NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 2 - दो गौरेया (कहानी) हिंदी दूर्वा भाग- III
- भीष्म साहनी
पृष्ठ संख्या: 11अभ्यास
1. पाठ से
(क) दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?
उत्तर
माँ नही चाहतीं थीं कि गौरैयों का घर उजड़ इसलिए वह पिताजी की मदद नही कर रही थीं। पिताजी कभी ताली बजाकर, कभी बाहें झुलाकर, कभी श-शू करके गौरैयों को उड़ा रहे थे जिससे गौरैया घोंसले से सिर निकाल कर झाँकती चीं-चीं करती फिर घोसले में चली जाती। यह देखकर माँ हँसने जा रही थीं।
(ख) देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?
उत्तर
माँ इस बात से चिंतित थीं कि की कहीं चिड़ियों ने अंडे दियें होंगें तो उनके बच्चों का क्या होगा। कोई भी माँ यहीं नही चाहेगी की बच्चों को तकलीफ हो इसलिए माँ ने पिताजी को चिड़ियों को निकालने से मना किया।
(ग) "किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए," पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
उत्तर
चिड़िया के बार-बार आने व तिनके बिखेरने से पिताजी परेशान थे इसलिए तंग आकर उन्होंने ऐसा कहा। परन्तु माँ को यह बात अच्छी नहीं लगी क्योंकि किसी को निकालने के लिए उसका घर तोड़ देना ठीक नहीं। उसमें उसके अंडे या बच्चे भी होंगे जो मर जाएँगे। पिताजी की बात से हम भी सहमत नहीं हैं क्योंकि वे भी प्रकृति का एक अहम हिस्सा हैं। आज हमारे कारण ही उन्हें घरों में घोंसले बनाने पड़ रहे हैं।
(घ) कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे ?
उत्तर
जब पिताजी घोंसला तोड़ रहे थे, तो उसमें से चीं-चीं की आवाज़ आई। अंड़ों में से बच्चे निकल आए थे, तभी पिताजी ने घोंसला वापस रख दिया क्योंकि उनको बच्चों पर दया आ गई। अब चिड़िया दाने लाकर अपने बच्चों को खिला रही थी। यह देखकर पिताजी मुस्कुरा रहे थे क्योंकि अब उन्हें पता चल गया था कि बच्चे होने के बाद थोड़े दिन में वे बच्चों को लेकर अपने आप ही उड़ जाएँगी।
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2. पशु-पक्षी और हम
इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो–
(क) | पक्षी | – | घर का पता लिखवाकर लाए हैं। |
(ख) | बूढ़ा चूहा | – | |
(ग) | बिल्ली | – | |
(घ) | चमगादड़ | – | |
(ङ) | चींटियाँ | – |
उत्तर
(क) | पक्षी | – | घर का पता लिखवाकर लाए हैं। |
(ख) | बूढ़ा चूहा | – | अंगीठी के पीछे बैठता है शायद सर्दी लग रही है। |
(ग) | बिल्ली | – | फिर आऊँगी कह कर चली जाती है। |
(घ) | चमगादड़ | – | पंख फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं। |
(ङ) | चींटियाँ | – | इनकी फौज़ ही छावनी डाले हुए है। |
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7. किससे-क्यों-कैसे
"पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ?" ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि–
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही?
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही?
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?
उत्तर
(क) पिताजी ने यह बात माँ से कही।
(ख) उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि गौरैया घोसला बनाने के लिए जो तिनके लाती थी वे कालीन पर गिरते थे। इससे कालीन गंदा होता था।
(ग) गौरैयों के आने से कालीन पर तिनके गिरते, गौरैया की बीट भी गिर सकती थी। इस तरह की गन्दगी गिरने से कालीन खराब हो जाता।
8. सराय
"पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।" ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि–
"पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।" ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि–
(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
उत्तर
(ख) पिताजी को अपना घर सराय इसलिए लगा क्योंकि वहाँ पर कोई भी आ जाता था; जैसे– चिड़िया, कबूतर, चमगादड़, बिल्ली, चूहा, चींटियाँ आदि।
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11. माँ की बात
नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो।
"अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं।"
"एक दरवाज़ा खुला छोड़ो, बाकी दरवाज़े बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।"
"देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।"
अब बताओ कि–
(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
(ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?
उत्तर
(क) माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना नहीं चाहती थीं।
(ख) माँ को लग रहा था कि चिड़ियों ने घोंसले में अंडे दे दिए होंगे और वे अंडे छोड़कर चिड़िया नहीं जाएगीं।
13. शब्द की समझ
चुक –चूक
(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।
(ख) उनका निशाना चूक गया।
अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ।
1. सुख –सूख
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
2. धुल –धूल
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
3. सुना –सूना
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
उत्तर
1. सुख –सूख
(क) अब उसके सुख के दिन आए हैं।
(ख) उसका पूरा खेत सूख गया। खाने के भी लाले पड़ गए हैं।
2. धुल –धूल
(क) इस कपड़े पर चढ़ा मैल धुल गया।
(ख) आज तो बहुत धूल उड़ रही है।
3. सुना –सूना
(क) मैंने आज बड़ी अच्छी कहानी सुनी।
(ख) यहाँ तो बड़ा सूना-सूना लग रहा है।