NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 3- दोहे स्पर्श भाग-2 हिंदी
बिहारी
पृष्ठ संख्या: 16
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
1. छाया भी कब छाया ढूंढने लगती है?
उत्तर
जेठ के महीने की दोपहर की प्रचंड गर्मी में छाया भी छाया ढूंढने लगती है। धूप इतनी तेज होती है की सर पर आने लगती जिससे छाया छोटी होती जाती है।
2. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है 'कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात' - स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
बिहारी की नायिका अपने प्रिय को संदेश देना चाहती है पर कागज पर लिखते समय कँपकपी और आँसू आ जाते हैं। किसी के साथ संदेश भेजेगी तो कहते लज्जा आएगी। इसलिए वह सोचती है कि जो विरह अवस्था उसकी है, वही उसके प्रिय की भी होगी। अत: वह कहती है कि अपने हृदय की वेदना से मेरी वेदना को समझ जाएँगे।
3. सच्चे मन में राम बसते हैं−दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
उत्तर
बिहारी की नायिका अपने प्रिय को संदेश देना चाहती है पर कागज पर लिखते समय कँपकपी और आँसू आ जाते हैं। किसी के साथ संदेश भेजेगी तो कहते लज्जा आएगी। इसलिए वह सोचती है कि जो विरह अवस्था उसकी है, वही उसके प्रिय की भी होगी। अत: वह कहती है कि अपने हृदय की वेदना से मेरी वेदना को समझ जाएँगे।
3. सच्चे मन में राम बसते हैं−दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
4. गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?
उत्तर
5. बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
बिहारी ने बताया है कि नायक और नायिका सबकी उपस्थिति में इशारों में अपने मन की बात करते हैं। नायक ने सबकी उपस्थिति में नायिका को इशारा किया। नायिका ने इशारे से मना किया। इस पर नायक रीझ गया। इस रीझ पर नायिका खीज उठी। दोनों के नेत्र मिले, नायक प्रसन्न था और नायिका की आँखों में लज्जा थी।
(ख) भाव स्पष्ट कीजिए-
1. मनौ नीलमनी-सैल पर आतपु पर्यौ प्रभात।
उत्तर
इस पंक्ति में श्रीकृष्ण की तुलना नीलमणि पर्वत से की गयी है। उनके अलौकिक सौंदर्य को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, मनो नीलमणि पर्वत पर प्रातः कालीन सूर्य की धूप फैली हो।
2. जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ-दाघ निदाघ।
उत्तर
उत्तर
3. जपमाला, छापैं, तिलक सरै न एकौ कामु।
उत्तर
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