकता है।
→ अपनी पैदावार को बढ़ाने के लिए उसे उन्नत बीज नहीं मिल पा रहे हैं।
→ हर साल अपनी पैदावार को बढ़ाने के लिए किसानों को रूपयों की ज़रूरत पड़ती है। वह इसके लिए दिन-प्रतिदिन कर्ज़ लेता रहता है और धीरे-धीरे कर्ज़ का दबाव इतना बढ़ जाता है कि मजबूरन उन्हें कोई गलत फैसला भी लेना पड़ जाता है। कई बार तो यह भी देखा गया है कि किसान आत्महत्या भी कर लेते हैं। कर्ज़ का बोझ बढ़ते जाना और पैदावार का न के बराबर होना ये सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आया है।
→ सरकार द्वारा किसानों की स्थिति को उभारने के कई प्रयास हुए हैं। परन्तु वे सब प्रयास निरर्थक ही साबित हुए। हर बार जब नई सरकार बनती है वह किसानों से कई वादे करती है परन्तु सरकार बनने के पश्चात् उनके लिए कुछ नहीं करती जिससे उनके वादे मात्र थोथे वादे बनकर रह जाते हैं, किसानों की स्थिति और दयनीय हो जाती है।

15. "सार्वजनिक काम राजा की मर्ज़ी के मोहताज़ नहीं होते, उसे खुद हमेशा इनके लिए तैयार रहना चाहिए।" ऐसे कौन-कौन से सार्वजनिक कार्य हैं जिन्हें आप बिना किसी हिचकिचाहट के करने को तैयार हो जाते हैं?

उत्तर

ऐसे कई काम हैं जो हम बिना सरकार के कर सकते हैं वो इस प्रकार हैं -
→ किसी की मदद करने के लिए हमें सरकार की आवश्यकता की ज़रूरत नहीं होती फिर चाहे वह मनुष्य की हो या जानवर की इसे हम स्वयं कर सकते हैं।
→ समाज में गरीब-बच्चों को पढ़ाने के लिए हमें सरकार का मुँह ताँकने की आवश्यकता नहीं है। हम चाहे तो थोड़ा सा समय निकालकर उनको पढ़ाई के लिए प्रेरित कर उनमें शिक्षा का प्रसार कर सकते हैं।
→ सरकार के रवैये के प्रति सजगता- यदि हमें लगे कि हमने जो सरकार चुनी हैं वह सही तौर पर जनता के विकास के कार्यों को नहीं कर रही है तो हम इसके विरूद्ध आवाज़ उठा सकते हैं और एक नई सरकार बना सकते हैं चाणक्य ने भी लिखा है कि यदि कोई राजा अनीति करता है तो उसकी प्रजा को यह अधिकार है कि उसे हराकर किसी दूसरे को उसकी जगह बैठा दें। यह हमारा अधिकार व कर्तव्य है।
→ महिलाओं की दशा सुधारने का कार्य- ये ऐसा कार्य है जिसे समाज का हर व्यक्ति कर सकता है। यदि राजा राम मोहन राय जैसे लोग सती प्रथा व पुन: विधवा विवाह के लिए कदम नहीं उठाते तो आज समाज में स्त्रियों की दशा नहीं सुधरती। हमें चाहिए स्त्रियों की शिक्षा व अधिकार सम्बन्धी कार्यों के लिए हम स्वयं कुछ करें।
→ अपने देश, राज्य या मोहल्ले को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए हम साथ कार्य कर सकते हैं। जगह-जगह वृक्षों का रोपण कर सकते हैं, गली-मोहल्ले की सफ़ाई की व्यवस्था के लिए स्वयं कार्यरत हो सकते हैं। हमारे सहयोग से ही देश को स्वच्छ व सुंदर बनाया जा सकता है। इसमें सरकार के द्वारा कदम उठाने का इंतज़ार करना हमारा, हमारे देश के लिए कर्त्तव्यों की तरफ़ से आँख मूँदना होगा।
→ किसी अकस्मात् दुर्घटना पर मिलजुलकर हाथ बँटाना हमारा कर्त्तव्य है, ये कर्त्तव्य बिना किसी परेशानी के किया जा सकता है, जैसे- दुर्घटना स्थल पर घायलों की मदद करना, उनके लिए उपचार सम्बन्धी साधनों को जुटाना आदि।

16. महान सम्राट अशोक ने घोषणा की कि वह प्रजा के कार्य और हित के लिए 'हर स्थान पर और हर समय' हमेशा उपलब्ध हैं। हमारे समय के शासक/लोक-सेवक इस कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं? तर्क सहित लिखिए।

उत्तर

हमारे समय के शासक या लोकनेता पहले की तुलना में बिल्कुल नाकारा साबित हुए हैं। पहले के शासक प्रजा के हितों के लिए स्वयं के हित को नहीं मानते थे, उनके लिए जनता सर्वोपरि थी परन्तु आज का नेता इसके बिल्कुल विपरीत है। सत्ता में आना उसके लिए जैसे अपना स्वार्थहित है। वो कभी जनता की समस्याओं के लिए उपलब्ध नहीं होते। अपितु, उन्हें किसी उद्घाटन समारोह या चुनाव प्रचार के समय वोट माँगते देखा जा सकता है। वो जनता से तारीफें तो बटोरना चाहते हैं परन्तु उनकी समस्याओं को सुलझाने व सुनने के लिए उनके पास समय नहीं है। समाज में व्याप्त दो चार समस्योओं का बल निकालकर वह अपने कर्तव्यों को पूरा मान लेते हैं और जो महत्वपूर्ण जटिल समस्याएँ होती हैं, उसे ज्यों का त्यों छोड़ देते हैं। उनको चुनावी घोषणा-पत्र में तो गरीबी उन्मूलन, महिलाओं को आरक्षण, शिक्षा के बेहतर सुविधाए, बेरोजगारी उन्मूलन आदि समस्याओं को दर्शाया जाता है। परन्तु सरकार बनने पर यह सारी समस्याओं पर ध्यान न देना उनका स्वभाव बन गया है। सत्ता पाते ही देश को दीमक की तरह अंदर ही अंदर चाट डालते हैं और जनता के लिए केवल टूटी अर्थव्यवस्था छोड़ जाते हैं। आज के नेता जनता के लिए आदर्श के स्थान पर एक घृणा का पात्र बनकर रह गया है। वो समाज में एक आदर्श के रूप में स्वयं को स्थापित नहीं कर पा रहें। इसका परिणाम है कि लोग राजनीति व राजनेताओं से बचकर रहना चाहते हैं।

17. औरतों के परदे में अलग -थलग रहने से सामाजिक जीवन के विकास में रूकावट आई।' कैसे?

उत्तर

परदा प्रथा ने औरतों के विकास को पूर्णत: समाप्त ही कर दिया था। माना जाता है इस प्रथा का विकास मुगल-काल से आरंभ हुआ था। आरंभ में तो इसे सिर्फ़ आदर भाव के रूप में लिया गया था जो सिर्फ़ बड़े राजघरानों व मुगलघरानों तक सीमित था। परन्तु धीरे-धीरे इस प्रथा ने पूरे समाज में अपनी जड़ पकड़ ली। परिणामस्वरूप औरतों की स्थिति समाज में दयनीय हो गई। इससे उनके सामाजिक जीवन के विकास में रूकावटें आनी आरंभ हो गई।
औरतें जहाँ पहले सामाजिक कार्यों में सहजता पूर्वक भाग ले पाती थीं अब वह इस प्रथा पर दबकर रह गईं। उनका पुरूषों के आगे बिना पर्दे के आना बुरा माना जाने लगा जिसने उनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया और उसे समाज से काट कर अलग कर दिया गया। उनकी शिक्षा पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा। अब उन्हें पर्दे में ही रहने की हिदायतें लागू हो गई, कारणवश वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर जाने से रोक दी गई। इसके फलस्वरूप वह अशिक्षित रह गईं। समाज में सिर्फ़ पुरूषों को ही शिक्षा प्राप्त करने की आज़ादी प्राप्त थी। इससे उनके मानसिक विकास का भी ह्रास हुआ। अब उनकी प्रतिभा व्यंजनों को पकाने व घर के साजों-समान को बनाने तक सीमित रह गई। उनकी प्रतिभा का सही विकास नहीं हो पाया। फलस्वरूप उनके सामाजिक जीवन के विकास में पर्दा प्रथा सबसे बड़ी रूकावट बनी।

18. मध्यकाल के इन संत रचनाकारों की अनेक रचनाएँ अब तक आप पढ़ चुके होंगे। इन रचनाकारों की एक-एक रचना अपनी पसंद से लिखिए-
(क) अमीर खुसरो
(ख) कबीर
(ग) गुरू नानक
(घ) रहीम

उत्तर

(क) अमीर खुसरो - दीवान (काव्य संग्रह), अमीर खुसरो की पहेलियाँ
(ख) कबीर - बीजक
(ग) गुरू नानक - गुरू ग्रंथ साहिब
(घ) रहीम - रहीम के दोहे


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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 129 हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 129 हिंदी 

19. बात को कहने के तीन प्रमुख तरीके अब तक आप जान चुके होंगे-
(क) अभिधा  (ख) लक्षणा  (ग) व्यंजना
बताइए, नेहरू जी का निम्नलिखित वाक्य इन तीनों में से किसका उदाहरण है? यह भी बताइए कि आपको ऐसा क्यों लगता है?
"यदि ब्रिटेन ने भारत में यह बहुत भारी बोझ नहीं उठाया होता (जैसा कि उन्होंने हमें बताया है) और लंबे समय तक हमें स्वराज्य करने की वह कठिन कला नहीं सिखाई होती, जिससे हम इतने अनजान थे,तो भारत न केवल अधिक स्वतंत्र और अधिक समृद्ध होता.... बल्कि उसने कहीं अधिक प्रगति की होती।"

उत्तर

नेहरू जी का यह वाक्य व्यंजना शैली का उदाहरण है। यहाँ पर नेहरू जी ने सीधे प्रहार न कर प्रतीक के रूप पर अंग्रेज़ी सरकार व भारतीय जनता पर प्रहार किया है। जिसके फलस्वरूप वह आरोप को सीधे न लगाकर घुमाकर अपनी बात को कह रहे हैं। जब व्यंजना शैली में लिखते हैं तो कोशिश करते हैं हम विवादों में ना फँसे और अपनी बात भी भली प्रकार से कह जाएँ। यही इस शैली का गुण है। यहाँ नेहरु जी भारत का विकास न कर पाने का वर्णन भी करते हैं। व्यंजना में लिखते हुए हम उस बात के लिए प्रतीक गढ़ते हैं, जैसे- पशु, टयूब लाईट, या कोई अन्य वस्तु आदि और लिखते इस प्रकार हैं कि मानो पढ़ने वालो को  उस बात की ओर इशारा किया जा रहा है। इसके विपरीत शाब्दिक विधा में व्यक्तियों के बारे में सीधा लिख दिया जाता है। लक्षणितजैसा नाम है व्यक्ति के लक्षणों के बारे में बताने वाले पात्र गढ़ लेते हैं।
मुख्यत: व्यंजना को समझाना थोड़ा मुश्किल होता है पर यदि समझ लिया जाए तो इसे पढ़ने वाले को बहुत ही आनंद आता है।
हिंदी में व्यंजना को ही दोनों विधा से श्रेष्ठ माना जाता है। नेहरू जी ने इसी विधा का प्रयोग किया है।

20. "नयी ताकतों ने सिर उठाया और वे हमें ग्रामीण जनता की ओर ले गईं। पहली बार एक नया और दूसरे ढंग का भारत उन युवा बुद्धिजीवियों के सामने आया..."
आपके विचार से आज़ादी की लड़ाई के बारे में कही गई ये बातें किस 'नयी ताकत' की ओर इशारा कर रही हैं? वह कौन व्यक्ति था और उसने ऐसा क्या किया जिसने ग्रामीण जनता को भी आज़ादी की लड़ाई का सिपाही बना दिया?

उत्तर

आज़ादी की लड़ाई में कही गई ये बातें ताकत के रूप में उभरते नए बुद्धिजीवी वर्ग के लिए थीं। ये वर्ग शिक्षित था, इसमें नए और सक्रिय विचारों को समझने की शक्ति थी और इन्हीं वर्ग के कारण आधुनिक चेतना का प्रसार हुआ। इन्होंने आज़ादी के मूल्यों को पहचाना और आम जनता को उसके अधिकारों के प्रति जागृत किया। इस ताकत के सबसे बड़े महानायक थे- महात्मा गाँधी। वे महानायक भारत की उस हीन दशा में ताज़ा हवा के ऐसे झोंके की तरह आए जिसने हमें फैलकर गहरी साँस लेने योग्य बनाया। वे अवतरित नहीं हुए अपितु भारत की करोड़ों की आबादी के बीच से निकलकर आए थे। उन्होंने अंग्रेज़ों के व्यापक दमन, दमघोंटू शासन, जमींदारों व साहूकार के अत्याचारों से, बेकारी और भुखमरी के भय से हमें बाहर निकाला और इन सब के विरूद्ध खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गरीबी और भूख से लिपटी ग्रामीण जनता को चेताया, अपने साथियों को दूर-दूर गाँवो में भेजा, अपने ओजपूर्ण भाषणों से उनके अंदर दबी हुई ज्वाला को जगाया और इस तरह उन्होंने देश के हर हिस्से में स्वतंत्रता के लिए एक नई सेना खड़ी की जो इतनी शक्तिशाली सेना के रूप में उनके नेतृत्व के रूप में खड़ी हुई कि अंग्रेज़ों को भारत छोड़ना ही पड़ा। यह वह महात्मा गाँधी थे जिन्होंने अपने अथक प्रयास से भारत के एक-एक नागरिक को स्वतंत्रता का सिपाही बना दिया।

21. 'भारत माता की जय' − आपके विचार से इस नारे में किसकी जय की बात कही जाती है? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर

जब भी हम इस नारे का जय घोष करते हैं तो हम सदैव भारत भूमि की जय की बात करते हैं क्योंकि इस भूमि में भारत की भौगोलिक स्थिति- उसकी धरती, नदी, पहाड़, समुद्र, मैदान की ही नहीं अपितु भारत के लोगों व संस्कृति को भी अभिन्न अंग के रूप में जोड़ा गया है और तब उन सब से मिलकर बने 'भारत' को माँ के रूप में जय घोष करते हैं। इस कथन को नेहरू जी ने अपना समर्थन दिया है। उनके अनुसार भारत की मिट्टी, एक गाँव, एक जिले और एक राज्य की नहीं अपितु तमाम टुकड़ों या फिर पूरे भारत की मिट्टी से है। इसके अलावा भारत के पहाड़, नदियाँ, जंगल फैले हुए खेत जो हमारा भरण-पोषण करते हैं, वे भी सम्मिलित हैं। पर इन सब चीज़ों से अधिक महत्वपूर्ण भारत की जनता है जो इस विशाल भूखंड के चारों ओर फैले हुए हैं और यही इस भारत माता का मूल रूप है इसलिए हमें इन सबकी जय बोलनी चाहिए।

22. (क) भारत पर प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी आक्रमण होता रहे। उनकी सूची बनाइए। समय क्रम में बनाएँ तो और भी अच्छा रहेगा।
(ख) आपके विचार से भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना इससे पहले के आक्रमणों से किस तरह अलग है?

उत्तर

(क)
(i)
1000 ई.
महमूद गजनवी
(ii)
1191 ई.
शहबुद्दीन गौरी (मोहम्मद गौरी)
(iii)
1400 ई.
तैमूर (तुर्क-मंगोल)
(iv)
1526 ई.
बाबर (मुग़ल साम्राज्य की नींव, पहला शासन)
(v)
-
नादिरशाह
(vi)
1700 ई. से 1946 ई.
अंग्रेज़

(ख) अंग्रेज़ी राज्य अन्य पहले आक्रमणकारियों से बिल्कुल विपरीत था। पहले के आक्रमणकारी भारत की अतुल धन संपदा को लूट कर ले जाते थे। भारत में रहने का उनका कोई मुख्य उद्देश्य नहीं था। बस मुगल साम्राज्य को छोड़कर अधिकतर ने भारत की अतुल संपदा को लूटा है और यहाँ की सभ्यता का नाश करने का प्रयास किया है। परन्तु अंग्रेज़ी सरकार इसे अपने उपनिवेश के रूप में रखना चाहती थी और उसने किया भी। वे यहाँ पर खून-खराबा करना नहीं चाहते थे। वे भारत को अपना गुलाम बनाकर कच्चा माल पाने के लिए उपनिवेश के रूप में इस्तेमाल करना चाहते थे। दमन तो उन्होंने भी किया पर वह सिर्फ़ विद्रोह होने पर इसका सहारा लेते। उन्होंने आरंभ में अपने पैर शांतिपूर्वक जमाए। व्यापार के माध्यम से भारत में दाखिल हुए और धीरे-धीरे अपनी प्रभुता कायम की। यहाँ उन्होंने युद्धों या आक्रमणों के स्थान पर अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और पूरे भारत पर कब्ज़ा कर लिया।

23. (क) अंग्रेज़ी सरकार शिक्षा के प्रसार को नापसंद करती थी। क्यों?
(ख) शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेज़ी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा-बहुत काम करना पड़ा। क्यों?

उत्तर

(क) अंग्रेज़ी सरकार को भारत में शिक्षा का प्रसार करना उचित नहीं लगता था। इसका मुख्य कारण यह था कि अंग्रेज़ी सरकार भली-भाँति जानती थी, शिक्षा मनुष्य के विकास के सारे रास्तों को खोल देती है, उसको विकास के रास्ते देती है और यह मजबूती वे भारतीय समाज में नहीं आने देना चाहते थे। भारत में शिक्षा के अभाव के कारण ज़्यादातर जनता अशिक्षित थी। जिसके कारण उनका समुचित विकास नहीं हो पाया। वे उन्हीं पुराने रूढ़ियों, रीतियों में उलझे हुए थे और अंग्रेज़ी शासन के लिए यह उचित था। यदि लोग शिक्षित हो जाते तो उनमें जागृति उत्पन्न हो जाती। वे अपने अधिकारों के लिए सचेष्ट हो जाते जो अंग्रेज़ी शासन के लिए एक बड़े खतरे से कम नहीं था।

(ख) अंग्रेज़ों ने, शिक्षा का प्रसार न करने के हिमायती होते हुए भी, भारत में शिक्षा का थोड़ा बहुत प्रसार किया। इसमें भी उनका ही स्वार्थ हित था। भारत में पैर पसारने के साथ-साथ अपनी बढ़ती व्यवस्था के लिए उन्हें बड़ी संख्या में क्लर्कों को प्रशिक्षित करके तैयार करने का प्रबन्ध करना पड़ा और इन्हीं परिस्थितियों वश भारत में शिक्षा का प्रसार करना पड़ा। बेशक यह शिक्षा सीमित थी व परिपूर्ण नहीं थी, फिर भी उसने नए और सक्रिय विचारों की दिशा में भारतीयों के दिमाग की खिड़कियाँ और दरवाज़े खोल दिए जिससे भारतीय समाज में परिवर्तन होने लगा और आधुनिक चेतना का प्रसार हुआ।

24. ब्रिटिश शासन के दौर के लिए कहा गया कि-"नया पूँजीवाद सारे विश्व में जो बाज़ार तैयार कर रहा था उससे हर सूरत में भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ना ही था" क्या आपको लगता है कि अब भी नया पूँजीवाद पूरे विश्व में जो बाज़ार तैयार कर रहा है, उससे भारत के आर्थिक ढ़ाँचे पर प्रभाव पड़ रहा है? कैसे?

उत्तर

इस नए पूँजीवाद ने भारतीय समाज के पूरे आर्थिक और संरचनात्मक आधार का विघटन कर दिया। यह ऐसी व्यवस्था थी जिसका संचालन होता तो बाहर से था, पर इसको भारत पर लाद दिया गया था। भारत ब्रिटिश ढ़ाँचे का औपनिवेशिक और खेतिहर पुछल्ला मात्र रह गया था। बिल्कुल हमारे आर्थिक ढाँचे पर पूँजीवाद का प्रभाव पड़ सकता है। स्थानीय उघोग-धंधे बरबाद हो रहे हैं। भारत की पूँजी बाहर जा रही है। आज भारत का पूरा बाज़ार विदेशी उत्पादनों से भरा हुआ है और हमारा सारा धन पूँजीपतियों के हाथों में जा रहा है।


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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 130 हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: भारत की खोज पृष्ठ संख्या: 130 हिंदी 

25. गाँधी जी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर निम्नलिखित में किस तरह का बदलाव आया, पता कीजिए-
(क) कांग्रेस संगठन में।
(ख) लोगों में - विद्यार्थियों, स्त्रियों, उद्योगपतियों आदि में।
(ग) आज़ादी की लड़ाई के तरीकों में।
(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि में।

उत्तर

(क) गाँधी जी से पहले कांग्रेस अपनी पहचान खो रहा था। वह दलों में विभाजित हो गया था। गांधीजी के कांग्रेस में जुड़ने से पार्टी में नई जान आ गई थी। उनके नेतृत्व के कारण ही कांग्रेस देश की राष्ट्रीय पार्टी बन गई।
(ख) लोगों में नई शक्ति का संचार हुआ, विद्यार्थियों ने विद्यालय छोड़कर देश सेवा को अपनी पाठशाला बना लिया और आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े। स्त्रियों ने पर्दों व घरों को छोड़ पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर इस संग्राम में भाग लिया।

(ग) पहले क्रांतिकारी हिंसा द्वारा आज़ादी पाने का सपना देख रहे थे। उन्होंने कई बम धमाके किए, कई अंग्रेज़ी ऑफिसरों की हत्या की, पर गाँधी जी के आने के पश्चात् इन सब में परिवर्तन आ गया। गाँधी जी ने अहिंसा पर बल दिया। उन्होंने पदयात्रा, अनशन, धरने जैसे शांतिपूर्ण उपायों को अपना हथियार बनाया। अब बम, बंदूक का स्थान अहिंसा ने ले लिया।

(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि का विकास हुआ। पहले सिर्फ़  ब्रिटिश अख़बार ही निकलता था, परन्तु जैसे-जैसे शिक्षा का प्रसार हुआ साहित्य, संस्कृति ने भी जोर पकड़ना आरंभ किया। अब तो भारत की हर भाषा में अख़बार छपने आरंभ हो गए। इन्हीं अख़बारों द्वारा जनता में जागृति की लहर फैलाई जा सकी।

27.  पृष्ठ संख्या 122 पर नेहरू जी ने कहा है कि-"हम भविष्य की उस 'एक दुनिया' की तरफ़ बढ़ रहे हैं जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव जाति की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएँगी।" आपके अनुसार उस 'एक दुनिया' में क्या-क्या अच्छा है और कैसे-कैसे खतरे हो सकते हैं?

उत्तर

उस दुनिया में निम्नलिखित बातें अच्छी होंगी -

→ सबको रोजगार के, शिक्षा के समान अवसर प्राप्त होंगे।
→ सबको समानता का अधिकार प्राप्त होगा, ना कोई अमीर होगा, ना ही कोई गरीब, ना रंगभेद होगा, ना जाति पाति के भेदभाव होंगे।
→ एकता और अखंड देश का निर्माण होगा।
→ देश की प्रगति नए रास्तों पर बढ़ेगी।

निम्नलिखित खतरे होंगे -
→ सबको समान रूप से रोज़गार देने के अवसरों में कहीं अराजकता ना फैल जाए क्योंकि अगर सबके लिए रोज़गार उपलब्ध नहीं हो पाया तो अंसतोष की भावना उत्पन्न होगी जिसके कारण विरोध उत्पन्न हो सकता है।
→ सबके लिए यदि समान अवसर न प्राप्त हो तो उसकी एकता व अखंडता पर प्रभाव पड़ सकता है।
→ अंतर्विरोधों से देश की प्रगति रूक सकती है।


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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 1 - गुड़िया (कविता) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  1 - गुड़िया (कविता)  हिंदी दूर्वा

- कुंवर नारायण

पृष्ठ संख्या: 2

अभ्यास

1. कविता से

(क) गुड़िया को कौन, कहाँ से और क्यों लाया है?

उत्तर

गुड़िया को कवि लाया था। जब वह मेले में गया तो वहाँ एक बुढ़िया उसे बेच रही थी। वह गुड़िया कवि को बहुत अच्छी लगी, इसलिए मोलभाव करके वह उसे घर ले आया।

(ख) कविता में जिस गुड़िया की चर्चा है वह कैसी है?

उत्तर

कविता में जिस गुड़िया की चर्चा है, वह प्यारी सी है। आँखें खोल व मूँद सकती है, पिया-पिया बोलती है। उसने सितारों से जड़ी चुनरी पहन रखी है। उसकी आँखें काली-काली हैं। वह बड़ी सलोनी गुड़िया है।

(ग) कवि ने अपनी गुड़िया के बारे में अनेक बातें बताई हैं। उनमें से कोई दो बातें लिखो।

उत्तर

कवि ने उसे खिलौने की अलमारी में गहनों से सजाकर रखने की बात की है। इस गुड़िया ने कवि के बच्चे-से मन को जीत लिया है।

पृष्ठ संख्या: 4

6. मैं और हम

मैं मेले से लाया हूँ इसको
हम मेले से लाए हैं इसको
ऊपर हमने देखा कि यदि 'मैं' के स्थान पर 'हम' रख दें तो हमें वाक्य में कुछ और शब्द भी बदलने पड़ जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिए गए वाक्यों को बदलकर लिखो।
(क) मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।
हम आठवीं कक्षा ........................।
(ख) मैं जब मेले में जा रहा था तब बारिश होने लगी।
...............................................................
(ग) मैं तुम्हें कुछ नहीं बताऊँगी।
.............................................................

उत्तर

(क) हम आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं।

(ख) हम जब मेले में जा रहे थे तब बारिश होने लगी।

(ग) हम तुम्हें कुछ नहीं बताएँगे।

7. शब्दों की दुनिया

दिए गए शब्दों के अंतिम वर्ण से नए शब्द का निर्माण करो–
मेला लाल लगन नया याद
पिया
खोल
शिशुमन

उत्तर

पिया– याद, दवाई, ईमानदार, रमज़ान
खोल– लड़ाई, ईनाम, महीना, नामुमकिन, नमक
शिशुमन– नलिन, नन्हा, हाँकना, नाराज़, ज़मीन


NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 2 - दो गौरेया (कहानी) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  2 - दो गौरेया (कहानी) हिंदी दूर्वा भाग- III 

- भीष्म साहनी

पृष्ठ संख्या: 11

अभ्यास

 1. पाठ से

(क) दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?

उत्तर

माँ नही चाहतीं थीं कि गौरैयों का घर उजड़ इसलिए वह पिताजी की मदद नही कर रही थीं। पिताजी कभी ताली बजाकर, कभी बाहें झुलाकर, कभी श-शू करके गौरैयों को उड़ा रहे थे जिससे गौरैया घोंसले से सिर निकाल कर झाँकती चीं-चीं करती फिर घोसले में चली जाती। यह देखकर माँ हँसने जा रही थीं।

(ख) देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?

उत्तर

माँ इस बात से चिंतित थीं कि की कहीं चिड़ियों ने अंडे दियें होंगें तो उनके बच्चों का क्या होगा। कोई भी माँ यहीं नही चाहेगी की बच्चों को तकलीफ हो इसलिए माँ ने पिताजी को चिड़ियों को निकालने से मना किया।

(ग) "किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए," पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?

उत्तर

चिड़िया के बार-बार आने व तिनके बिखेरने से पिताजी परेशान थे इसलिए तंग आकर उन्होंने ऐसा कहा। परन्तु माँ को यह बात अच्छी नहीं लगी क्योंकि किसी को निकालने के लिए उसका घर तोड़ देना ठीक नहीं। उसमें उसके अंडे या बच्चे भी होंगे जो मर जाएँगे। पिताजी की बात से हम भी सहमत नहीं हैं क्योंकि वे भी प्रकृति का एक अहम हिस्सा हैं। आज हमारे कारण ही उन्हें घरों में घोंसले बनाने पड़ रहे हैं।

(घ) कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे ?

उत्तर

जब पिताजी घोंसला तोड़ रहे थे, तो उसमें से चीं-चीं की आवाज़ आई। अंड़ों में से बच्चे निकल आए थे, तभी पिताजी ने घोंसला वापस रख दिया क्योंकि उनको बच्चों पर दया आ गई। अब चिड़िया दाने लाकर अपने बच्चों को खिला रही थी। यह देखकर पिताजी मुस्कुरा रहे थे क्योंकि अब उन्हें पता चल गया था कि बच्चे होने के बाद थोड़े दिन में वे बच्चों को लेकर अपने आप ही उड़ जाएँगी।

पृष्ठ संख्या: 12

2. पशु-पक्षी और हम

इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो–

(क)
पक्षी
घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख)
बूढ़ा चूहा

(ग)
बिल्ली

(घ)
चमगादड़

(ङ)
चींटियाँ


उत्तर

(क)
पक्षी
घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख)
बूढ़ा चूहा
अंगीठी के पीछे बैठता है शायद सर्दी लग रही है।
(ग)
बिल्ली
फिर आऊँगी कह कर चली जाती है।
(घ)
चमगादड़
पंख फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं।
(ङ)
चींटियाँ
इनकी फौज़ ही छावनी डाले हुए है।

पृष्ठ संख्या: 13

7. किससे-क्यों-कैसे

"पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ?" ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि– 
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही?
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही?
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?

उत्तर

(क) पिताजी ने यह बात माँ से कही।
(ख) उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि गौरैया घोसला बनाने के लिए जो तिनके लाती थी वे कालीन पर गिरते थे। इससे कालीन गंदा होता था।
(ग) गौरैयों के आने से कालीन पर तिनके गिरते, गौरैया की बीट भी गिर सकती थी। इस तरह की गन्दगी गिरने से कालीन खराब हो जाता।

8. सराय

"पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।" ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि–
(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?

उत्तर

(क) सराय में लोग किराया देकर कुछ समय के लिए रहते हैं और चले जाते हैं। सराय के मकान से उन्हें कोई लगाव नहीं होता। परन्तु घर से अपनापन जुड़ा रहता है। उसमें पूरा जीवन लोग काट देते हैं। घर में एक ही परिवार के लोग रहते हैं। सराय में अलग-अलग स्थानों से आए लोग कुछ समय के लिए  रहते हैं।

(ख) पिताजी को अपना घर सराय इसलिए लगा क्योंकि वहाँ पर कोई भी आ जाता था; जैसे– चिड़िया, कबूतर, चमगादड़, बिल्ली, चूहा, चींटियाँ आदि।

पृष्ठ संख्या: 14

11. माँ की बात 

नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो।
"अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं।"
"एक दरवाज़ा खुला छोड़ो, बाकी दरवाज़े बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।"
"देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।"
अब बताओ कि–
(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
(ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?

उत्तर

(क) माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना नहीं चाहती थीं। 

(ख) माँ को लग रहा था कि चिड़ियों ने घोंसले में अंडे दे दिए होंगे और वे अंडे छोड़कर चिड़िया नहीं जाएगीं।

13. शब्द की समझ

चुक –चूक
(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।
(ख) उनका निशाना चूक गया।

अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ।
1. सुख –सूख
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
2. धुल –धूल
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
3. सुना –सूना
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................

उत्तर

1. सुख –सूख
(क) अब उसके सुख के दिन आए हैं।
(ख) उसका पूरा खेत सूख गया। खाने के भी लाले पड़ गए हैं।
2. धुल –धूल
(क) इस कपड़े पर चढ़ा मैल धुल गया।
(ख) आज तो बहुत धूल उड़ रही है।
3. सुना –सूना
(क) मैंने आज बड़ी अच्छी कहानी सुनी।
(ख) यहाँ तो बड़ा सूना-सूना लग रहा है।



NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 3 - चिट्ठियों में यूरोप (पत्र) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  3 - चिट्ठियों में यूरोप (पत्र) हिंदी भाग- III 

- सोमदत्त

पृष्ठ संख्या: 18

अभ्यास 

1.पाठ से

 इस पत्र के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो –

(क) इस पत्र का लेखक किस शहर/देश की यात्रा पर गया था?

उत्तर 

इस पत्र का लेखक यूगोस्लाविया के नेविसाद शहर की यात्रा पर गया था।

(ख) उस देश में कौन-कौन से खेल-खेले जाते हैं? वहाँ कौन-सा खेल सबसे अधिक लोकप्रिय है?

उत्तर

यहाँ के लोग फुटबाल बहुत खेलते हैं। टेबल टेनिस और स्केटिंग भी उन्हें बहुत पसंद हैं।

(ग) उस देश के कुछ खाद्य पदार्थों के नाम बताओ।

उत्तर 

उस देश के कुछ खाद्य पदार्थ– योगर्ट, सूप, सफ़ेद सेम, आइसक्रीम, चावल, स्ट्यू, चिल्ले जैसी मिठाई जिसमें खट्टी बेरी का गूदा भरा हुआ होता है, सेवइयाँ उबली सूप में, ब्रेड बटर मार्मलेट आदि हैं।

(घ) लेखक ने यह क्यों कहा कि "अच्छे से रहना ताकि माँ को तकलीफ़ न हो?"

उत्तर 

यह लेखक ने इसलिए लिखा है क्योंकि वह शहर से बाहर था और माँ अपने बच्चों के साथ अकेली थी। अगर बच्चे तंग करेंगे तो माँ को तकलीफ़ होगी।

2. पाठ से आगे

(क) भारतीय खाने की कुछ चीज़ें जैसे-चावल, सेवइयाँ, मिठाइयाँ यूरोप में अलग ढंग से खाई जाती हैं। क्या भारत में ये चीज़ें अलग-अलग ढंग/तरीकों से बनाई और खाई जाती हैं? पता करो और बताओ।

(ख) दूना नदी यूरोप के कई देशों में बहती है। भारत में भी अनेक ऐसी नदियाँ हैं जो कई राज्यों के बीच बहती हैं। ऐसी कुछ नदियों के नाम लिखो। यह भी पता करो कि वे कौन-कौन से राज्यों में से होकर बहती हैं।

नदी का नाम
राज्यों के नाम
.........................
.........................
.........................
.........................
.........................
.........................

उत्तर

(क) हर स्थान पर खाने की चीज़ों को अलग-अलग तरह से बनाया जाता है। जैसे कई स्थानों पर चावलों को उबाल कर, बिरयानी बनाकर, मीठे चावल बनाकर खाया जाता है, तो कहीं इडली या डोसा बनाकर बनाकर भी खाया जाता है। सेवइयाँ दूध में डालकर, नमकीन बनाकर, मीठी बनाकर  या फलूदा आदि  के रूप में खाई जाती हैं। इसी तरह मिठाइयाँ भी अलग-अलग तरह से बनाई जाती हैं।

(ख) भारत में गंगा आरंभ में उत्तराचंल से होते हुए फिर अनेकों राज्यों से बहती हुई बंगाल के कलकत्ता शहर के पास महासागर में मिल जाती है। यमुना नदी दिल्ली, मथुरा, इलाहबाद, कृष्णा नदी दक्षिण भारत, कावेरी नदी दक्षिण भारत, चेन्नई में समाप्त होती है। नर्मदा नदी नासिक (महाराष्ट्र) में बहती है।

नदी का नाम
राज्यों के नाम
गंगा
हरिद्वार, गाजियाबाद, पटना, बिहार, बंगाल
यमुना 
दिल्ली, उत्तर प्रदेश
नर्मदा
महाराष्ट्र
कावेरी
दक्षिण भारत


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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 4 - ओस (कविता) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  4 - ओस (कविता) हिंदी दूर्वा भाग-III

- सोहनलाल दिवेदी

पृष्ठ संख्या: 24

अभ्यास

1. कविता से

(क) कविता में रतन किसे कहा गया है और वे कहाँ-कहाँ बिखरे हुए हैं?

उत्तर

कविता में ओस को रतन कहा गया है और वे हरी घास, पत्तों और फूलों पर बिखरे हुए हैं।

(ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन क्या करना चाहता है?

उत्तर

ओस कणों को देखकर कवि का मन कर रहा है कि वह अंजलि भर कर इन्हें ले आए और इनको देख-देख कर एक कविता लिखे।

6. उलट-फेर

"हरी घास पर बिखरे दी हैं
ये किसने मोती की लड़ियाँ?"
ऊपर की पंक्तियों को उलट-फेर कर इस तरह भी लिखा जा सकता है–
"हरी घास पर ये मोती की लड़ियाँ किसने बिखेर दी हैं?"
इसी तरह नीचे लिखी पंक्तियों में उलट-फेर कर तुम भी उसे अपने ढंग से लिखो।

(क) "कौन रात में गूँथ गया है
ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ?"

(ख) "नभ के नन्हें तारों में ये
कौन दमकते हैं यों दमदम?"

उत्तर 

(क) रात में कौन ये उज्जवल हीरों की कड़ियाँ गूँथ गया है?
(ख) नभ के नन्हे तारों में ये कौन दमदम दमकते हैं?

पृष्ठ  संख्या: 26

8.  कौन ऐसा

नीचे लिखी चीज़ों जैसी कुछ और चीज़ों के नाम सोचकर लिखो–

(क)
जुगनू जैसे चमकीले
..............................
(ख)
तारों जैसे झिलमिल
..............................
(ग)
हीरों जैसे दमकते
..............................
(घ)
फूलों जैसे सुंदर
..............................

उत्तर
 
(क)
जुगनू जैसे चमकीले
तारे
(ख)
तारों जैसे झिलमिल
रोशनी के छोटे-छोटे बल्ब
(ग)
हीरों जैसे दमकते
ओस की बूँदे
(घ)
फूलों जैसे सुंदर
मुख

पृष्ठ संख्या: 27

10. रूप बदलकर

चमक-चमकना-चमकाना-चमकवाना
'चमक' शब्द के कुछ रूप ऊपर लिखे हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों का रूप बदलकर सही जगह पर भरो–
दमक, सरक, बिखर, बन

(क) ज़रा सा रगड़ते ही हीरे .................... शुरू कर दिया।
(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से .......................... चाहते हो?
(ग) साँप ने धीरे-धीरे .................... शुरू कर दिया।
(घ) लकी को मूर्ख ................ तो बहुत आसान है।
(ङ) तुमने अब खिलौने .................... बंद कर दिए?

उत्तर

(क) ज़रा सा रगड़ते ही हीरे ने दमकनाशुरू कर दिया।
(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से बनवानाचाहते हो?
(ग) साँप ने धीरे-धीरे सरकनाशुरू कर दिया।
(घ) लकी को मूर्ख बनानातो बहुत आसान है।
(ङ) तुमने अब खिलौने बिखेरनेबंद कर दिए हैं।


NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 5 - नाटक में नाटक (कहानी) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  5 - नाटक में नाटक (कहानी) हिंदी भाग- III

- मंगल सक्सेना

पृष्ठ संख्या: 34

1. पाठ से

(क) बच्चों ने मंच की व्यवस्था किस प्रकार की?

उत्तर

मोहल्ले के बच्चों ने मिल-जुलकर फालतु पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में घास व फूल-पौधें लगाए थे। वहीं एक मंच भी बना लिया था।

(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन-ही-मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा क्यों कर रहे थे?

उत्तर

पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन ही मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा कर रहे थे क्योंकि उसने बिगड़े हुए नाटक को सम्भाल लिया था। सभी समझे कि नाटक में नाटक की कठिनाइयाँ बताई गई हैं। सभी दर्शक प्रशंसा करते चले गए।

(ग) नाटक के लिए रिहर्सल की जरूरत क्यों होती है?

उत्तर

नाटक बिना तैयारी के नहीं हो सकता क्योंकि नए कलाकार मंच पर आकर डर जाते हैं। अच्छे-अच्छे कलाकार भी बिना रिहर्सल के घबरा जाते हैं। उन्हें पता नहीं चलता कब, क्या, कहाँ और कैसे बोलना है। रिहर्सल में नाटक की इन्हीं महत्वपूर्ण बातों की चर्चा होती है।

2. नाटक की बात

"जब नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार भी नए हों, मंच पर आकर डर जाते हों, घबरा जाते हों और कुछ-कुछ बुद्धू भी हों, तब तो अधूरी तैयारी से खेलना ही नहीं चाहिए।"

(क) ऊपर के वाक्य में नाटक से जुड़े कई शब्द आए हैं; जैसे–अभिनय, कलाकार और मंच आदि। तुम पूरी कहानी को पढ़कर ऐसे ही और शब्दों की सूची बनाओ।
तुम इस सूची की तालिका इस प्रकार बना सकते हो–

व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम
काम
कलाकार, मंच
अभिनय

उत्तर

व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम
काम
कलाकार, मंच
अभिनय
चित्रकार, ब्रश, पेन्ट
चित्रकारी
संगीतकार, वायलिन
स्वर लहरी
राकेश, कुर्सी
डायरेक्टर
मोहल्ले वाले
दर्शक

पृष्ठ संख्या: 35

5. सोचो,ऐसा क्यों?

नीचे लिखे वाक्य पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो।
"राकेश को गुस्सा भी आ रहा था और रोना भी।"
(क) तुम्हारे विचार से राकेश को गुस्सा और रोना क्यों आ रहा होगा?

उत्तर

राकेश को गुस्सा इसलिए आ रहा था क्योंकि वे लोग ठीक से अभिनय नहीं कर रहे थे और रोना इसलिए आ रहा था क्योंकि उसकी मेहनत बेकार जा रही थी।

"राकेश मंच पर पहुँच गया। सब चुप हो गए, सकपका गए।"
(ख) तुम्हारे विचार से राकेश जब मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार क्यों चुप हो गए होंगे?

उत्तर

राकेश नाटक का हिस्सा नही था इसलिए जब वह मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार चुप हो गए। उन्हें  इसका कारण समझ नही आया।

"दर्शक सब शांत थे, भौंचक्के थे।"
(ग) दर्शक भौंचक्के क्यों हो गए थे?

उत्तर

दर्शकों को लग रहा था कि नाटक खराब हो गया है परन्तु राकेश ने आकर उसे सम्भाल लिया था तो उन्हें लगा कि नाटक में ही नाटक है इसलिए वे शांत और भौंचक्के हो गए थे।

"मैंने कहा था न कि रिहर्सल में भी यह मानकर चलो कि दर्शक सामने ही बैठे हैं।"
(घ) राकेश ने ऐसा क्यों कहा होगा?

उत्तर

राकेश ने अपने कलाकारों को समझाने के लिए ऐसा कहा था परन्तु इस तरह कहा कि ऐसा लगा मानों यह नाटक का ही हिस्सा हो। उसने ऐसा कहकर नाटक को सम्भाल लिया।

7. शब्दों का फेर

"जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?"
इस संवाद को पढ़ो और बाताओ कि–
(क) कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।
(ख) कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से क्या हुआ? तुम भी अगर किसी शब्द के बदले किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर दो तो क्या होगा?

उत्तर

(क) इसके बदले संगीतकार ने अपना संवाद भूलने और राकेश की बात ठीक से न सुनने पर कहा कि जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो सब पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब!
(ख) यदि हम किसी गलत शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो हमें भी उलट कर वही जवाब मिलेगा।

पृष्ठ संख्या: 36

8. तुम्हारा शीर्षक

इस कहानी का शीर्षक 'नाटक में नाटक' है। कहानी में जो नाटक है तुम उसका शीर्षक बताओ।

उत्तर

रिहर्सल  की अनिवार्यता

9. वाक्यों की बात

नीचे दिए गए वाक्यों के अंत में उचित विराम चिह्न लगाओ–
(क) शायर साहब बोले उधर जाकर सुन ले न
(ख) सभी लोग हँसने लगे
(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो
(घ) मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए 

उत्तर

(क) शायर साहब बोले, "उधर जाकर सुन ले न।"
(ख) सभी लोग हँसने लगे।
(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो?
(घ) मोहन बोला, "अरे! क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए।"


NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 6 - सागर यात्रा (यात्रा वृत्तांत) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  6 - सागर यात्रा (यात्रा वृत्तांत) हिंदी दूर्वा भाग- III

- टी. सी. एस. चौधरी

पृष्ठ संख्या: 41

1. पाठ से

(क) सागर यात्रा में नौका को सँभालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की ज़रूरत थी। क्यों?

उत्तर

सागर यात्रा में नौका सम्भालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की आवश्यकता होती है ताकि वह उसका चक्का सम्भाले रखे और द्वीपों तथा ह्वेल मछलियों पर नज़र रखे।

(ख) वे लोग समुद्र की यात्रा कर रहे थे। समुद्र यात्रा में भी उन्हें पानी की समस्या क्यों हुई?

उत्तर

समुद्र का पानी खारा होने के कारण की वजह से ना तो पिने लायक होता है न ही नहाने लायक। खारापन होने की वजह से साबुन भी उसमे बेअसर होता है। इसलिए समुद्र यात्रा में भी उन्हें पानी की समस्या हुई। 

2. खतरे

"हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे।"
समुद्री यात्रा में उन यात्रियों को कौन-कौन से खतरों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था। 

उत्तर

समुद्री यात्रा में सबसे ज़्यादा परेशानी पानी तथा ह्वेल मछलियों की थी। फिर तूफ़ानों, तेज़ हवाओं का खतरा भी रहता है। तूफ़ान में एक बार जहाज़ दूर बहकर चला गया तो उन्हें लगा, उनकी नौका चट्टान से टकराकर टूट जाएगी। उनके सारे रक्षक उपकरण भी खो गए। 15 दिनों के लिए उनका रेडियो सर्म्पक टूट गया। समझा गया कि 'तृष्णा' लापता हो गई है। परन्तु फिर भी वे अपनी राह पहुँचने में सफल हो गए।

पृष्ठ संख्या: 42

6. विशेष जगहों के नाम

'बंदरगाह' समुद्र के किनारे की वह जगह होती है जहाँ पानी के जहाज़, नौकाएँ आदि ठहरते हैं। पता लगाओ इन जगहों पर क्या होता है–
(क) अस्तबल
(ख) हवाई-अड्डा
(ग) पोस्ट-ऑफिस
(घ) अस्पताल
(ङ) न्यायालय
(च) बाज़ार

उत्तर

(क)
अस्तबल
घोड़े रखने की जगह।
(ख)
हवाई-अड्डा
जहाँ हवाई जहाज़ आकर रूकते हैं।
(ग)
पोस्ट-ऑफिस
इस स्थान पर चिट्टियाँ आदि डाले जाते हैं व टिकटें मिलती हैं।
(घ)
अस्पताल
यहाँ रोगियों का इलाज होता है।
(ङ)
न्यायालय
यहाँ कानूनी कार्यवाही होती है, न्याय मिलता है।
(च)
बाज़ार
यहाँ से हम सभी वस्तुएँ खरीदते और बेचते हैं।

पृष्ठ संख्या: 43

13. सही उपसर्ग लगाओ
अ,          सु
ऊपर बॉक्स में दिए गए उपसर्ग लगाकर सार्थक शब्द बनाओ।
(क)
सफल
+
..................
=
..................
(ख)
स्वागत
+
..................
=
..................
(ग)
विश्वास
+
..................
=
..................
(घ)
कन्या
+
..................
=
..................
(ङ)
पुत्र
+
..................
=
..................

उत्तर

(क)
सफल
+
=
असफल
(ख)
स्वागत
+
सु
=
सुस्वागत
(ग)
विश्वास
+
=
अविश्वास
(घ)
कन्या
+
सु
=
सुकन्या
(ङ)
पुत्र
+
सु
=
सुपुत्र

14. सही वाक्य

में,      ने,      को,      का,      के,      लिए,      से,      पर

तालिका में से यही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो।
(क) सीमा ................. फल खाए।
(ख) रोहित ................. पेन नया है।
(ग) माँ-बच्चों ................. मिठाई लाई।
(घ) हमने रस्सी ................. कपड़े सुखाए।
(ङ) मैंने बैग ................. किताबें रखीं।
(च) पौधों ................. गमलों में रखो।
(छ) केरल जम्मू ................. बहुत दूर है।

उत्तर

(क) सीमा नेफल खाए।
(ख) रोहित कापेन नया है।
(ग) माँ-बच्चों के लिएमिठाई लाई।
(घ) हमने रस्सी परकपड़े सुखाए।
(ङ) मैंने बैग मेंकिताबें रखीं।
(च) पौधों कोगमलों में रखो।
(छ) केरल जम्मू सेबहुत दूर है।


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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 7 - उठ किसान ओ (कविता) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  7 - उठ किसान ओ (कविता) हिंदी दूर्वा भाग- III

- त्रिलोचन

पृष्ठ संख्या: 47

1. कविता से

नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो।
(क) " तेरे हरे-भरे सावन के साथी ये आए हैं "
क्या बादल हरे-भरे सावन के साथी हैं अथवा किसान के? या दोनों के।

उत्तर

बादल, सावन और किसान दोनों के साथी हैं। सावन से मौसम अच्छा रहता है। किसान के खेत लहलहाते हैं।

(ख) " तेरे प्राणों में भरने को नया राग लाए हैं "
बादल ऐसा क्या लाए हैं जिससे किसान के प्राणों में नया राग भर जाएगा?

उत्तर

बादल के बरसने से भूमि को जल मिलेगा। इससे किसानों द्वारा लगाए खेतों को पानी मिलता है और उसकी मेहनत खेतों के रूप में लहलहा जाती है, जिसमें उसके प्राण बसे होते हैं। इसलिए कवि ने बादल द्वारा लाए जल से किसान के प्राणों में नया राग भरने की बात कही है।

(ग) " तेरे लिए-अकेले तेरे लिए कहाँ से चलकर आई "
क्या सचमुच पुरवाई केवल किसान के लिए चलकर आई है? वह कहाँ से चलकर आई होगी?

उत्तर

'पुरवाई' सभी के लिए आई है। परन्तु किसान के लिए बहुत महत्व रखती है क्योंकि उसे लहलहाते खेत अच्छे लगते हैं। वह कहाँ से चलकर आ रही है, इसका तो पता नहीं है। परन्तु कहा जाता है, पहाड़ों से हवा चलती है।

2. कविता के आधार पर बताओ कि

(क) जब हरा खेत लहराएगा तो क्या होगा?
► जब हरा खेत लहराएगा तो वह हरी पताका फहराएगा।

(ख) बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए क्यों कहता है?
► बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि बादल उसके साथी हैं। वह उसके खेतों में प्राण डालने आ गए हैं।

(ग) रूप बदल कर बादल किसान के कौन से सपनों को साकार करेगा?
► रूप बदल कर बादल किसान के खेत और उसकी अच्छी उपज के सपनों को साकार करेगा।

3. छिपा है कौन?

"हरा खेत जब लहराएगा
हरी पताका फहराएगा
छिपा हुआ बादल तब उसमें
रूप बदलकर मुसकाएगा"
कविता में हम पाते हैं कि सावन की हरियाली बादलों के कारण ही हुई है इसलिए कवि को उस हरियाली में मुसकराते बादल ही दिखाई देते हैं। बताओ, कवि को इन सब में कौन दिखाई दे सकता है– 

(क) गर्म हवा। लू के थपेड़े।
► भयंकर गर्मी।

(ख) सागर में उठती ऊँची-ऊँची लहरें।
► सागर की सुंदरता

(ग) सुगंध फैलाता हुआ फूल।
► फूलों के गुच्छे जिसमें सुगंध हो।

(घ) चैन की नींद सोती हुई बालिका।
► चिन्ता रहित बालिका।

पृष्ठ संख्या: 48

8. और मुहावरे

वर्षा से जुड़े या वर्षा के बारे में कुछ और मुहावरे खोजो। उनका प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ।

उत्तर

→ का वर्षा जब कृषि सुखाने (फसल के सूख जाने के बाद वर्षा का कोई महत्व नहीं होता है) –उसके खेत गर्मी से सूख गए उसके बाद वर्षा हुई जिसका कोई फायदा नहीं। ठीक ही है का वर्षा जब कृषि सुखाने।
→ जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं (बातें करने वाले काम नहीं करते) –आजकल नेता लोग बड़े-बड़े वादे करते हैं पर करते कुछ नहीं। सही है जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
→ आसमान टूटना (मुसीबत आना) – पिता की मृत्यु के बाद तो जैसे उस पर दुखों का आसमान टूट पड़ा।


NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 8 - सस्ते का चक्कर (एंकाकी) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  8 - सस्ते का चक्कर (एंकाकी) हिंदी

- सूर्यबाला

पृष्ठ संख्या: 57

1. पाठ से

(क) नरेंद्र के सारे पैसे क्यों खत्म हो गए?

उत्तर

नरेंद्र के पैसे चूरन, चुस्की और आइसक्रीम ले लेने में खर्च हो गए।

(ख) अजय ने नरेंद्र को क्या और क्यों समझाया?

उत्तर

अजय ने समझाया कि यह लाली पॉप ठीक नहीं है। लाली पॉप बेचनेवाला या तो इसे चुराकर लाया है या खराब माल कहीं से उठा लाया है। तभी इतने सस्ते में बेच रहा है।

(ग) अजय के अन्य दोस्तों ने नरेंद्र के बारे में क्या कहा और क्यों?

उत्तर

अजय के अन्य दोस्तों ने अजय से कहा कि नरेंद्र के फेर में न पड़े। वह तो ऐसा ही लड़का है क्योंकि अक्सर वह क्लास से बाहर रहता था। उसे बाहर के खाने-पीने की आदत भी थी।

2. क्या होता यदि

(क) अगर नरेंद्र के पास फ़ीस के पैसे न होते?
अगर नरेंद्र के पास पैसे नहीं होते तो वह लाली पॉप वाले के पास नहीं जाता।

(ख) अगर नरेंद्र अजय की यह बात मान लेता कि इस आदमी से लाली पॉप लेना बिल्कुल ठीक नहीं?
► अगर नरेंद्र अजय की बात मान लेता तो वह बदमाश के झांसे आता और उसका अपहरण नहीं होता। 

(ग) अगर अजय तीसरे लड़के की यह बात मान लेता कि "अरे तू घर जा नरेंद्र को जानता नहीं?"
► अगर अजय तीसरे लड़के की बात मान लेता तो नरेंद्र कभी नहीं मिलता क्योंकि बदमाश भाग जाता और पकड़ा भी नहीं जाता।

(घ) अगर नरेंद्र की मुलाकात छुट्टी के बाद अजय से नहीं होती?
► अगर नरेंद्र की मुलाकात छुट्टी के बाद अजय से नहीं होती तो अजय को मालुम नहीं होता कि नरेंद्र लाली पॉप वाले के पीछे गया है।

पृष्ठ संख्या:  58

नीचे तालिका दी गई है। पता करो कि खाने की उन चीज़ों में कौन से पोषक तत्व होते हैं। उसे तालिका में लिखो।

क्रम सं.
खाने की चीज़ों 
पोषक तत्व
(क)
पालक
.................
(ख)
गाजर
.................
(ग)
दूध
.................
(घ)
संतरा
.................
(ङ)
दालें
.................

उत्तर

क्रम सं.
खाने की चीज़ों 
पोषक तत्व
(क)
पालक
आयरन
(ख)
गाजर
आयरन व विटामिन सी
(ग)
दूध
प्रोटीन व विटामिन सी
(घ)
संतरा
विटामिन सी
(ङ)
दालें
प्रोटीन

7. मुहावरे की बात

नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं जिनमें उपयुक्त मुहावरे भरने से ही वह पूरा हो सकता है। उन्हें पूरा करने के लिए मुहावरे भी दिए गए हैं। तुम सही मुहावरे से वाक्य पूरे करो।
आग बबूला होना, सकपकाना, दबे पाँव, शामत आना, पीठ ठोकना
(क) चोर ................ घर में घुस आया।
(ख) देर से आने पर मम्मी ................ गईं।
(ग) सरसराहट की आवाज़ सुनकर अजय ................।
(घ) ऊधम मचाने पर बच्चों की ................।
(ङ) नरेंद्र की जान बचाने पर उसकी मम्मी ने अजय की ................।

उत्तर

(क) चोर दबे पाँव घर में घुस आया।
(ख) देर से आने पर मम्मी आग बबूला हो गईं।
(ग) सरसराहट की आवाज़ सुनकर अजय सकपकाया।
(घ) ऊधम मचाने पर बच्चों की शामत आ गई।
(ङ) नरेंद्र की जान बचाने पर उसकी मम्मी ने अजय की पीठ ठोकी।


NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 9 - एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  9 - एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण) हिंदी दूर्वा भाग- III 

- केशवदत्त

पृष्ठ संख्या: 62

1. पाठ से

(क) लेखक बैडमिंटन चैंपियन था। उसे हॉकी खेलने की प्रेरणा किससे और कैसे मिली?

उत्तर

लेखक बैडमिंटन के चैंपियन थे परन्तु एक दिन उन्होंने स्कूल ग्राउंड में ध्यानचंद को हॉकी खेलते देखा और उनसे प्रेरित होकर हॉकी खेलने लगे।

(ख) इंग्लैंड से मैच जीतने के बाद सबकी आँखों में आँसू क्यों थे?

उत्तर

उस समय भारत  को आजाद हुए कुछ ही दिन हुए थे, इंग्लैंड पर जीत सिर्फ खेल में ही जीत नही थी बल्कि पूर्व गुलाम की अपने क्रूर शासक के ऊपर जीत थी। जिन्होंने हम पर कई वर्षों तक शासन किया उसे उसी के घर में जाकर हराना मानसिक तौर पर गर्व का काम था इसलिए सबकी आँखों में आँसू थे।

(ग) 'खिलाड़ियों में जज़्बा ज़रूरी है।' लेखक ने किस जज़्बे की बात की है? यह जज़्बा क्यों ज़रूरी है?

उत्तर

खिलाड़ियों में खेलने की भावना प्रबल होनी आवश्यक है क्योंकि बिना प्रबल इच्छा के वह खेल नहीं पाएगा और खेल का स्तर गिर जाएगा।

2. याद रखना

"60 साल की बात करने से पहले मैं कुछ साल और पीछे जाना चाहता हूँ। लाहौर को याद करना चाहता हूँ।"
ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि– 
(क) लेखक 60 साल की बात करने के लिए क्या चाहता है?
(ख) तुम्हें अगर अपने तीन साल के हिंदी सीखने की बात को कहने को कहा जाए तो उसके लिए क्या-क्या करोगे?
(ग) क्या पिछली किसी बात को याद करने कि लिए बार-बार रटना ज़रूरी होता है या सोच-समझ के साथ उस पर चर्चा, विचार और उसका आवश्यकतानुसार व्यवहार करना ज़रूरी होता है? तुम्हें जो भी उचित लगे उसे कारण सहित बताओ।

उत्तर

(क) लेखक 60 साल की बात करने के लिए कुछ साल पीछे जाना चाहता है।

(ख) हम भी तीन साल पहले की हिन्दी को याद करेंगे। हिंदी सीखने के लिए सबसे पहले हमें हिंदी भाषा के वर्णों को लिखना सिखाया गया। फिर हमने इसे याद कर लिया। इसके बाद हमने हिंदी की मात्राएँ सीखीं। इसे सीखने के बाद हमें हिंदी पढ़ना व बोलना आ गया।

(ग) पिछली किसी बात को रटा तो नहीं जाता परन्तु यदि उसके संदर्भ में की गई बात कहनी होती है तो उसे याद ज़रूर किया जाता है क्योंकि उसकी याद किए बिना हम उसे पूरी तरह नहीं बता सकते। किसी विषय पर सोच-विचार करने से उस विषय को हम हमेशा के लिए याद कर सकते हैं। इसके बाद हम उसे नहीं भूलते।

पृष्ठ संख्या: 63

5. खेल-कूद

नीचे कुछ खेलों के नाम दिए गए हैं। इन्हें खेलने के लिए किन-किन चीज़ों की ज़रूरत होती है, उसकी सूची बनाओ।

(क)
हॉकी
........................
(ख)
क्रिकेट
........................
(ग)
लॉन टेनिस
........................
(घ)
तैराकी
........................
(ङ)
तीरंदाज़ी
........................
(च)
कबड्डी
........................

उत्तर

(क)
हॉकी
हॉकी स्टिक, बॉल, 9 खिलाड़ी, मैदान
(ख)
क्रिकेट
बैट, बॉल, 3 स्टिक और उनपर रखी गिल्ली, मैदान, खिलाड़ी
(ग)
लॉन टेनिस
नेट, टेनिस रैकेट, बॉल (किरमिच), टेनिस प्ले ग्रांऊड
(घ)
तैराकी
स्वीमिंग ड्रेस, स्वीमिंग पुल
(ङ)
तीरंदाज़ी
धनुष, तीर (आजकल आधुनिक बन गए हैं), टारगेट
(च)
कबड्डी
खिलाड़ी, मैदान

पृष्ठ संख्या: 64

6. पता लगाओ

(क) क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी के मैदान में क्या अंतर होता है?
► क्रिकेट में पूरा मैदान घेरा जाता है। बीच में पिच होती है। हॉकी में नाप कर मैदान घेरा जाता है। दोनों ओर गोल कीपर होते हैं। फुटबॉल में छोटा ही मैदान होता है। बीच में नेट होता है। दोनों ओर नाप कर रेखाएँ खींच दी जाती है।

(ख) क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी में कितने-कितने खिलाड़ी होते हैं?
► क्रिकेट में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिसमें से 11 खेलते हैं। फुटबॉल में 11 खिलाड़ी होते हैं। हॉकी में 9 खिलाड़ी होते हैं।

(ग) हॉकी से जुड़े शब्दों की सूची बनाओ।
► स्टिक, डी, गोलकीपर, पेलन्टी कार्नर, पुश, स्कूप।

9. जगह-जगह के खेल

कुछ खेल कुछ खास जगहों में ही खेले जा सकते हैं और कुछ खेल प्रचलन के कारण कुछ खास लोगों द्वारा ही खास स्थानों पर खेले जाते हैं। बताओ कि–

(क) कौन-से खेल अंदर खेले जाते हैं?
► कैरम, टेबिल टेनिस, बैडमिंटन, शतंरज आदि।

(ख) कौन-से खेल बाहर खेले जाते हैं?
► क्रिकेट, हॉकी, लान टेनिस, फुटबॉल, बास्केट बॉल, कबड्डी, दौड़ आदि।

(ग) कौन-से खेल अकेले खेले जाते हैं?
► तैराकी, भार उठाना, मलखम्म, कम्प्यूटर गेम आदि।



NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 10 - बस की सैर (कहानी) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  10 - बस की सैर (कहानी) हिंदी दूर्वा भाग- III

- वल्ली कानन

पृष्ठ संख्या: 72

1. पाठ से

(क) शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने बस की खिड़की से बाहर क्या-क्या देखा?
"अब तो उसकी खिड़की से बाहर देखने की इच्छा भी खत्म हो गई थी।"

उत्तर

शहर की ओर जाते समय वल्ली ने नहर, उसके पार ताड़ के वृक्ष, घास के मैदान, सुदंर पहाड़ियाँ, नीला आकाश और गहरी खाई देखी। उसने बस की खिड़की से दूर-दूर फैले खेत, हरियाली ही हरियाली देखी।

(ख) वापसी में वल्ली ने खिड़की के बाहर देखना बंद क्यों कर दिया?

उत्तर

वापसी में वल्ली ने एक मरी बछिया देखी जिससे वह बहुत उदास हो गयी। सारा समय उसका ध्यान उसी पर लगा रहा इसलिए उसने खिड़की के बाहर देखना बंद कर दिया। 

(ग) वल्ली ने बस के टिकट के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया?

उत्तर

वल्ली ने छोटी-छोटी रेजगारी इकट्टी की। अपनी मीठी गोलियाँ, गुब्बारे, खिलौने लेने की इच्छा को दबाया, यहाँ तक कि पैसे इकट्ठे करने के लिए वह गोल घूमने वाले झूले पर भी नहीं बैठी।

2. क्या होता अगर

(क) वल्ली की माँ जाग जाती और वल्ली को घर पर न पाती?
► यदि वल्ली की माँ जाग जाती और वल्ली को घर पर न पाती तो परेशान हो जाती और उसे गाँव में ढूँढ़ने लगती।

(ख) वल्ली शहर देखने के लिए बस से उतर जाती और बस वापिस चली जाती?
► यदि वल्ली शहरे देखने के लिए बस से उतर जाती और बस चली जाती तो वह छोटी बच्ची शहर में खो भी सकती थी।

NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 11 - हिन्दी ने जिनकी जिंदगी बदल दी (भेंटवार्त्ता)

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  11 - हिन्दी ने जिनकी जिंदगी बदल दी (भेंटवार्त्ता) दूर्वा भाग-III

- जय प्रकश पाण्डेय

पृष्ठ संख्या: 78

अभ्यास

1. पाठ से

(क) मारिया को किस कार्य के लिए सम्मानित किया गया?

उत्तर

मारिया ने कई किताबों का हिंदी से हंगेरियन तथा हंगेरियन से हिंदी में अनुवाद किया। इसके अलावा उन्होंने हिंदी भाषा पर गहन अध्यन कर इस वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का काम किया इसलिए मारिया को सम्मानित किया गया। 

(ख) मारिया ने अनेक भाषाओं का अध्ययन क्यों किया?

उत्तर

मारिया ने इंसानी जीवन के शुरूआती दौर को जानने के लिए अनेक भाषाओं का अध्ययन  किया।

(ग) मारिया बुडापेस्ट में कौन-सी भारतीय पोशाक पहनना पसंद करती हैं और क्यों?

उत्तर

मारिया बुडापेस्ट में भारतीय पोशाक पहनती हैं। वे सलवार सूट ठंड की वजह से पहनती हैं।

पृष्ठ संख्या: 81

9. दो-दो समान अर्थ

नीचे एक शब्द के दो समान अर्थ दिए गए हैं। जैसे–
नमूना–धरती –पृथ्वी, धरा
अब तुम भी इन शब्दों के दो-दो समान अर्थ लिखो

(क)
दोस्त
-
………….
………….
(ख)
माँ
-
………….
………….
(ग)
पानी
-
………….
………….
(घ)
नारी
-
………….
………….

उत्तर

(क)
दोस्त
-
मित्र, सखा, सहचर, मीत
(ख)
माँ
-
माता, जननी, अंबा, अंबिका
(ग)
पानी
-
जल, नीर, पय, वारि, तोय, सलिल
(घ)
नारी
-
महिला, स्त्री, वनिता, कामिनी, औरत

11. नीचे दिए गए वाक्यों को सही शब्दों से पूरा करो -

(क) रमा ने कमरे में फूल ................ दिए (सज़ा/सजा)
(ख) माँ दही .................. भूल गई। (ज़मान/जमाना)
(ग) घोड़ा ............... दौड़ता है। (तेज़/तेज)
(घ) शीला ने मुझे एक .............. की बात बताई। (राज/राज़)
(ङ) उदित सितार बजाने के ................ में माहिर है। (फ़न/फन)
(च) कप में ............... सी चाय बची थी। (जरा/ज़रा)

उत्तर

(क) रमा ने कमरे में फूल सजादिए। (सज़ा/सजा)
(ख) माँ दही जमानाभूल गई। (ज़मान/जमाना)
(ग) घोड़ा तेज़दौड़ता है। (तेज़/तेज)
(घ) शीला ने मुझे एक राज़की बात बताई। (राज/राज़)
(ङ) उदित सितार बजाने के फ़नमें माहिर है। (फ़न/फन)
(च) कप में ज़रासी चाय बची थी। (जरा/ज़रा)


NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 12 - आषाढ़ का पहला दिन (कविता) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  12 - आषाढ़ का पहला दिन (कविता) हिंदी दूर्वा भाग- III

- भवानी प्रसाद मिश्र

पृष्ठ संख्या: 83

अभ्यास

1. पाठ से

(क) किसान को बादलों का इंतज़ार क्यों रहता है?

उत्तर

किसान को बादलों का इंतज़ार इसलिए रहता है क्योंकि वो पानी बरसाता है जिससे उसके खेत सींच जाते हैं।

(ख) कवि को वर्षा होने पर किसान की याद क्यों आती है?

उत्तर

कवि को वर्षा के समय किसान की याद इसलिए आती है क्योंकि किसान की खेती से ही हम सबका पेट भरता है।

(ग) कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से क्यों की है?

उत्तर 

कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से की है क्योंकि जैसे चातक पक्षी स्वाति नक्षत्र की बूंद ही पीता है अन्यथा प्यासा रह जाता है, उसी प्रकार किसान अपनी धरती की प्यास बुझाने के लिए वर्षा की प्रतिक्षा करता है।


पृष्ठ संख्या: 84

4. सोचो, समझो और बताओ

क्या होगा–

(क) अगर वर्षा बिलकुल ही न हो।
► अगर वर्षा बिल्कुल न हो तो सूखा पड़ जाएगा। नदी-नाले सब सूख जाएँगे। धरती का तल सूखने से चटक जाएगा। खेती नहीं होगी जिससे खाने को अनाज नहीं मिलेगा।

(ख) अगर वर्षा बहुत अधिक हो।
► अगर वर्षा बहुत अधिक होगी तो बाढ़ आ जाएगी। सब कुछ पानी में बह जाएगा। जान और माल दोनों की हानि होगी। 

(ग) अगर वर्षा बहुत ही कम हो।
► अगर वर्षा बहुत कम होगी तो गर्मी व उमस रहेगी। पर्यावरण ठीक नहीं होगा। बहुत अच्छा अनाज नहीं होगा। कहीं-कहीं पानी की बहुत कभी भी हो सकती है।

(घ) वर्षा हो मगर आँधी-तूफ़ान के साथ हो।
► वर्षा अगर आँधी तूफान के साथ होगी तो बहुत नुकसान होने की आशंका रहेगी। पेड़, मकान आदि टूट सकते हैं और जान-माल दोनों की हानि होगी।

7. नमूने के अनुसार

नीचे शब्दों के बदलते रूप को दर्शाने वाला नमूना दिया गया है। उसे देखो और अपनी सुविधानुसार तुम भी दिए गए शब्दों को बदलो।

नमूना –गिरना –गिराना –गिरवाना

उठना
..................
..................
पढ़ना
..................
..................
करना
..................
..................
फहरना
..................
..................
सुनना
..................
..................

उत्तर

उठना
उठाना
उठवाना
पढ़ना
पढ़ाना
पढ़वाना
करना
कराना
करवाना
फहरना
फहराना
फहरवाना
सुनना
सुनाना
सुनवाना


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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 13 - अन्याय के खिलाफ (कहानी) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  13 - अन्याय के खिलाफ (कहानी) हिंदी दूर्वा भाग- III

पृष्ठ संख्या: 90

अभ्यास

1. पाठ से

(क) आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के बीच अपना हक जमाने के लिए अंग्रेज़ों ने क्या किया?

उत्तर

आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों पर अंग्रेज़ों ने हुक्म जमाने के लिए उनके राशन-पानी ले जाने वाले रास्ते की नाकेबंदी कर दी जिससे भूखे मरने की नौबत आ गयी। इस कारण कोया आदिवासियों को अंग्रेज़ों के सामने झुकना पड़ा।

(ख) श्री राम राजू कौन था? उसने अंग्रेज़ों के सामने आत्मसमर्पण क्यों किया?

उत्तर

श्रीराम राजू हाई स्कूल पास कर 18 वर्ष की उम्र में साधू बन गए थे। उन्होंने कोया आदिवासियों को अत्याचार की खिलाफ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी जिस कारण वे लोग उन्हें अपना नेता मानने लगे थे।
जब अंग्रेज़ों ने कोया आदिवासियों का राशन रोक दिया तो उनपर कहर टूट पड़ा, श्रीराम राजू ने अपने लोगों की तकलीफों का अंत करने के लिए आत्मसमर्पण किया। 

(ग) अंग्रेज़ों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी क्या-क्या करते थे?

उत्तर

अंग्रेज़ों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी संकरी पगडंडियों के आसपास जंगलों में छिपे रहते थे। उन पगडंडियों  से जब अंग्रेज़ी सेना गुजरती थी, तो वह उनमें से भारतीयों सेना के लोगों को जाने देते थे और जैसे ही अंग्रेज़ी सारजेन्ट या कैप्टन आ रहा होता था, तो उसे मार देते थे। पुलिस चौकियों या सेना पर हमला कर देते थे और अस्त्र-शस्त्र लूट कर भाग जाते थे।

(घ) कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहना चाहिए?

उत्तर

पराधीनता के विरुद्ध जब लड़ाई होती है तो उसे स्वाधीनता संग्राम कहा जाता है। यहाँ भी अंग्रेज़ों ने आदिवासियों को जबरदस्ती बिना मजदूरी के सड़क बनाने को कहा, यह अत्याचार था इसलिए इसे स्वतंत्रता संग्राम भी कह सकते हैं।

4. क्या ठीक होगा?

(i)"दो दिन में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सब लोगों को इस काम पर पहुँचना है। अगर नहीं पहुँचे तो ठीक नहीं होगा।"
(ii)"काम करेंगे तो बदले में क्या मिलेगा।"
ऊपर के कथनों में पहला कथन तहसीलदार बेस्टीयन का है जो आदिवासियों के गाँवों मे जाकर चिल्ला-चिल्लाकर बोला था और दूसरा कथन आदिवासियों में से किसी का है जो तहसीलदार से पूछना चाहा था। अब तुम सोचकर बताओ कि– 
(क) तुम्हारे विचार से बेस्टियन का कथन ठीक होगा?
(ख) आदिवासियों में से किसी के द्वारा कहा गया वह कथन कैसा है? तुम्हारे विचार से क्या ठीक होगा?
(संकेत :-तुम अपनी पसंद के कथन को अपने ढंग से लिख सकते हो)

उत्तर 

(क) नहीं, मेरे विचार से बेस्टियन का कथन अनुचित था। यह एक प्रकार से लोगों पर अत्याचार था।

(ख) आदिवासियों में से किसी के द्वारा कहा गया यह कथन बिल्कुल सही था। काम के बदल मेहनताना मिलना ज़रूरी होता है। चूँकि कोई भी व्यक्ति तभी मेहनत करेगा जब उसका पेट भरा रहे।

पृष्ठ संख्या: 91

6. तुम्हारे विचार से

(क) राजू हाई स्कूल तक पढ़ाई करने के बाद जंगलों मे रहने क्यों आया होगा?
► उसका मन संसार में फैले भ्रष्टाचार से दुखी हो गया होगा इसलिए वह साधू बन गया होगा। वह समाज से दूर हो गया होगा। साथ ही अंग्रेज़ों के प्रति उसके मन में विद्रोह था। वह जंगल में आ गया।

(ख) राजू के शहीद होने का आदिवासियों के आंदोलन पर क्या असर हुआ होगा?
► राजू के शहीद होने पर आदिवासियों का आन्दोलन टूट गया। वे हिम्मत हार कर अंग्रेज़ों की गुलामी करने लगे।

8. मुहावरे

नीचे लिखे वाक्यों में मुहावरों का प्रयोग किया गया है। इन्हीं मुहावरों का प्रयोग करते हुए तुम कुछ नए वाक्य बनाओ।

(क) एक सिपाही ने उसका काम तमाम कर दिया।
(ख) आदिवासियों की हिम्मत जवाब देने लगी।
(ग) अंग्रेज़ों ने अपने दांतों तले उँगली दबा ली।
(घ) किसी को कानो-कान खबर न हो।
(ङ) अंग्रेज़ सरकार के छक्के छूट गए।
(च) अंग्रेज़ों के होश उड़ गए।
(छ) भारतीय सैनिकों का बाल बाँका न होने पाए।

उत्तर 

(क) युद्ध में अनेकों गद्दारों का काम तमाम हो गया।
(ख) माँ की मृत्यु के बाद वह समाज से लड़ती रही परन्तु फिर उसकी हिम्मत जवाब देने लगी।
(ग) इतनी सुन्दर कढ़ाई देखकर सबने दाँतों तले उँगली दबा ली।
(घ) राम ने इतनी सफ़ाई से घर खाली कर दिया कि किसी को कानों-कान खबर न हुई।
(ङ) चोर की इतनी मार पीट हुई कि उसके छक्के छूट गए।
(च) जैसे ही मोहन ने सेठ जी को पैसे लेने आते देखा तो उसके होश उड़ गए।
(छ) देखो ज़रा सम्भाल कर काम करना काँच की चीज़ों का बाल भी बाँका न हो।

पृष्ठ संख्या: 92

10. वचन बदलो

(क) सिपाही ने राजू पर गोली चलाई।
सिपाहियों ने ............................................
(ख) उगी हुई फसल को जलाया जाने लगा।
.............................................................
(ग) आदिवासी की हिम्मत जवाब दे गई।
.............................................................
(घ) आगे से यह सवाल मत पूछना।
.............................................................

उत्तर 

(क) सिपाहियों ने राजू पर गोलियाँ चलाई।
(ख) उगी हुई फसलों को जलाया जाने लगा।
(ग) आदिवासियों की हिम्मत जवाब दे गई।
(घ) आगे से इन सवालों को मत पूछना।

11. समझकर रूप बदलो

भाववाचक संज्ञा से विशेषण बनाओ।

घमंडघमंडी
हिम्मत .....................
साहस.....................
स्वार्थ.....................
अत्याचार.....................
विद्रोह.....................

उत्तर

घमंडघमंडी
हिम्मत हिम्मती
साहससाहसी
स्वार्थस्वार्थी
अत्याचारअत्याचारी
विद्रोहविद्रोही


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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 14 - बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै (व्यक्तित) हिंदी

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NCERT Solutions for Class 8th: पाठ  14 - बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै (व्यक्तित) हिंदी दूर्वा भाग- III

- आशा रानी व्होरा

पृष्ठ संख्या: 98

अभ्यास

1. पाठ से

(क) गुड़ियों का संग्रह करने में केशव शंकर पिल्लै को कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

उत्तर

गुड़ियों के संग्रह में केशव शंकर पिल्लै को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक तो गुड़ियाँ मंहगी थीं। उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में उसके खराब होने का डर था और फिर संग्रह करने के लिए जगह जहाँ उन्हें सुरक्षित रखा जा सके उसे ढूँढ़ना भी मुश्किल हो रहा था।

(ख) वे बाल चित्रकला प्रतियोगता क्यों करना चाहते थे?

उत्तर

बाल चित्रकला प्रतियोगता करवाकर वे उनकी भलाई करना चाहते थे। इसके द्वारा बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के  विश्वव्यापी मंच मिलता था तथा देश-विदेश के बच्चों को एक-दूसरे से मिलने का मौका मिलता था। 

(ग) केशव शंकर पिल्लै ने बच्चों के लिए विश्वभर की चुनी हुई गुड़ियों का संग्रह क्यों किया?

उत्तर

केशव शंकर पिल्लै ने गुड़ियों का संग्रह भारतीय बच्चों के लिए किया ताकि जो बच्चे विदेशी गुड़ियाँ नहीं देख या खरीद सकते, वे उन्हें यहाँ देख लें। इसके साथ ही देश विदेश की जानकारी उन्हें मिल सके।

(घ) केशव शंकर पिल्लै हर वर्ष छुट्टियों में कैंप लगाकर सारे भारत के बच्चों को एक जगह मिलने का अवसर देकर क्या करना चाहते थे?

उत्तर

अपने कैंप के माध्यम से वह पुरे देश के बच्चों को एक जगह मिलने का मौका देना चाहते थे ताकि वे एक-दूसरे को जान सके चूँकि उस समय टी.वी या इंटरनेट नही था। 


पृष्ठ संख्या: 100

5. लड़ाई भी खेल जैसी 

"अनेक देशों के बच्चों की यह फ़ौज अलग-अलग भाषा, वेशभूषा में होकर भी एक जैसी ही है। कई देशों के बच्चों को इकट्ठा कर दो, वे खेलेंगे या लड़ेंगे और यह लड़ाई भी खेल जैसी ही होगी। वे रंग, भाषा या जाति पर कभी नहीं लड़ेंगे।"
ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि– 
(क) यह कब, किसने, किसमें और क्यों लिखा?
(ख) क्या लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है? अगर हो तो कैसे और उस खेल में तुम्हारे विचार से क्या-क्या हो सकता है?

उत्तर

(क) यह 1950 के 'शंकर्स वीकली' के बाल विशेषांक में श्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखा था। शंकर पिल्लै का विचार था कि बच्चों के हित के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता रखी जाए जिससे देश विदेश के बच्चे आपस में मिले। यह विचार नेहरू जी को पसंद आया तभी उन्होंने ऐसा लिखा।

(ख) लड़ाई भी खेल हो सकती है, जिसे हम प्रतियोगिता का नाम देते हैं। इसमें कोई भी प्रतियोगिता हो सकती है। इस प्रकार के खेल या प्रतियोगिता में एक दूसरे से बेहतरीन प्रदर्शन करना ही मुख्य होता है।


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