Quantcast
Channel: Study Rankers
Viewing all articles
Browse latest Browse all 6119

साँवले सपनों की याद - पठन सामग्री और सार NCERT Class 9th Hindi

$
0
0

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - साँवले सपनों की याद क्षितिज भाग - 1

पाठ का सार

इस पाठ में लेखक हुसैन जी ने पक्षी प्रेमी सालिम अली का स्मरण करते हुए उनका व्यक्तित्व परिचय दिया है। लेखक ने बताया वो ठीक एक सैलानी के तरह अपने कंधो पर बोझ उठाये पलायन कर गए परन्तु यह उनका आखिरी पलायन था यानी वो मृत्यु को प्राप्त हुए। वो प्रकृति में ठीक उस पक्षी की तरह विलीन हो गए जो आखिरी गीत गाने के बाद मौत की गोद में जा बसा हो। सालिम का मानना था की लोग पक्षियों को आदमी की नजर से देखना चाहते हैं।

लेखक ने वृन्दावन का जिक्र करते हुए कहा है की भले ही कृष्ण के बचपन की शरारतों को किसी ने नही देखा, कब उन्होंने घने पेड़ की छाहों में विश्राम किया और कब उन्होंने बांसुरी बजाई यह कोई नही जानता पर आज भी अगर कोई वृन्दावन जाकर नदी के सांवले पानी को देखे तो वह कृष्ण की याद दिला देता है। आज भी वृन्दावन कृष्ण की बांसुरी के जादू से खाली नही हुआ।

उसी तरह सालिम अली को भी पक्षी प्रेमी के रूप में हरदम याद किया जाएगा। पूर्व समय की याद करते हुए लेखक ने बताया है की वे उम्र की सौवें पड़ाव के करीब थे, यात्राओं की थकान ने उन्हें कमजोर कर दिया था और कैंसर जैसी जानलेवा मृत्यु उनके मौत का कारण बनी। परन्तु एक बात स्पष्ट थी की वे सब मिलकर उनकी आँखों से वह रोशनी छीनने में सफल नही हो पायीं जो पक्षियों की तलाश और उनके हिफाजत के प्रति समर्पित थीं। अपने जीवन के एकांत क्षणों में भी वह दूरबीन के साथ पक्षियों को निहारते ही देखे गए। वे उनलोगों में से थे जो प्रकृति के प्रभाव में ना जाकर प्रकृति को अपने प्रभाव में लाता है। उन्होंने अपना जीवनसाथी अपने स्कूल सहपाठी तहमीना को चुना, जिन्होने हर लम्हे में उनका सहयोग दिया।

सालिम जी अनेकों अनुभवों के मालिक थे। एक दिन वे केरल की 'साइलेंट वैली' को रेगिस्तानी हवाओं के झोंको से बचाने का अनुरोध लेकर पूर्व प्रधानमन्त्री चौधरी चरण सिंह से मिले थे जो की मिटटी पर पड़ी पानी की पहली बून्द का असर जाननें वाले नेता थे परन्तु पर्यावरण के संभावित खतरों के बारे में जब सालिम ने उन्हें अवगत कराया तब उनकी भी आँखे नम हो गयी। सालिम ने अपनी आत्मकथा का नाम 'फॉल ऑफ़ स्पैरो' रखा। जिसमे उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए लेखक को डी.एच. लॉरेंस के बारे में लिखा है की उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी से कहा गया की वे अपने पति पर कुछ लिखें तब उन्होंने कहा की उनके बारे में मेरे से ज्यादा मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया जानती है। मुमकिन है लॉरेंस सालिम का अटूट हिस्सा हों।

वे सदा जटिल प्राणियों के लिए एक पहली रहेंगे बचपन में उनके एयरगन की शिकार एक गोरैया ने उन्हें पक्षी प्रेमी बनाकर जो राह राह दिखाई वे उन्हें नए-नए रास्तों की ओर ले जाती रही। वे एक भ्रमणशील व्यक्ति थे जो की प्रकृति के दुनिया में एक टापू के बजाए अथाह सागर बनकर उभरे।

लेखक परिचय

जाबिर हुसैन

इनका जन्म सन 1945 में गाँव नौनहीं, राजगीर, जिला नालंदा, बिहार में हुआ। वे अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक रहे। इन्होने सक्रिय राजनीति में भी भाग लिया और विधानसभा के सदस्य, मंत्री और सभापति भी रहे। ये हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू तीनों भाषाओं में समान अधिकार के साथ लेखन करते रहे हैं।

प्रमुख कार्य

हिंदी में - जो आगे हैं, डोला बीबी का मज़ार, अतीत का चेहरा, लोगां और एक नदी रेत भरी।

कठिन शब्दों के अर्थ

• गढ़ना - बनाना
• हुजूम - भीड़
• वादी - घाटी
• सोंधी - सुगन्धित
• पलायन - दूसरी जगह चले जाना
• हरारत - गर्मी
• आबशार - झरना
• मिथक - प्राचीन पुराकथाओं का तत्व, जो नविन स्थितियों मे  नए अर्थ का वहन करता हो।
• शोख - चंचल
• शती - सौ वर्ष का समय
• नैसर्गिक - स्वाभाविक

View NCERT Solutions of साँवले सपनों की याद

Viewing all articles
Browse latest Browse all 6119

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>